RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
में गहरी नींद सो रहा था डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी तो मेरी
आँख खुल गई पहले तो मेरी समझ में नही आया के यह क्या आवाज़ आ
रही है थोड़ी देर बाद गौर से सुना तो पता चला के कोई बेल बजा
रहा है तो में बेड से खड़ा हो गया घड़ी देखा तो 4 बजने के करीब
था. बाहर के आवाज़ से मालूम हो रहा था के अभी बारिश बहुत ज़ोर से
हो रही है. में बेड से नीचे उतर के खड़ा हो गया अपने आप को
अलमारी के मिरर मे देखा तो पाया के में नंगा हू पास पड़ा हुआ
टवल उठा के अपने बदन पे लपेट लिया और डोर की तरफ चला गया.
डोर खोला तो देखा के गंगा खड़ी है एक दम से गीली बारिश में
पूरी तरह से भीग चुकी है उसके बदन और कपड़ो से पानी टपक
रहा है उसका ब्लाउस उसके बदन से चिपका हुआ था जिस्मै से उसकी
चुचियों की गोलियाँ और उभरे हुए निपल सॉफ नज़र आ रहे थे. में
ने उसका हाथ पकड़ के जल्दी से डोर के अंदर खेच लिया और डोर बंद
कर दिया बारिश बाहर बहुत ज़ोर से हो रही थी और गहरे बादल छाए
हुए थे जिस से बाहर ऑलमोस्ट अंधेरा हो गया था. अफ गंगा तुम तो
बिल्कुल भीग चुकी हो तुम्हें सर्दी लग जाएगी एक मिनिट ठहरो में
अभी टवल ले के आता हू तुम तब तक अपने कपड़े उतार लो में कुछ लेके
आता हू तुम कपड़े चेंज कर लेना और में दौड़ता हुआ अपने कमरे की
तरफ चला गया और एक नया टवल हाथ में ले के आ गया इतनी देर
में गंगा अपने कपड़े उतार के वही फ़राश पे डाल चुकी थी और नंगी
खड़ी थी. उसके सारे बदन से पानी टपक रहा था निपल्स पे भी दो
ड्रॉप्स पानी के चमक रहे थे. गीली गंगा बहुत सुंदर लग रही थी.
खुलता हुआ सवला रंग, गीले बॉल पीछे पड़े हुए थे चुचियाँ ऊपेर
नीचे हो रही थी. उसकी मस्त रानो के बीच में उसकी चूत जिसपे
बहुत थोड़े से काले काले झांट थे और झतो के नोक पे भी पानी के
ड्रॉप्स ऐसे चमक रहे थे जैसे हीरे (डाइमंड) हो मेरे सामने गीली
गंगा खड़ी हुई थी और मुझे घूर घूर के ऐसे देख रही थी जैसे
मुझे कचा ही खा जाएगी. – .
में उसके करीब आ गया और उसको टवल दिया और बोला के अपने बदन को
पौंछ लो वो कुछ नही बोली बॅस मेरी तरफ ही घूर घूर के अपनी
नशेली नज़रो से ऐसे देख रही थी जैसे कोई जानवर अपने शिकार को
देखता है और मेरे हाथ से टवल को ले के दूर रखी चैर पे फेक
दिया और मेरे करीब आके मेरा टवल भी खेच के निकाल लिया और बोली
के सुबह से तुम्हारे लंड ने मुझे पागल किया हुआ है बाबू जब से
तुम्हारा लंड का दर्शन हुआ है मेरी चूत में आग लगी हुई है बहुत
तडपाया है तुम्हारे मूसल ने मुझे और बोली के में तो ऊपेर और अंदर
से पूरी तरह से गीली हू बाबू और मुझ पे भूकि शेरनी की तरह
झपट पड़ी मुझे दबा के पकड़ लिया और मेरे कुछ सोचने और समझने
से पहले ही मेरे होटो पे अपने होन्ट टीका दिए और मेरे होन्ट काटने
लगी और मेरा मूह ऑटोमॅटिकली खुल गया और हम मस्ती भरा किस
करने लगे एक दूसरे की जीभ चूस्टे रहे और उसी समय मेरा लंड एक
झटका मार के खड़ा हो गया और स्प्रिंग की तरह से मेरे पेट से जा
लगा.
उसका गीला बदन भी बहुत गरम था शाएद वासना की आग में जल रहा
होगा. गंगा मुझ पे दीवानो की तरह झपट पड़ी और मुझे अपनी बाँहों
में पकड़ लिया और मुझे पलटा के दीवार से लगा के दबा दिया और ज़ोर
ज़ोर से किस करने लगी और अपने बदन को मेरे बदन से रगड़ने लगी.
मेरे मूह में अपनी जीभ घुसेड डाली जिसे में भी ज़ोर ज़ोर से चूसने
लगा और फिर मेरी जीभ को वो भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मेरा
लंड हम दोनो के बदन के बीच में सॅंडविच बन गया था. गंगा की
नाभि के पास मेरे लंड का सुपाडा था और वो अपने बदन को मेरे बदन
से रगड़ रही थी. मेरे लंड से प्री कम के ड्रॉप्स निकलना शुरू हो
गये थे. गंगा इतनी गरम हो गई थी के उसका बदन एक ही मिनिट के
अंदर ड्राइ हो चुका था. वो मेरी ज़बान को कुछ इस तरह से चूस रही
थी जैसे मेरी ज़बान को खाज़ाएगी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरे सीने से
चिपक के दब्ब गई थी.
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