RE: Kamukta Story गुरु दक्षिणा
मेरी चूत मे से हम दोनो का मिला जुला जूस नीचे बहने
लगा. मैं ने अपनी दुखती हुई चूत पे हाथ लगाया और चूत से निकलते जूस को
उंगलिओ मे लगा के देखा तो मैं हैरान रह गयी एक बार फिर से मेरी चूत से
खून निकला था तो मैं समझ गयी के यह सर के पागलो की तरह से चोदने के नतीजे
मे मेरी चूत की यह हालत हो गयी थी अब मेरी चूत कुँवारी चूत नही भोसड़ा बन
चुकी थी और मेरी छोटी सी चूत का छोटा सा सुराख अब इतना बड़ा घार ( केव )
जैसा जैसा सुराख बन गया था जिस्मै से चूत के अंदर के सॉफ्ट मसल्स दिखाई
दे रहे थे.
थोड़ी देर के बाद जब थोड़ा होश आया तो सिर ने मुझे किस किया और बोले के
किट्टू सच कह रहा हू के आज से पहले मैं ने कभी किसी की चुदाई नही की
क्यॉंके किसी लड़की की चूत मे मेरा लंड घुसता ही नही था. आज तुम ने मुझे
ज़िंदगी का वो सुख दिया है जिसकी तमन्ना मैं ना जाने कितने सालो से कर
रहा था यू आर रियली ग्रेट किट्टू मैं तुम्हारा यह एहसान ज़िंदगी भर नही
भूलुगा तो मैं मुस्कुराने लगी और अपने इस सक्सेस्फुल पर्फॉर्मेन्स पे खुश
होगयी. मैं बाथटब मे दोनो पैर फैलाए बैठी थी मेरी चूत खुली हुई थी मैं ने
झुक के देखा तो वो एक दम से लाल हो गयी थी और ऐसी घमासान चुदाई के बाद
ऐसे खुल गयी थी जैसे चूत का भोसड़ा बन गया हो और शाएद किसी प्रॉस्टिट्यूट
की चूत भी एक महीने की कंटिन्यू चुदाई के बाद भी इतनी चौड़ी नही हुई होगी
जितनी मेरी चूत हो गयी थी. अब सर ने अपने पैर लंबे कर के फैला लिए और
मुझे अपने पैरो पे बिठा लिया और मैं भी अपने पैर उनकी पीठ से लपेट के
उनके थाइस के ऊपेर बैठ गयी.
इस पोज़िशन मे एक बार फिर से मेरी चूत सर के मुरझाए हुए लंड के सामने थी.
उनका मरझाया लंड मेरी चूत के सामने
किसी सोए हुए साँप की तरह पड़ा हुआ था और मुरझाया हुआ भी इतना बड़ा था के
मुझे देख के डर लग रहा था मैं एक बार सोचने पे मजबूर हो गयी के मैं ने
इतना बड़ा और मोटा मूसल जैसा लंड अपनी कुँवारी चूत के अंदर कैसे ले लिया
और वो भी एक ही टाइम मे यह सोच के मुझे हैरत होने लगी.
सर बड़े गौर से मेरे राइट बूब के काले तिल को देखते रहे फिर उसे चूमते
हुए कहा के किट्टू यह तुम्हारा ब्यूटी स्पॉट ऐसी वंडरफुल जगह पे है जिसे
मेरे जैसे किस्मेत वाले ही देख सकते है उसके बाद सर मुझे बे तहाशा चूमने
लगे और बार बार सिर्फ़ एक ही बात बोले जा रहे थे किट्टू यू आर ग्रेट,
किट्टू यू आर ग्रेट और मैं भी उनके मूह को चूमने लगी और बोली के सर मुझे
भी तो बोहोत ही मज़ा आया है और मैं जब तक भी आपके इस वंडरफुल लंड से
चुदवाउगि जब तक मोका मिलता रहेगा और मैं ऐसे मस्त मूसल लंड को खोना नही
चाहती तो सर ने एक बार फिर से मुझे चूम लिया और मेरा शुक्रिया अदा करने
लगे.
सर ने अपना हाथ बढ़ा के शवर खोल दिया और हमारे ऊपेर एक बार फिर से हल्के
गरम पानी की फुवार् पड़ने लगी. एक बार फिर से हम दोनो ने एक दूसरे को
बैठे ही बैठे साबुन लगाया और रगड़ रगड़ के नहाए. बाथरूम से बाहर निकले तो
मुझे चलना नही आ रहा था. सर ने सहारा दे के मुझे बाथरूम से बाहर निकाला
और मेरे कपड़े ला के दिए जो अब सूख गये थे. बारिश भी अब रुक चुकी थी रात
के ऑलमोस्ट 10 बज रहे थे तो मुझे होश आया के मेरी चुदाई तो तकरीबन 4 – 5
घंटे तक चलती रही. सर ने अपनी बाइक निकली और मुझे पीछे बिठा के घर की तरफ
चलने लगे. रोड पे पानी भरा हुआ था और बाइक चलना मुश्किल हो रहा था रोड पे
हम दोनो के सिवा कोई और नही था और स्ट्रीट लाइट्स भी पूरी नही जल रही थी
इक्का दुक्का ही जल रही थी. सर ने लोंग जॅकेट पहेन लिया था और मैं बाइक
पे पीछे बैठ के अपने दोनो हाथ उनकी जॅकेट के अंदर रख लिए और सर के लंड को
उनकी पॅंट से बाहर निकाल के अपने दोनो हाथो से पकड़ के मूठ मारने लगी और
मस्ती मे दबाने लगी.
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