RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
गंगा की मस्त चूत को चोदते चोदते पता नही कब मेरी मलाई निकलना
बंद हो गई और मेरी ग्रिप विंडो के आइरन रोड पे ढीली पड़ गई और
मेरे हाथ से निकल गई और उसी समय गंगा का बेजान बदन मेरे बदन
से स्लिप हुआ और गंगा दीवार से लगे लगे नीचे फ्लोर पे बैठ गई
जैसे उसकी टाँगो से जान निकल गई हो उसकी आँखें पूरी तरह से
खुली हुई थी और लग रहा था के उसको खुली आँखो से कुछ देखाई
नही दे रहा हो ऐसा लग रहा था जैसे बहुत बड़ा शॉक लगा हो और
गहरी गहरी साँसें ले रही थी और मुझे लगा जैसे मेरी टांगो में
भी ताक़त ख़तम हो गई और में भी नीचे बैठ ते बैठ ते गंगा के
सामने लेट गया और गंगा दीवार से टिकी हुई बैठी रही. दीवार के
और मेरे बीच ज़ियादा डिस्टेन्स नही था और फिर गंगा भी बैठी थी
इसी लिए मेरी टाँगें मेरे घुटने के पास से मूडी हुई थी में अपनी
टाँगें मोड हुए ही फ्लोर पे ही लेट गया और गंगा मेरे टाँगो के
बीच में बैठी रही. मेरा लंड मेरे जाँघ पे पड़ा हुआ था और हम
दोनो की मलाई से गीला हो के चमक रहा था.
गंगा की और मेरी साँसें तेज़ी से चल रही थी. थोड़ी देर के बाद
गंगा बैठे बैठे मेरे बदन के ऊपेर मूह के बल लेट गई जिस से
उसका मूह मेरे लंड के बहुत करीब था और मेरे लंड पे उसकी गरम
साँसें महसूस हो रही थी. गंगा मेरे ऊपेर आधी बैठी आधी
लेटी रही. मेरी आँखें ऐसे ही मस्ती में बंद थी और में लेग्स मोड़
के लेटा थे. मेरे पैर दीवार से लगे हुए थे और गंगा मेरे टांगो के
बीचे में थी और मेरे बदन पे पड़ी हुई थी. लगता था के गंगा को
मुझ से पहले ही होश आगया और उसने मेरे मलाई से भरे लंड को अपने
मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसकी जीभ मेरे लंड से लगते ही
जैसे मेरे बे जान और मुरझाए लंड में फिर से जान आ गई और लंड
में मूव्मेंट्स शुरू हो गई और देखते ही देखते वो गंगा के मूह में
ही अकड़ने लगा और उसका मूह फुल हॉगया. गंगा के बूब्से मेरे जाँघ से
लग रहे थे और गंगा मेरे लंड के डंडे को पकड़ के सुपाडे को ज़ोर
ज़ोर से चूसने लगी. बाहर बारिश बहुत तेज़ हो गई थी घर के अंदर
तकरीबन अंधेरा छा गया था और रूम ठंडा हो गया था पर
हमारे बदन बहुत ही गरम थे और वासना की आग में जल रहे थे और
हमें ठंड का एहसास भी नही हो रहा था. में ऐसे ही लेटे लेटे
गंगा को उठा के अपने ऊपेर खेच लिया और अपनी जीभ उसके मूह में डाल
के किस करने लगा उसके मूह में हमारी मिक्स मलाई का टेस्ट आ रहा
था. मेरा रॉकेट जैसा लंड मेरे जाँघ पे पड़ा हुआ था जिसपे गंगा
ऐसे बैठी थी के उसकी चूत के लिप्स के बीच में मेरे लंड के डंडे
का बॅक साइड था और अपने गीली चूत को लंड के बॅक साइड पे ही आगे
पीछे कर के ऐसे फिसल रही थी जैसे छोटे बच्चे (किड्स) स्टेर केस
के हॅंडरेल्स पे फिसलते हैं और जिस से लंड चूत के अंदर नही
घुसा था लैकिन गंगा की चूत के लिप्स पूरी तरह से मेरे लंड पे
खुल गये थे. गंगा की गीली गरम सुलगती हुई चूत लंड पे लगने
से लंड में से भी प्रेकुं निकलना शुरू हो गया था. गंगा के और
मेरे पैर दीवार से लगे और मुड़े हुए थे और दीवार की ग्रिप हम दोनो
को मिल रही थी. - गंगा
की चुचियाँ मेरे मूह के सामने थी और में उनको मूह में ले को चूसने
लगा उसके मस्त निपल्स को काटने लगा तो गंगा को बहुत ही मज़ा आ
गया और उसके मूह से सिसकारिया निकलना शुरू हो गई आहह
बाआआबुउुउउ छ्छूऊसस्स्सूऊ आईसीईए हीईीईईईईईईई मेरे लंड पे आगे
पीछे हिलते हुए लंड का सुपाडा कभी उसके चूत के सुराख के दाने को
हिट करता या सुराख में अटक जाता तो उसके मूह से उूुुुुउउफफफफफफफफफफफ्फ़
ऊओिईईईई की आवाज़ निकल जाती. गीता के चूत से निकलते जूस के
चलते मेरे लंड का डंडा भी बहुत ही गीला हो चुका था और अब मुझ
से सहन नही हो रहा था तो में गंगा को अपनी ओर खेच के नीचे
किया और उसकी चूत में एक ही झटके में अपना लंड पेल दिया तो गंगा के
मूह से हहाआआआआआआआआआआआआआ की आवाज़ निकली
और उसकी आँख खुली रह गई पर लंड तो पूरा घुस ही चुका था.
