RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
इतनी चुदाई के बाद मेरे लंड से क्रीम तो अभी निकलने वाली नही थी
इसी लिए आंटी के शोल्डर्स को पकड़ के अपने लंड पे जो उनकी चूत
में जड़ तक घुस चुका था बिठा लिया और चोद्नना कुछ देर के लिए
रोक दिया.
सीता आंटी मेरे लंड पे बैठी रही और उनका उछलना बंद हो गया
और वो मेरे लंड को अपनी चूत में रखे शांत हो के बैठ गई और
हम इधर उधर की बातें करने लगे. में पूछा के आंटी शरमा जी
का लंड कैसा है और वो कैसे चुदाई करते है तो उनके मूह लाल हो
गया और बोली राज तुम ने ऐसे टाइम पे उनकी याद दिला के मेरे
चुदाई के रंग में भंग डाल दिया इतना मज़ा आया था मुझे और तुम ने
सारा मज़ा किर कीरा कर दिया. अब तुम ने पूछ ही लिया है तो सुनो उनका
लंड तुम्हारे तगड़े लौडे का 1/4त भी नही है और मोस्ट ऑफ दा टाइम
उनका लौडा पूरी तरह से अकड़ता भी नही और कभी थोड़ा सा अकड़ भी
जाता है तो चूत के अंदर जाने से पहले ही उनका पतला पानी निकाल
जाता है और मुझे गरम करके पलट के सो जाते है. शादी के बाद
कभी कभी ही उनका लौडा मेरी चूत के अंदर तक घुस पाया था और
उसी में प्रेग्नेन्सी ठहर गई थी और गीता पैदा हो गई. उसके पैदा
होने के बाद से आज तक कभी भी उनका लंड चूत के अंदर अच्छी तरह
से नही घुस पाया और वो मुझे कभी भी सॅटिस्फाइ नही कर पाए और
मुझे कभी भी चुदाई का मज़ा नही आया. फिर आप किया करती हो आंटी
तो बोली के किया कर सकती हू उनका पानी निकाल जाने के बाद पलट के अपनी
ही उंगली से अपनी चूत का मसाज करके अपनी क्रीम निकाल के सो जाती
हू. में बोला के अब फिकर ना करो आंटी अब तो में हू में आपको हमेशा
ही सॅटिस्फाइ करूगा यू डॉन'ट वरी और सीता आंटी झुक के मुझे किस
करने लगी और बोली के हा राज अब तुम आ गये हो तो मुझे भी आज
लगा जैसे में आज ही अच्छी तरह से चुदि हू और आज तक किसी ने मेरी
इतने टाइम चुदाई नही की थी और मेरी चूत में से भी इतना जूस
कभी नही निकला था. में आंटी को झुका के उनको चोदने लगा और सीता
आंटी किस करने और मेरी जीभ को चूसने लगी.
अब फिर सीता आंटी मेरे लंड पे उछल उछल के चुदवाना शुरू कर दिया
उनकी मस्त चुचियाँ डॅन्स कर रही थी इतना डीप पेनेट्रेशन था के
मेरा लंड उनके बच्चे दानी को पार कर के पेट में घुस चुका था.
सीता आंटी की आँखे बंद हो चुकी थी उनके बॉल हवा में ऐसे उड़
रहे थे जैसे कोई शॅमपू के अड्वर्टाइज़्मेंट में मॉडेल लड़की के उड़ते
है वो बहुत ही सेक्सी सीन था. आंटी मस्त हो के मज़े से चुदवा रही
थी जैसे वो सब भूल गई हो बॅस चुदाई ही याद हो. मुझे लगा के
अब फिर से आंटी को नीचे लिटा के उनकी चूत को एक बार फिर से फुल
पावर से चोद्नना चाहिए तो में आंटी को पलटा के नीचे पेट के बल
लिटा दिया और उनकी टाँगें लंबी थी में अपने दोनो टाँगो को उनकी दोनो
टाँगो के बीच में रख के अपनी टाँगो से उनकी टाँगो को फैला दिया जिस
से उनकी चूत नारंगी (ऑरेंज) की फाँक की तरह खुल गई में उनके
ऊपेर था उनकी मक्खन जैसी चिकनी गान्ड मेरे नवल एरिया से टच
कर रही थी मेरा लंड तो मेरे नवल से ही चिपका रहता था पॉवेरफूल
एरेक्षन की वजह से तो में उनके पैरों को अपने पैरों से फैला के
उनकी कमर में हाथ डाल के उनको थोड़ा उठा लिया और उनकी चूत में
पीछे से अपना लंड घुसेड दिया उनकी गान्ड थोड़ी उठ गई थी में उनके
नीचे हाथ लगा के उनकी चुचियों को मसल रहा था उनकी चुचियाँ
मसलते हुए मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ में मक्खन हो
इतनी मस्त चुचियाँ थी सीता आंटी की. में अपनी गान्ड उठा उठा के उनकी
चूत में अंदर तक अपना लंड पेल रहा था वो मेरे नीचे पेट के बल
लेटी थी उनकी चुचियाँ बेड से लग के चिपक गई थी. उनकी चूत बहुत
ही गीली हो चुकी थी लगता था के वो झाड़ चुकी है पर मेरा लंड तो
रेलवे एंजिन के शॅफ्ट की तरह अंदर बाहर घुस घुस के चुदाई
कर रहा था उनके जूस से मेरे लंड गीला हो गया था झड़ जाने की
वजह से आंटी का बदन पूरी तरह से शांत हो गया था.
मेरे झटके स्पीड पकड़ने लगे लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल
के चोद रहा था एक टाइम ऐसे ही जब लंड फुल बाहर निकला तो लंड एक
झटके से हिला और लंड चूत का निशाना मिस कर के एक ही पावरफुल
धक्के में उनकी रिलॅक्स गान्ड में पूरी ताक़त से घुस गया और आंटी
बेड पे उछल पड़ी ऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईई म्म्म्म्ममममाआआआआआआ
ययइईईई कििय्ाआआआआ कार्रर्र्ररर डीईईय्ाआआआ ईएहह
राज्ज्जज्ज्ज में सीता आंटी को टाइट पकड़ लिया उनको उछलने नही दिया ज़ोर
से बेड पे दबा दिया और उनका बदन एक दम से टाइट हो गया पर अब क्या
हो सकता था
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