RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
वो मेरी तरफ शरारत से एक आँख बंद करके बोली के रात कैसी गुज़री
राजा बाबू मेब साहेब तो ठीक है ना यह उसने मेरे लंड की तरफ
देखते हुए कहा तो में धीरे से मुस्कुरा दिया और बोला के हा ठीक
है और गंगा से बोला के सुनो गंगा प्लीज़ सीता आंटी को नही बताना
के तुम्हें यह पता चल गया है के में आंटी को चोद चुका हू तो वो
एक आँख बंद करके शरारत से बोली के मुझे क्या मिलेगा बाबूजी तो
में अपने लंड की ओर इशारा कर के बोला के यह मिलेगा तो वो हँसने लगी
और बोली के बाबूजी यह मुझे मिलेगा तो में किसी से कुछ नही कहुगी
मुझे तो पता ही है के आप सीता और गीता दोनो मा बेटी को चोद
चुके हो. में ने कुछ नही कहा और ऐसे ही खड़ा गंगा की ओर देखता
रहा तो गंगा बोली के राजा बाबू किया में इसे हाथ में ले के देख सकती
हू तो में ने कहा ठीक है देखो और उस के करीब आने से पहले ही
मेरा लंबा मोटा लंड हाथी (एलिफेंट) की सूंड की तरह उठ के मेरे
पेट से लग गया जैसे गंगा की चूत को प्रणाम कर रहा हो गंगा की
आँखें मेरे लंड का पावरफुल एरेक्षन देख के फैल गई और गौर से
देखने लगी और बोली वाउ क्या मस्त हथ्यार पाया है राज बाबू आप ने
और बीबीजी तो मस्त हो गई होगी इस मूसल से चुद्वके और फिर वो मेरे
सामने घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले के
गौर से ऊपेर नीचे देखने लगी फिर अपने हाथो से लंड को दबाया और
किस करने लगी और देखते ही देखते अपना मूह खोल के लंड के टोपे को
चूसने लगी तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके सर पे चला गया और
में एक मिनिट की देर किए बिना ही उसके मूह को चोदने लगा. गंगा बोली
के बाबूजी यह तो मस्त टेस्टी है तो में समझ गया के कल रात को
चुदाई के बाद लंड को बिना वॉश किए ही सो गया था और गंगा मेरे
लंड पे लगी मेरी और सीता आंटी की मिक्स क्रीम को टेस्ट कर रही है.
गंगा मेरी गान्ड पे हाथ रख के मुझे अपनी ओर खेच के मेरे लंड को
लॉली पोप की तरह अपने हलक (थ्रोट) के अंदर तक ले ले के चूसने
लगी.- – गंगा का मूह
मस्ती में बहुत गरम था और में उसके मूह की गर्मी को ज़ियादा देर तक
सहन नही कर पाया और उसके हलक के अंदर तक अपना लंड घुसेड दिया
और मलाई की मोटी मोटी पिचकारीओं की धार निकलने लगी और उसके
थ्रोट में से डाइरेक्ट उसके पेट में गिरने लगी वो मेरी सारी मलाई मज़े
से खा गई. गंगा को उठाया और उसकी चुचियों को मसलते हुए उसकी
चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ के ज़ोर से मसल दिया तो उसके मूह से
सिसकारी निकली उूुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स
बबुउुुुुुुुुुुुुउउ वो मेरे लंड को देख के उसको चूस के मस्त तो हो
ही चुकी थी मेरे मुट्ठी में उसकी चूत आते उसने अपनी दोनो जांघों से
मेरे हाथ को ज़ोर से दबा के पकड़ लिया और उसके बदन में जैसे
एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो ज़ोर से
काँपने लगी और झड़ने लगी.
में दोनो के कपड़े उठा के सीता आंटी के बेडरूम में आया और उनकी
नाइटी बेड पे रख दिया वो अभी भी गहरी नींद सो रही थी उनकी नंगी
चुचियाँ समंदर की लहरो की तरह से ऊपेर नीचे हो रही थी और
साथ में उनका मंगल सूत्र जो राइट साइड की निपल से चिपका हुआ था
वो भी ऊपेर नीचे होने लगा. में अपने कपड़े पहेन के रूम के बाहर
निकल गया और गंगा को फिर से बोला के देखो सीता आंटी को पता ना
चलना चाहिए गंगा तो उसने अपना सर हा में हिलाया और बोली के राज
बाबू में आज शाम में आपके पास आउन्गि आपको काम वाली चाहिए ना तो
उसी बारे में बात करना चाहती हू और काम देखना चाहती हू और आज
पहली तारीख भी है ना तो में आज से ही आपका काम सुरू करदेना
चाहती हू तो में खुश हो गया और कहा के ओह गंगा में बहुत खुश
हू के तुम मेरे घर काम करने को रेडी हो गई हो तुम यहा का काम
ख़तम करके मेरे घर पे आ जाना तुम्हें पता तो है ना मेरे घर का
तो उसने कहा के हा आपका घर देखा है और हँसते हुए बोली के पर
अंदर से नही देखा आज देख लुगी तो में भी हँसने लगा और बोला के
में तुम्हारा वेट करूगा और बाहर निकल के अपनी बाइक स्टार्ट करके अपने
घर की ओर चल दिया रास्ते में गंगा की चूत और चुदाई का सोचते
सोचते घर पहुँच गया और गरम गरम पानी का शवर लिया और बेड पे
लेट ते ही गहरी नींद सो गया.
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