RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
मेरे बदन पे लक्ष्मी के दाँतों से काटने के निशान नज़र आ रहे थे
जहा जहा उसने मस्ती में काटा था तो गंगा यह निशान देख के बोली
अरी लक्ष्मी तू ने क्या हालत बना दी है राज बाबू की तो उसने बोला के तू
ने भी तो काट खाया था इनके शोल्डर को देख अभी तक तेरे काटे का
निशान बाकी है तो गंगा भी मुस्कुराने लगी में और लक्ष्मी दोनो नंगे
ही बाथरूम में शवर लेने के लिए घुस गये और एक दूसरे को अच्छी
तरह से साबुन मल के नहलाने लगे
बाथरूम से बाहर निकल के दोनो ने एक दूसरे का बदन टवल से पूछा
और नंगे ही डाइनिंग टेबल की तरफ चले गये गंगा टेबल पे खाना
लगा चुकी थी में और लक्ष्मी तो नंगे ही थे जैसे ही गंगा करीब
आई लक्ष्मी ने उसे पकड़ के उसके कपड़े निकाल दिए और बोली के तुझे
शरम नही आती में और राज बाबू दोनो ही नंगे है और तो बड़ी मेमसाब
जैसे कपड़े पहेने घूम रही है तो उसने हँसते हुए कहा के अरी
पगली मेरी चूत को देखे गी तो पता चलेगा के वो तो समंदर जैसी
गीली हो रही है और सुबह से ही ( मेरे लंड की तरफ इशारा कर के
बोली )
इस मूसल लंड से चुदाई का सोचते सोचते में 4 – 5 टाइम तो ऑलरेडी
झड़ चुकी हू और मेरी चूत में तो भट्टी जैसे आग लगी हुई है अब
इस चूत की आग बुझाने का टाइम आ गया है और अपने कपड़े खुद ही
निकाल के नंगी ही आ के अपनी कुर्सी पे बैठ गई और हम तीनो ने
खाना खाया उसके बाद लक्ष्मी कॉफी बना ने किचन में चली गई तो
गंगा मेरे सामने आ के खड़ी हो गई और मेरी आँखों में आँखे
डाले घूर घूर के देखते हुए सीधे मेरे आकड़े हुए लंड पे अपनी
चूत टीका के बैठने लगी
डाइनिंग चेर बैठने की जगह पे गोल थी और बिना हत्थे ( विदाउट
हेड रेस्ट ) वाली थी इसी लिए वो मेरी कुर्सी के ऊपेर से ही दोनो
तरफ अपनी दोनो टाँगें रख के अपनी चूत के सुराख को मेरे लंड के
चिकने सुपाडे पे टीका दिया और डाइरेक्ट मेरे लंड पे बैठने लगी मेरा
लंड तो अच्छा ख़ासा रेस्ट ले चुका था और अपने सामने दो दो नंगी
लड़कियों की मस्त चुचियाँ और गरम गरम रसीली चूते देख के वो
तो किसी साँप की तरह से फपकारने लगा था और जोश में हिल रहा
था जैसे दोनो चूतो को प्रणाम कर रहा हो जिसे गंगा ने अपने हाथो से पकड़ के अपनी
भट्टी जैसे गरम और समंदर जैसी गीली चूत में घुसेड लिया था
और में उसके मम्मे चूसने और दबा ने लगा गंगा ने अपने हाथ मेरी
गर्दन में डाल दिए मुझ से चिपक गई और मेरे लंड पे उछलने लगी
जिस से उसके चुचियाँ भी डॅन्स करने लगे और साथ में उसका मंगल
सूत्र भी डॅन्स करने ल्गा और गंगा ने भी वोही लक्ष्मी वाली हरकत की
अपने मंगल सूत्र को पकड़ के मेरे सर में डाल दिया जिस से एक मंगल
सूत्र हाँ दोनो के गर्दानो में अटक गया था गंगा सुबह ही से मेरी
और लक्ष्मी की चुदाई का सोचते सोचते बहुत ही गरम हो चुकी थी और
मेरा लंड जो उसके चूत के बहुत अंदर तक घुस के उसकी बच्चे दानी
से टकरा रहा था उसपे 4 – 5 टाइम उछल ते ही मुझ से ज़ोर से लिपट
गई उसकी चुचियाँ मेरे सीने से चिपक गई और उसकी किशमिश जैसी
घुंडी मेरे सीने के बालों से रगड़ खा के अकड़ने लगी और उसकी
आँखें बंद हो गई और उसका बदन कापने लगा और वो मेरे लंड पे ही
एक सिसकारी भरते हुए ऊऊऊऊऊऊऊऊ
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊओह कहते हुए झड़ने
लगी मुझे बहुत ही टाइट पकड़ा हुआ था उसने और मुझे मेरे लंड पे
महसूस हो रहा था के उसकी टाइट चूत मेरे मोटे लंड को कस्स के
पकड़े हुए है मेरी
क्रीम तो अभी नही निकली थी पर वो झाड़ के मेरे लंड को अपनी चूत
के अंदर रखे रखे बंद आँखो से गहरी गहरी साँसें लेती हुई
ऐसे ही बैठी रही मेरा लंड गंगा की चूत में किसी खंबे की
तरह से गढ़ा हुआ था जिसे गंगा की चूत मे मसल्स निचोड़ रहे थे
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