मेरे मूसल लंड पे वो एक मिनिट ऐसे ही बैठी रही और जब उसकी
चूत मेरे लंड की थिकनेस से अड्जस्ट हो गई तो आगे पीछे हो के
मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी और में भी अपनी गान्ड उठा के
लंड को उसकी चूत के बहुत अंदर तक पेल के चुदाई करने लगा उसके
बूब्स मेरे सामने डॅन्स कर रहे थे और उसका मंगल सूत्र पेंडुलूंकी
तरह से आगे पीछे हो रहा था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और अब
गंगा के पैर मेरे दोनो तरफ थे और वो मेरे लंड पे ऐसे सवार थी
जैसी घोड़े की सवारी कर रही हो रेसिंग के जॉकी की तरह. लंड
उसके चूत मे पूरी तरह से घुस चुका था और उसके बच्चे दानी से
टकरा रहा था. गंगा मस्ती में उछल उछल के चुदवा रही थी. गंगा
की चूत से जूस कंटिन्यू निकल रहा था ऐसे लग रहा था जैसे वो
2 या 3 बार झड़ चुकी है.
अब में गंगा को पकड़ के ऐसे ही पलट गया और अब वो मेरे नीचे
थी और में उसके ऊपेर. गंगा के पैर घुटनो के पास से मुड़े हुए थे
और मेरे पैर पीछे दीवार से ग्रिप ले के टीके हुए थे और में अपने
लंड को बाहर निकाल निकाल के चोद रहा था. मेरा मिज़ाइल जैसा लंड
गंगा की टाइट चूत को चोद रहा था और वो
ऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआअहह
आऐईीीइसस्स्स्सीईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई
साआआअबजीईई ऊऊऊऊऊओ आईईसीईई हीईीईईईईई
चूऊऊऊद्दडूऊऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआाााद्दद्ड
ददाााआआआआआााल्लूऊऊऊऊऊऊऊओ मेरिइईईई
चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊथततत्त
बबुउुुुुुुुुुुुुुुुउुजीईईईईईईईईई
और उसकी हिलती हुई चुचियों को पकड़ के धना धन्न चोद रहा था.
गंगा के टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और में दीवार का सहारा
ले के उसकी चूत फाड़ रहा था. अब गंगा की बगल से हाथ निकाल के
उसकी शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़ लिया और घचा घच चोदने लगा उसका
बदन किसी सूखे हुए पेड की तरह से काँपने लगा और वो झड़ने
लगी. गंगा की चूत उस के जूस से समंदर जैसे गीली हो चुकी
थी और चुदाई की प्प्प्पकक्चह्क्ककक प्प्प्पक्कक्चह्क्कककक की साउंड से कमरे
में म्यूज़िक जैसे बज रही थी. अब मुझे लगा के में भी ज़ियादा देर तक
कंट्रोल नही कर सकुगा और अपने झटके फास्ट कर के चुदाई करने लगा
और लंड को पूरा सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के बहुत ज़ोर ज़ोर से
उसकी चूत के अंदर घुसेड दिया तो गंगा के आँखो से आँसू निकल
गये वो मस्ती में चुदवा रही थी और फिर मेरी चुदाई शाएद 200 केम
पर अवर की स्पीड से चल रही थी और फाइनली एक इतनी ज़ोर का धक्का
मारा के गंगा के मूह से आआआआआहह
मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईई मेईईईईईईईईईईईईईईईईईई
बबुउुुुुुुुउउ की आवास निकली और उसका मूह खुला का खुला रह गया और
उसका बदन ऐसे झटके खाने लगा जैसे एलेक्ट्रिक शॉक लगा हो और
मुझ से ज़ोर से लिपट गई और उसी समय मेरे लंड में से भी गरम
गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी पहले से
ही जूस से भरी चूत में गिरने लगी और उसकी चूत फुल हो के
ओवरफ्लो होने लगी. मेरी मलाई निकलने तक मेरे झटके चल रहे थे
और फिर में भी उसके बदन पे गिर गया मेरा लंड अभी भी गंगा की
गीली चूत में ही था और दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे दोनो
की आँखें बंद थी जैसे हम दोनो को पता ही नही के क्या हो रहा
है और हम कहा है.
|