RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
सीता आंटी की आँख खुली तो 11 बज चुके थे. उनका सर भारी लग
रहा था अपने आप को देखा तो पता चला के वो तो नंगी है फिर उनको
रात की चुदाई याद आई और सीता आंटी के होंठो पे ऑटोमॅटिकली एक
सेक्सी मुस्कान आ गई. कपड़े उनके पास ही पड़े थे वो कपड़े पहेन के
बाहर निकली तो गंगा किचन में सफाई कर रही थी तो सीता आंटी ने
पूछा कब आइ तो गंगा बोली के बस अभी अभी आइ हू बीबी तो सीता
आंटी ने इम्तमिनान का सांस लिया और सोचा के शाएद राज के चले जाने के
बाद ही गंगा आई होगी और उसको पता नही चला होगा के रात राज
मेरे साथ ही सोया था. गंगा ने कहा बीबी रात बहुत बारिश हुई ना तो
सीता आंटी ने कहा हा बहुत बारिश हुई और बिजली भी तो बहुत ज़ोर से
कड़क रही थी. सीता आंटी समझी नही के गंगा का मतलब कौन सी
बारिश से था गंगा का मतलब था के बहुत चुदाई हुई और चूत में
मलाई की खूब बारिश हुई पर सीता आंटी को गंगा की बात समझ में
नही आई थी. सीता आंटी गंगा से बोली के गंगा आज मेरा सारा बदन
टूट रहा है एक बढ़िया सी कड़क चाइ बना दो में अभी शवर ले के
आती हू. गंगा ने बोला के ठीक है बीबी हो सकता है के बारिश की
वजह से आप को गहरी नींद आई होगी तो सीता आंटी ने कहा हा गंगा
में बहुत थक्क गई थी और फिर बहुत बारिश भी हुई ना तो में बहुत
गहरी नींद सो गई और देर से भी उठी इसी लिए शाएद बदन टूट रहा
है गंगा ने कहा अगर आप कहो बीबी तो में आपके बदन की मालिश
कर दूं तो सीता आंटी कुछ सोचने लगी फिर बोली के अभी नही फिर कभी
कर देना अभी तो सिर्फ़ चाइ ही पिल दो तो गंगा ने कहा ठीक है अभी
चाइ बना के लाती हू बीबी और किचन में जाते जाते उसके होटो पे एक
मुस्कुरहट थी पता नही यह मुस्कुराहट सीता आंटी की चुदाई को जान
के हुई थी या आज राज के लंबे मोटे लंड से चुदवाने का ख़याल आ
गया था. –
शाम 3 बजे के करीब जब गंगा काम ख़तम करके जाने को रेडी हो
रही थी तो फिर से हल्की हल्की बारिश स्टार्ट हो गई थी. सीता आंटी ने
गंगा से कहा गंगा आज से राज के घर जाओगी क्या तो गंगा ने कहा
हा बीबी आज पहली तारीख है ना तो में राज बाबू के घर काम करने
को तैयार हू और वही जा रही हू और उनका काम भी देख लुगी और आज
से काम भी चालू कर दुगी उनके घर के करीब ही तो बस स्टॉप भी है
वहाँ से अपने घर चली जाउन्गि. गंगा ने पूछा राजा बाबू को यहा आने
के लिए बोलू क्या बीबीजी? तो सीता आंटी एक मिनिट के लिए कुछ सोचने
लगी फिर बोली नही रहने दो आज छुट्टी है ना तो हो सकता है राज
आराम कर रहा होगा और अभी तो में भी सोने जा रही हू पता नही
राज फ्री होगा या नही तुम जाओ राज को में बाद में फोन कर लुगी तो
गंगा अपनी सारी संभालती हुई बाहर निकल के सड़क पे आगई. सीता
आंटी के घर से मेरा घर ऑलमोस्ट 15 मिनिट की वॉकिंग डिस्टेन्स पे
था. गंगा अभी आधा ही रास्ता आई थी के बारिश तेज़ी से होने लगी
और देखते ही देखते बहुत ही ज़ोर से होने लगी और गंगा का बदन
पूरी तरह से भीग गया पर बारिश का ठंडा पानी भी गंगा के
गरम बदन को ठंडा नही कर सका और वो मुस्कुराती मेरे घर की ओर
बढ़ती रही जैसे बारिश में नही चाँदनी रात में आराम से टहल
रही हो.
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