RE: Hot Sex Kahani अनु की मस्ती मेरे साथ
" नहीं तुम सबसे अलग हो. उनके जैसे नहीं हो जिन्हों ने मेरी ये
हालत की है." कह कर उसने अपनी लूँगी की गाँठ को ढीली कर दी.
सामने से कटी उस लूँगी के दोनो किनारों को पकड़ कर मैने अलग कर
दिया. उसने इस बार अपनी आँखें नहीं बंद की. उसकी आँखें एकटक मेरे
चेहरे पर लगी हुई थी. लेकिन मेरी आँखें तो मानो उसके निचले बदन
के निर्वश्त्र होते ही अपनी सुध बुध खो चुका था. उसने अपनी दोनो
टाँगों को सख्ती से एक दूसरे से जोड़ रखा था. उसके जांघों के जोड़
पर जहाँ एक "वाई" की आकृति बन रही थी. छ्होटे छ्होटे सलीके से
ट्रिम किए हुए बाल बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे. कुच्छ देर तक
उसकी लूँगी के दोनो पल्लों को हाथ मे थामे बस बुत की तरह उसे देखता
ही रहा. फिर मैने चौंक कर उसकी तरफ देखा और उसे अपनी तरफ
देखता पाकर हड़बड़ा गया. उसके चेहरे पर एक ना समझ मे आने वाली
मुस्कान खिली थी. मैने झट अपने माथे पर छल्क आए पसीने को
पोंछ कर उसके टाँगों के जोड़ की तरफ देखा.
उसके एक टांग को अपने हाथों से पकड़ कर अलग किया. उसने इस बार अपनी
तरफ से किसी तरह का विरोध नही किया.. उसने अपना बदन ढीला छ्चोड़
दिया था. उसके एक टांग को घुटनो से मोड़ कर अलग किया. फिर दूसरी
टांग को भी वैसे ही किया. उसकी योनि खुल कर सामने आ गयी थी. उसके
योनि और उसके आस पास भी काफ़ी सारे दाँतों के निशान थे. दोनो
टाँगों को अलग कर मैं अपने चेहरे को उसकी योनि के पास लाया. उसकी
योनि मेरी आँखों से मुश्किल से 6" की दूरी पर होगी. मैने सेव्लान मे
भिगो कर रूई को पहले उसके घावों पर फिराया. उसने अपने दाँत से
अपने निचले हन्त को सख्ती से पकड़ रखा था. शायद उसकी ये अदा
होगी. उसके हाथ तकिये को अपनी मुट्ठी मे ले रखे थे. मैं उसके
घावों पर दवाई लगा रहा था.
" कितनी बेरहमी से तुम्हारे बदन से खेला है उन लोगों ने."
" हां वो साले चार थे साथ मे इतना बड़ा एक कुत्ता भी था. साले
पता नही कब से मुझ पर नज़र रखे हुए थे. उस दिन मुझे अंधेरे
मे घर लौटते हुए देख कर उनकी बाँछे खिल गयी. और अपनी वॅन
को लाकर मेरे नज़दीक रोक कर मेरी गर्दन पर चाकू रख कर मुझे
वॅन मे आने के लिए विवश कर दिया. अंदर दो आदमी पीछे बैठे हुए
थे और उनके पैरों के बीच काफ़ी तगड़ा और मोटा एक कुत्ता भी बैठा
हुआ था. मुझे अंदर खींच कर उन दोनो ने अपने बीच मे मुझे बिठा
लिया. टिल्लू दादा के आदमियों को देख कर तो मैं पहले से ही डरी हुई
थी ऊपर से वो डरावना कुत्ता अपने दाँत निकाले मुझे घूर रहा था.
उन्हों ने मुझे धमकी दी कि अगर मैने किसी प्रकार का विरोध किया तो
कुत्ता मुझे नोच कर खा जाएगा. उस कुत्ते ने अपने दोनो आगे के पैर
मेरी गोद मे रख दिए और मेरे मूह के सामने अपनी लंबी जीभ निकाल
कर लपलपाने लगा. मैं किसी बुत की तरह बिना हीले दुले बैठी हुई
थी. अगल बगल के दोनो आदमी मेरे बदन से मेरे कपड़े हटते जा रहे
थे. वो जैसा चाह रहे थे वैसा मेरे बदन से खेल रहे थे और मेरे
पास उनको सहयोग करने के अलावा कोई चारा नही था. एक बार मैने
हल्का सा विरोध किया तो कुत्ता गुर्रा उठा. मैं सहम कर अपने मे सिमट
गयी. कुच्छ ही देर मे मैं उनके बीच पूरी तरह नंगी बैठी हुई
थी."
मैं उसकी बातों को सुनते हुए उसकी योनि पर रुई फिरा रहा था. फिर
मैने अपने दोनो हाथों की उंगलियों से उसकी योनि की फांकों को अलग
किया और फैलाया. अंदर कोई जख्म तो नही दिखा मगर उसकी योनि के
भीतर झाँकते हुए मेरा पूरा बदन सिहरन से भर गया. मेरा लिंग
पूरी तरह तन कर खड़ा हो गया था उसे किसी भी तरह से शांत कर
पाना अब मेरे वश मे नही था. वो इस तरफ से अपना ध्यान हटाने के
लिए बिना रुके उसके साथ हुई घटनाओ को दोहराती जा रही थी.
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