RE: Hot Sex Kahani अनु की मस्ती मेरे साथ
उत्तेजना से उसका चेहरा लाल हो रहा था. फिर मैं उठा और उसे बिस्तर
पर लिटा कर उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रख लिया. हम दोनो एक
दूसरे की आँखों मे झँकते रहे और मैने अपने लिंग को अंदर कर
दिया. उसने मेरे गले मे अपनी बाहों का हार पहना दिया. मैं कुच्छ देर
तक इसी तरह धक्का मारने के बाद उसने अपने पैरों को मेरे कंधे से
उतार कर एक दूसरे से भींच लिया. मेरे पैर अब बाहर की ओर थे.. इस
पोज़िशन मे उसकी योनि के मसल मेरे लिंग पर कस गये और वो ज़ोर
ज़ोर से नीचे की ओर से अपनी कमर को हिलाने लगी.
" राघव प्लीईसए मेरे साथ अपना निकालो. हम दोनो के रसों का
संगम हो जाने दो." उसने पहली बार मुझे नाम लेकर पुकारा था. हम
दोनो एक साथ उस छ्होटी सी जगह मे अपनी अपनी धार छ्चोड़ दिए.
हम दोनो एक दूसरे के बदन को काफ़ी देर तक चूमते रहे. तभी बाहर
चिड़ियों की आवाज़ ने हमे असलियत से वाक़िफ़ कर दिया. सुबह होने वाली
थी. हम दोनो ने रात भर बस एक दूसरे को प्यार करते गुज़ार दी
थी.
"अनु सुबह होने वाली है." मैने उसे याद दिलाया.
"म्म्म्ममम हो जाने दो."
"किसी ने तुम्हे यहाँ देख लिया तो?"
" देख लेने दो. मुझे अब इस दुनिया मे किसी की कोई परवाह नही है."
उसने मुझे चूमते हुए कहा.
"किसी ने पूछ लिया तो क्या कहोगी?"
"कह दूँगी की मैं ..मैं .मैं तुम्हारी बीवी हूँ" कहकर उसने अपना
चेहरा मेरे सीने मे छिपा लिया.
"अनु ख़यालो से बाहर निकालो. तुम किसी और की बीवी हो." मैने उसे
समझाते हुए कहा.
"नही अभी मेरा मन नही भरा है. अभी तो बहुत प्यार करना है
तुमको और बहुत प्यार पाना है."
" धीरज रखो अनु सारा आज ही कर लोगि तो कल के लिए क्या बचेगा"
अनु को अंधेरे अंधेरे मे घर से निकल जाना था. उस का मन नही चाह
रहा था. लेकिन मैने उसे समझाया कि हम दोनो अकेले हैं किसी ने इस
हालत मे देख लिया तो दोनो की बदनामी होगी.
उसने मेरे ही कपड़े पहन लिए.
"चलो मैं तुम्हे घर तक छ्चोड़ आता हूँ." मैने कहा
"नही...कोई ज़रूरत नही. हम दोनो मे क्या रिश्ता है. रात गयी बात
गयी. हुमारे मिलने को एक दुर्घटने की तरह भुला देना." कह कर वो
अपने निचले होंठ को दन्तो मे दबाकर अपनी रुलाई रोकती हुई कमरे से
निकली.
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