RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
मेरा लंड इतना मोटा और लंबा था के उसके हाथ में पूरी तरह से नही आ रहा था. वो मेरे नंगे लंड को अपने सिल्की सॉफ्ट हाथो से कंटिन्यू दबाने लगी और में मज़े लेने लगा. अपने लंड के लिए एक बात बता दूं कि मेरा लंड सरकम्साइज़्ड है मेरे पैदा होने के बाद किसी कन्फ्यूषन की वजह से मेरा फॉरेस्किन सरकम्साइज़्ड कर दिया गया था इसी लिए मेरा लंड का टोपा बहुत चिकना और मिज़ाइल जैसा शार्प है और यह लंड चूत में घुस्स के जब बच्चे दानी से टकराता है तो चूतो की धूम ही मचा देता है. थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ उसके हाथ पे रख के ऊपेर नीचे करने लगा जिस से उसको सिग्नल मिल गया के में कया चाहता हू और उसको कया करना है. वो एक बहुत ही स्मार्ट स्टूडेंट थी फ़ौरन समझ गई और मेरे लंड को अपने दोनो हाथों से पकड़ के दबाने और ऊपेर नीचे कर के मूठ मारने लगी. बाइक धीरे धीरे चल रही थी वो मेरे लंड का मूठ मार रही थी और मेरे मूह से आआहह उूुुुउऊहह जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी. अब शाएद उसको खुद ही पता चल गया था कि तेज़ी से करना चाहिए और वो ज़ोर ज़ोर से लंड को ऊपेर नीचे कर के मूठ मारने लगी और मेरे बदन में एलेकट्रिसी दौड़ने लगी और में ने बाइक स्लो करते करते रोड से थोड़ा नीचे उतार के एक नीम के झाड़ के पास अंधेरे में बाइक रोक दिया और साइड का स्टॅंड लगा के बाइक खड़ी कर दी. . अब गीता के हाथ मेरे लंड पे ज़ोर ज़ोर से चलने लगे थे वो जैसे जैसे मेरा मूठ मार रही थी मेरे मूह से गहरी गहरी साँसें आअहह ऊऊऊहह निकल रही थी और उसी समय मेरे पॅंट से बाहर निकले नंगे लंड से कम की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकलने लगी और निकलती ही चली गई और लंड के सुराख से ऊपेर उछल के गिरने लगी. 5 – 6 मोटी पिचकारियाँ निकालने के बाद गीता का हाथ रुक गया. थोड़ी देर के बाद जब मेरी साँसें थोड़ी ठीक हुई तो जेब से रूमाल निकाल के पेट्रोल टॅंक के ऊपेर से अपनी क्रीम को सॉफ किया और फिर से बाइक स्टार्ट करके घर की ओर चल दिए. रास्ता भर हम दोनो एक दम से खामोश थे किसी के मूह से कुछ नही निकला और साइलेंट्ली बिना बात किए अपने अपने ख़यालो में खोए खोए हम घर आ गये. एक दिन शाम को जब हम वापसी के लिए निकले तो गीता ने कहा के अंकल आज में आपके सामने बैठुगी. में ने बोला कोई प्राब्लम नही है. शहेर से बाहर आने पर मैने बाइक रोक दिया और गीता पीछे से उठ के मेरे सामने आ के बैठ गई. फिर थोड़ी देर के बाद बोली के अंकल अब आप मुझे वैसे ही हग करिए जैसे में आपको करती हू और अब हॅंडल में संभालती हू. में ने पूछा कभी चलाई है कया बाइक तो बोली के हा साइकल चलाती हू और कभी कभी अपनी फ्रेंड की स्कूटी भी चला लेती हू तो में कुछ नही बोला और बाइक को स्लो कर के उसके हाथ में हॅंडल दे दिया. गीता उतनी पर्फेक्ट तो नही पर थोड़ी ही देर में हॅंडल संभालने के लायक हो गई. अब उसने