RE: Parivaar Mai Chudai घर का दूध
उन दोनो ने
आपस में तकरीबन 15 मिनिट से भी ज़्यादा चुसाइ की ओर दोनो ही 2 बार झाड़
चुकी थी. कुच्छ देर बाद गीता उठी ओर मुझे कहा बाबूजी बेड पर लेट जाओ ओर
मैं बेड पर लेट गया ओर उसने मंजू को इशारा किया ओर उसने जल्दी से मेरे
हाथ पकड़ कर बेड के साथ बाँध दिए. मैं उस टाइम थोडा घबरा गया, मेरी कुच्छ
समझ में नही आ रहा थी कि आख़िर वो दोनो क्या चाहती है. लेकिन गीता ने कहा
प्ल्ज़ डरना नही क्योंकि आज हम दोनो ब्लू फिल्म के जैसा करना चाहती हैं
तुम्हे बाँध कर. खैर मैं चुप चाप लेटा रहा उर उधर मंजू मेरे हाथ बाँध कर
मेरे लंड के पास आ कर बैठ गयी ओर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरा लंड पहले ही उन्हे देख कर रोड की तरह खड़ा हो चुका था लेकिन इस टाइम
मेरा लंड बिल्कुल सुन्न था. मुझे कुच्छ भी महसूस नही हो रहा था शायद
स्प्रे की वजह से लेकिन लंड टाइत बहुत ज़्यादा था. मंजू ओर गीता ने 20
मिनिट तक मेरा लंड चूसा लेकिन मेरे लंड से ज़रा भी पानी नही निकला. मैं
जानता था कि आज मेरा पानी आराम से नही निकलेगा क्योंकि जिससे मैं ये दोनो
चीज़ लेकर आया था उसने बताया था कि इससे कम से कम 1 घंटा असर रहता है ओर
जो चाहो कर्लो आदमी जल्दी डिसचार्ज नही होता. वो दोनो मेरे लंड को पागलों
की तरह चूस रही थी लेकिन मुझे फील नही हो रहा था. खैर उसके बाद गीता खड़ी
हो गयी ओर मेरे मुँह के उपेर आ कर अपनी चूत रख कर बैठ गयी ओर मैं उसकी
चूत चूसने लगा. उधर मंजू ने अपनी चूत मेरे लंड पर रखी ओर झटके से लंड चूत
के अंदर डाल लिया ओर थोड़ी देर लंड पर वजन डाल कर बैठी रही. उसके बाद वो
तेज तेज उच्छलने लगी लेकिन मिझे बस इतना फील हो रहा था कि मेरा लंड गरम
चीज़ के अंदर गया हुआ है. उसके अलावा कुछ नही. मंजू मेरे लंड पर मुसलाधार
जंप कर रही थी. मेरे हाथ बेड के साथ बँधी थे ओर गीता मेरे मुँह पेर बैठ
कर मुझसे चूत चुस्वा रही थी ओर अब तक 1 बार वो मेरे मुँह में अपना पानी
छ्चोड़ चुकी थी. उसकी क्लिट को मैं पकड़ना चाहता था लेकिन वो दोनो मुझे
तडपा रही थी ओर अपनी मर्ज़ी से मुझे आज वो चोद रही थी. मंजू को साँस चढ़
चुका था क्योंकि वो तेज तेज जंप कर रही थी ओर तकरीबन 10 मिनिट बाद वो 1
दम मेरे लंड पर वज़न डाल कर बैठ गई ओर अपनी चूत को दबाने लगी थी. शायद वो
भी डिसचार्ज हो गयी थी. खेर 5 मिनिट के बाद मैने गीता से कहा, "कि आ जाओ,
मेरा लंड अभी तक खड़ा है". लेकिन मेरा लंड काफ़ी गीला हो चुका था. गीता
ने मेरे पास आकर अच्छि तरह मेरे लंड को चूसा ओर मंजू का सारा रस चूस लिया
ओर फिर मेरे लंड पर दूसरी तरफ मुँह कर के बैठ गयी ओर मेरा लंड मुझे नज़र
आ रहा था कि उसकी चूत में कैसे घुसता जा रहा है. कुच्छ देर बाद गीता भी
अपनी मखमली चूत उच्छल उच्छल कर मुझ से चुदवा रही थी. मंजू मेरे पास आ कर
बैठ गयी ओर मुझे किस करने लगी ओर मेरे जिसम के साथ अपनी मर्ज़ी से खेलने
लगी. मैं उसे पकड़ने के लिए बेताब था लेकिन बेबस भी था. मैं भी यह सब
एंजाय कर रहा था. गीता जब उच्छलती थी तो बेड की ज़ोरदार आवाज़ आती थी
हिलने की ओर मंजू उसे बार बार कह रही थी की गीता बेटी आहिस्ता करो लेकिन
गीता अपने काम मे बिज़ी थी. गीता कुच्छ देर बाद दोबारा खड़ी हो गयी ओर
अपनी गीली चूत को कपड़े से पुच्छ कर अपनी चूत में मेरा लंड डालने लगी.
मेरा लंड फुल टाइट था 1 दम से उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाया ओर
मेरा लंड पूरा उसकी चूत में घुसता चला गया. अब उसे दर्द महसूस हो रहा था
लेकिन वो बैठी रही. कुच्छ देर बाद उसने अपनी चूत उच्छालनी शुरू की ओर
मेरे छाती पर हाथ रख कर जंप करने लगी. मुझे पसीना आ चुका था ओर मंजू अपने
हाथ से साफ करती ओर मुझे किस कर रही थी. मैने गीता से कहा कि मेरे हाथ
खोल दो, बस अब काफ़ी हो गया है. उसने मंजू से कहा खोल दो अब बाबूजी को.
मंजू ने मेरे हाथ खोल दिए ओर मैने 1 दम से उठ कर गीता के चुचियाँ हाथ मे
पकड़ ली ओर चुचियों को दबाने ओर चूसने लगा. उधेर मंजू अपनी चूत मेरे कमर
के साथ रगड़ रही थी. मैं भी अब पागलों की तरह जोश में आ चुका था. मंजू से
कहा, "घोड़ी बनो अब मैं तुमहरि गांद मारूँगा". मंजू ने वैसा ही किया ओर
वो घोड़ी बन गयी. अब मैं ओर गीता फुल जोश मे आ चुके थे. वो भी चाहती थी
कि मैं मंजू को आज इतना चोदु की वो खुद कहे की बस कर दो. क्रमशः.........
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