RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन
ऊँगली दीक्षा
[attachment=1]fingering gif.gif[/attachment]मैंने गचाक से अपनी मंझली ऊँगली पेल दी , सटाक से अंदर।
इतना चुदवाने के बाद भी भाभी की बुर काफी कसी थी।
थोड़ी देर तक गचागच मैं पेलती रही , सटासट वो लीलती रहीं।
कुछ देर बाद भाभी ने मुझे रुकने का इशारा किया और जड़ तक मंझली ऊँगली ठेल के मैं रुक गयी।
….
भाभी मुझे देख के मुस्करा रही थीं , फिर अचानक मुझे लगा जैसे किसी अजगर ने अपनी कठिन कुंडलिका में मुझे लपेट लिया है और जोर जोर से , जैसे कड़क कर टूट जायेगी।
उन्होंने आँख से इशारा किया की मैं अपनी ऊँगली बाहर निकाल लूँ , मैंने लाख कोशिश की , लेकिन टस से मस नहीं हुयी और ऊपर ये लग रहा था ,की बस अब ऊँगली की हड्डियां चरमरा के टूट जाएंगी।
भाभी जोर से मुस्कराने लगीं , हंस के बोली , " चल गुड्डी निकाल ले। "और अपनी पकड़ ढीली कर दी।
मैंने निकालने की कोशिश की तो सूत भर भी नहीं निकली होगी की फिर वही पकड़ ,और अबकी भाभी की बुर की अंदर की मसल्स , ... जैसे लग रहा था सड़क पर जो गन्ने निचोड़ने वाली जो मशीन होती है ,मैंने उसमें अंगुली डाल दी है। ऐसी जबरदस्त रगड़ाई हो रही थी ,और बिना ऊँगली पर पकड़ ढीली किये भौजी ने उसके फायदे समझाए।
" देख इससे चूत , कितना भी चुदवाना , कित्ते भी मोटे लण्ड से , चाहे मैं कभी मुट्ठी ही डाल दूँ , ... लेकिन ऐसे ही कसी रहेगी। हफ्ते भर पहले जब तू ,छुई मूई बनी कच्ची कोरी इस गाँव में आई थी , जब ढंग से ऊँगली भी तेरी सोन चिरैया ने नहीं लीला था , वैसे ही रहेगी। लेकिन असली फायदा दूसरा है ,
मैं कान पारे सुन रही थी ,
" देख कभी मरद थका हो , लेकिन तेरा और उसका मन कर रहा हो , ...या दो बार वो जबरदस्त चोद चुका हो और तीसरी बार तुम ऊपर चढ़ के ,... बस उसे कुछ करने की जरूरत नहीं है , न धक्के लगाने की न ठेलने की ,न पेलने की। बस तुम सिर्फ चूत सिकोड़ सिकोड़ के , तुम्हे भी ज्यादा थकान नहीं लगेगी और चुदाई का पूरा मजा। "
मैं चीख पड़ी ,
" भौजी मुझे सीखना है। "
" नहीं ये मैंने आज तक किसी को नहीं सिखाया ,मेरा ट्रेड सीक्रेट है और दूसरी बात रोज रोज प्रैक्टिस करनी पड़ेगी बिना नागा। "
" मैं कर लुंगी , प्लीज भौजी मेरी अच्छी भौजी। सिखाओ न। "
" लेकिन , अच्छा चलो ,पर ये ट्रेनिंग फ्री नहीं मिलेगी , बड़ी कड़ी फ़ीस लुंगी मैं इसकी। ' कामिनी भौजी आँख नचाते हुए बोलीं।
" मंजूर ,मैं आप की गुलाम बन जाउंगी , आप की सब बात मानूंगी। भौजी प्लीज। " मैं बस उनके पाँव नहीं पड़ी और भौजी पसीज गईं।
उन्होंने एक एक चीज बताई किस मसल्स की कैसे एक्सरसाइज की जाती है , और रोज ,.. फिर मेरी चूत में ऊँगली डाली उन्होंने।
पहले दो बार तो मैं कुछ नहीं कर पायी ,लेकिन तीसरे बार से कुछ मसलस् पर , चार पांच मिनट में इतना सीख गयी की भौजी की ऊँगली भींचने लगी।
" चल बहुत अच्छी है तू ,मान गयी मैं , अभी सात आठ दिन है न तुझे गाँव में आधे घंटे रोज मेरे साथ प्रैक्टिस करना होगा , जाने तक काफी सीख लेगी। उसके बाद बस शहर पहुँच के रोज दो बार , नहाते समय और सोते समय ,... एक ऊँगली अंदर डाल के , और किसी लड़के के लण्ड के बारे में सोच सोच के , ... और उसके अलावा जब क्लास में रहो , टीवी देखती रहो ,कभी भी हर घंटे पे ,कम से कम पांच मिनट ,चूत को धीरे धीरे खूब सिकोडो और वैसे ही १०० की गिनती तक पूरी ताकत से भींचे रही , फिर धीमे धीमे छोडो , चार पांच बार ,... और उस समय भी लण्ड का ध्यान जरूर करो।
तब तक भौजी को एक बात याद आ गई ,
" तुझे कल रात पिछवाड़े वाली एक एक्सरसाइज बताई थी , नहाते समय करने की , चल कर के दिखा। "
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