कहा के अंकल अब आप मुझे हग करिए जैसे में आपको करती हू तो में उसके पेट पे अपने दोनो हाथ रख दिया तो बोली थोड़ा और ऊपेर अंकल तो में समझ गया के वो कया चाहती है तो में भी डाइरेक्ट उसकी चुचियों को पकड़ लिया तो उसके मूह से आअहह उनकल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल को एक सिसकारी निकल गई तो में पूछा कया हुआ तो गीता बोली के कुछ नही अंकल बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही पकड़े रहो ना प्लीज़ और में गीता की चुचियों को मसल ने लगा. रुटीन की तरह से मेरा लंड मेरे पॅंट से बाहर निकला हुआ था और उसकी गान्ड से टकरा रहा था. मेरा मन कर रहा था के बस अभी बाइक रोक के गीता की गान्ड मार दू या उसकी चुदाई करके चूत फाड़ डालु पर में ने ऐसा कुछ नही किया अपने आप को कंट्रोल किया और बस उसकी चुचियों को दबा ता रहा. थोड़ी ही देर के बाद उसके शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसकी 14 साल की नंगी छोटी से मस्त कड़क और कच्ची कली जैसी चुचियों को दबाने और मसालने लगा. मेरा हाथ उसकी नंगी चुचियों पे लगते ही उसके मूह से आआआहह अंकल बहुत अच्छा लग रहा है कहा और उसकी सिसकारी निकल गई में ने पूछा कया हुआ तो गीता ने बोला के कुछ नही अंकल आपका हाथ लगने से बहुत मज़ा आ रहा है ऐसे ही करते रहो प्लीज़. वाउ कया मस्त चुचियाँ थी गीता की कया बताउ देखने में उतनी बड़ी नही दिखती थी लेकिन उसकी चुचियों से मेरा हाथ भर गया था लग रहा था जैसे के किसी बड़ी जवान लड़की की चुचियाँ हो. में ने सोचा के वाउ कया चुचियाँ हैं हॅंडफुल आंड मौथ्फुल और सोचा के इन्हें मूह मे लेके चूसने में मस्त मज़ा आएगा बॅस टाइम का वेट कर रहा था के कब मौका मिलेगा.. गीता की चुचियाँ जिसे दबाने में मस्त मज़ा आ रहा था मुझे. एक दम से टाइट जैसे कोई सख़्त आपल और उसपे अभी तक सही तरीके से निपल्स भी नही निकले थे वाउ कया मस्त थी चुचियाँ उसकी आअहह बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चुचियाँ दबाने में. कभी उसकी दोनो चुचियों को दोनो हाथो से दबाता तो कभी उसकी निपल्स की जगह ( अभी निपल्स निकले ही नही थे ) को थंब और फिंगर के बीच में मसल डालता ऊऊओिईईईईईईईई उसके मूह से सिसकारी निकल जाती. उसका बदन बहुत गरम हो गया था. उसके चुचियाँ दबा ते दबाते उसके पेट पे हाथ घुमाने लगा और अपनी तरफ खेंचा तो मेरे लंड का डंडा उसकी गान्ड से लगा और उसके मूह से एक ज़बरदस्त सिसकारी निकल गई में ने फिर से पूछा कया हुआ तो उसने बड़ी मुश्किल से कहा आआअहह अंकल बहुत ही मज़ा आता है अंकल मेरे बदन में जैसे एलेक्ट्रिसिटी आ गई हो. सारा रास्ता उसकी चुचियाँ दबा ता रहा और मसलता रहा. कॉलोनी की टर्निंग आने लगी तो बाइक रोक के गीता को वापस पीछे बिठा दिया और उसके घर पे ड्रॉप कर के अपने घर में आके सब से पहला काम जो किया वो अपने लंड का मूठ मारा और स्नान कर के खाना खाया और सो गया.
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