RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
मेरे झटको से उसके टाइट चुचियाँ आगे पीछे हो रहे थे तो में
उसके बगल से हाथ निकाल के उसकी चुचिओ को पकड़ लिया और घचा
घच चोदने लगा. लंड पूरा बाहर निकाल निकाल के चूत में घुसेड
देता तो उसका बदन मेरे धक्के की ताक़त से आगे पीछे हो ने लगता.
में फ्लोर पे खड़ा था
और फ्लोर की ग्रिप ले के उसके बदन पे झुक गया थे और बहुत ज़ोर ज़ोर
पूरी ताक़त से चोद रहा था मेरा मूसल लंड उसकी चूतन की गहराईओं
मे घुस के उसके बच्चे दानी से टकरा रहा था. लक्ष्मी के मूह से मस्ती
भरी आवाज़ें निकाल रही थी आआआआअहह बाआबुउुउउ
आईसस्स्सीई हहिईीईईईईईईई आअहह चूऊद्ददडूऊऊऊ
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआहह किया मज़ाअ हाईईईई
आईसीईई चुदाईईईई मैईईईईई आआआहह.
में लक्ष्मी के ऊपेर पूरा झुका हुआ था और अब मे ज़ियादा सहन नही
कर सकता था मेरे बॉल्स में मेरी मलाई उबलने लगी और मेरे धक्के
तेज़ हो गये दोनो के शरीर पसीने से भीग चुके थे पसीना के
कुछ कतरे मेरी नाक के ऊपेर से उसके मूह पे गिर गये जिसे उसने बड़े
मज़े से चाट लिया मेरा लोहे जैसा सख़्त लंड लक्ष्मी की चूत में
फूलने लगा बहुत ही तेज़ी से चोद रहा था लंड अंदर बाहर अंदर
बाहर जैसे लंड नही किसी रेलवे एंजिन का शॅफ्ट है और अब स्पीड
फुल हो चुकी थी और लक्ष्मी का बदन तो बेड पे बहुत ही ज़ोर से आगे
पीछे हो रहा था मेरे धक्के को एक बार फिर से लक्ष्मी ने मेरे बदन
को टाइट पकड़ लिया और उसी समय में ने एक और ज़बरदस्त धक्का मारा
तो लक्ष्मी का मूह खुल गया आआआआ आआआआआ आआआआआ
आआआआआअ उूुुुुुुुउऊहह और वो ऐसे हिलने लगी जैसे
एलेक्ट्रिक के झटके लग रहे हो उसी टाइम पे में भी लंड को चूत से
पूरा बाहर निकाल के एक फुल शॉट मारा और लंड उसकी फटी चूत में
जड़ तक पेल दिया जो अंदर जा के उसकी बच्चे दानी से टकराया लक्ष्मी
चिल्लाई आआआआआआआईईईईईई म्म्म्मरमममाआआआआआआआ
उूुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफ्फ़ और लंड के सुराख से मलाई की मोटी मोटी
धारियाँ निकल निकल के उसकी चूत को भरने लगी और उसी समय लक्ष्मी
भी हिलते हुए झड़ने लगी मेरी मलाई निकलती रही निकलती रही और
उसकी चूत भरती रही मेरे धक्के धीरे धीरे रुकने लगे और में
गहरी गहरी साँस लेता हुआ लक्ष्मी के बदन पे ही ढेर हो गया ऐसे लग
रहा था जैसे बदन में जान ही नही है. थोड़ी देर के बाद जब साँसें ठीक हुई तो
लक्ष्मी और में एक दूसरे को दीवानो की तरह चूमने लगे जैसे चुदाई
का जशन मना रहे हो और लक्ष्मी का चेहरा चौदहवीं के चाँद की
तरह से चमकने लगा और किसी हसीन गुलाब की तरह से खिल उठा
था और चमक रहा था मुझे इंग्लीश में किसी किताब में पढ़ा हुआ एक
जुमला याद आने लगा "आफ्टर सेक्स विमन ग्लो आंड हॉर्सस स्वीट" "आंड
लक्ष्मी वाज़ डूयिंग मोर देन ग्लोयिंग" और बॅस ऐसे ही लक्ष्मी का चेहरा
भी खुशी के और सॅटिस्फॅक्षन से चौदहवीं की चाँद की तरह से
चमक रहा था.
में लक्ष्मी के बदन पे ही लेटा रहा उसकी चुचियाँ मेरे वज़न से दब के
दोनो के शरीर के बीचा में चिपक गई थी उसकी निपल्स अभी भी
कड़क और खड़े हुए थे. थोड़ी देर के बाद जब में ने अपना लंड लक्ष्मी
की चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से दोनो की मिक्स मलाई और साथ
में थोड़ा सा खून भी निकल के उसके चुतडो के दरार से बहता हुआ
बेड पे गिरने लगा.
लक्ष्मी खून देख के मुस्कुराने लगी और बोली के राज बाबू क्या में
अभी तक कुँवारी ही थी. क्या मेरी सील आज ही टूटी है तो में भी
मुस्कुरा दिया और बोला के खुद ही देख को शाएद इतने मोटे लंड से कभी
चुदाई नही हुई है तुम्हारी इसी लिए शाएद खून निकला हो फिर में
बोला के गंगा की चुदाई के बाद उसकी चूत से भी तो खून निकला था.
चलो अच्छा हुआ के आज तुम्हारी फिर से सील टूट गई और फिर हम दोनो
एक दूसरे से लिपट गये और चूमते हुए हँसने लगे.
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