RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
लंड एक ही झटके में उनकी बहुत छोटी सी टाइट मक्खन
जैसी गान्ड को फाड़ के अंदर जड़ तक घुस ही चुका था. में बिना
धक्को के थोड़ी देर तक उनको टाइट पकड़े ऐसे ही लेटा रहा फिर जब
उनकी गान्ड के मसल्स थोड़े रिलॅक्स हुए तो में उनके शोल्डर्स को पकड़
के उनकी गान्ड मारने लगा आअहह किया वंडरफुल टाइट गान्ड थी आंटी
की मस्त टाइट गान्ड मारने में बहुत मज़ा आ रहा था. –
- अब आंटी भी अपनी गान्ड में मेरा लंड
ले के मज़े से गान्ड मरवा रही थी और में उनकी गान्ड फुल स्पीड से
मार रहा था. मेरी मलाई निकलने ही वाली थी तो में आंटी से पूछा
के मलाई कहा निकालु गान्ड में या चूत में तो बोली के राज्ज्ज मेरी
चूत बहुत सालो से प्यासी है अपनी गरम मलाई मेरी चूत में ही
डाल के उसकी प्यास को बुझा दो तो में अपने लंड को उनकी गान्ड से बाहर
खेच के निकाल लिया और आंटी को एक ही झटके में सीधा कर दिया और
उनकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेट के एक ही झटका मारा और मेरा मिज़ाइल
जैसा लंड उनकी गीली गरम चूत में जड़ तक पेल दिया सीता आंटी के
बदन में एक तनाव आ गया और वो मुझ से ज़ोर से लिपट गई में अपने
मूसल लंड को पूरा सुपाडे तक चूत से बाहर निकाल के एक बहुत ही
पावरफुल चूत फाड़ धक्का मारा और उनके मूह से ऊऊऊऊऊऊओ
उूुुुुुुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और मेरे लोहे
जैसे सख़्त और मोटे लंड में से मलाई की मोटी धार वाली पिचकारिया
निकल निकल के उनकी चूत को भरने लगी. सीता आंटी की चूत में मेरी
मलाई की पिचकारी लगते ही उनका बदन फिर से थॅर थॅर काँपने लगा
और वो फिर से झड़ने लगी दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे में
आंटी के ऊपेर ही पड़ा रहा मेरा लंड उनकी गीली चूत में ही नरम
होने लगा था और थोड़ी ही देर में प्लॉप की आवाज़ के साथ ही उनकी चूत
से बाहर निकल गया और हमारी मिक्स मलाई उनकी चूत से ओवरफ्लो हो के
नीचे बेडशीट पे गिरने लगी.
- सीता आंटी की चूत इतनी मस्त और फुल चुदाई से गुलाब के
फूल की तरह खिल उठी थी. सीता आंटी मेरे से लिपट गई और बोली
के राज यू आर जस्ट वंडरफुल कमाल का चोदते हो तुम आज ज़िंदगी
में पहली बार इतना चुदि हू और इतने टाइम झड़ी हू के में गिनती ही
भूल गई और मेरी प्यासी चूत की आज प्यास मिट गई हो और मेरा बदन
बिल्कुल ही हल्का लग रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में आकाश
में उड़ी जा रही हू इतने टाइम चुदाई तो में कभी ख्वाब में भी नही
सोच सकती थी आई नीड युवर इनक्रेडिबल लंड इन माइ चूत ऑल्वेज़ राज
में चाहती हू के तुम मुझे हमेशा चोदते ही रहो ऐसी मस्त चुदाई की
तो कोई लड़की सिर्फ़ कल्पना ही कर सकती है और आज मेरी बरसो की
ख्वाहिश पूरी हो गई है और तुम्हारा लंड चूत से बाहर निकालने के
बाद ऐसा लग रहा है जैसे मेरी चूत एक दम से खाली हो गई हो.
मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ के बोली के यह सरकम्साइज़्ड लंड तो
बहुत ही लाजवाब है और किसी छुरी (नाइफ) की तरह तेज़ भी है
गीता के पापा का फॉरेस्किन वाला है इसी लिए शाएद मुझे उतना मज़ा
नही आता जितना तुम्हारे लंड से आया है और बोली के मेरी एक ऑफीस
की फ्रेंड है जिसका नाम नेहा है वो भी बता रही थे के उसका कोई
मुस्लिम फ्रेंड है जिसने उसको चोदा है तो वो भी बता रही थी के
सरकम्साइज़्ड लंड से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है जिसका मुझे आज
पता चला राज तुम्हारा लंड तो सच में वंडरफुल यह तो किसी की
चू त में घुस के धूम मचा देगा.
में उनके बदन से साइड में लुढ़क गया और हम दोनो एक दूसरे से
लिपट गये सीता आंटी बोली के प्लीज़ राज्ज मुझे कभी नही छोड़ना
हमेशा मेरे साथ ही रहना आइ लव युवर मूसल लंड और मेरे लंड को
अपने नाज़ुक हाथो से पकड़ के दबाने लगी और बोली के यह शैतान आज
मेरी कुवारि गान्ड भी मार चुका है आज तक में ने किसी से भी गान्ड
नही मरवाई थी मुझे पता नही था के गान्ड मरवाने का अपने एक अलग
ही स्वाद है. हम दोनो हँसते हुए एक दूसरे से लिपटे रहे और पता नही
कब नींद आ गई और हम एक दूसरे से लिपटे लिपटे ही सो गये.
सुबह मेरी आँख सब से पहले खुली मुझे समझ में नही आ रही थी
के में कहा हू अपने दिमाग़ पे ज़ोर दिया के में कहा हू तो मुझे सीता
आंटी साइड में लेटी दिखाई दी और फॉरन ही मुझे हमारी चुदाई की
रात याद आ गई देखा तो में उनके बेड पे ही था आंटी मेरे साइड में
गहरी गेँरी सांस लेते हुए सो रही थी हम दोनो नंगे थे. मुझे याद
आया के हम दोनो के कपड़े तो टीवी रूम में ही पड़े है तो में आहिस्ता
से बेड पे से उठा और टीवी रूम की तरफ जाने लगा. विंडो पे और डोर
पे थिक कर्टन्स की वजह से लग रहा था जैसे अभी रात ही है जब
के दिन के 10 बज चुके थे. में बिना आंटी को डिस्टर्ब किए रूम से
नंगा ही बाहर आया मेरा लंड मेरे रानो के बीच में लटक रहा था
रात आंटी की इतनी मस्त टाइट चूत की चुदाई के बाद मेरा लंड भी
मस्त हो गया था. में टीवी रूम के सेंटर में आ गया अपने कपड़े उठाने
के लिए झुका ही था के उसी समय सामने के रूम में से गंगा बाहर
निकली और मुझे देखते ही उसके मूह से वाउ निकल गया और करीब आ के
थोड़ा सा झुक के अपने हाथ जोड़ के मेरे लंड की तरफ देखते हुए
प्रणाम किया और मुझे देखते हुए राज बाबू कहा यह सब ऐसे लग रहा
था जैसे वो मेरे लंड को देखते हुआ मुझे प्रणाम कर रही हो बट
उसने पहले मेरे लंड को प्रणाम किया और मुझे ( सब मिला के बन गया
प्रणाम राज बाबू ) कहा तो में गड़बड़ा गया और अपने कपड़े उठा ने
लगा. मेरी समझ में नही आया के उस से क्या बोलू. मुझे लगा जैसे
गंगा पहले ही हमारे कपड़े टीवी रूम में देख चुकी थी और शाएद वेट
कर रही थी के कौन पहले रूम से बाहर निकलता है कपड़े लेने के
लिए ताके वो उसको रंगे हाथो पकड़ के तमाशा देख सके उसकी
किस्मत अच्छी थी के उसके दर्शन मेरे मूसल लंड से हुए और अगर पहले
सीता आंटी नंगी बाहर निकल जाती तो पता नही आंटी को कितनी
एंबरस्सेमेंट होती.
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