RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 49
योगेश की बात सुन कर ज्योति ने अब उसके विकराल लंड को मुंह में भरना शुरू कर दिया बरसों के एक्षपिरिएन्स के कारण उसे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई लंड को मुंह में भरने में लेकिन इस चक्कर में उसकी आंखों में आँसू जरूर आ गये अब धीरे धीरे वो लंड को अपने मुंह में आगे पीछे करने लगी थी योगेश ने मस्ती में अपनी आंखें बंद करली थी उधर पूजा भी अंदर का इतना गरम सीन देख कर मस्त हो गैट ही उसे लग रहा था की चाची की जगह वो ही थी इस ख्याल से उसकी चुत पानी पानी हो चुकी थी उसने भी अब अपने लोवर के अंदर अपनी पैंटी में हाथ डाल दिया था और अपनी चुत को सहलाने लगी थी इधर योगेश अब धीरे धीरे ज्योति के सर को अपने हाथों में दबाए उसके मुंह को चोदने लगा था कुछ देर बाद ज्योति को होश आया तो उसने झट से योगेश का लंड अपने मुंह से बाहर निकल दिया उसके ऐसा करते ही योगेश ने सवालिया नज़रो से उसकी ओर देखा जैसे पूछ रहा हो की लंड को बाहर क्यों निकल दिया ज्योति भी उसके चेहरे के भाव समझती हुई बोली “योगेश हमारे पास टाइम कम है अगर तुम ऐसे ही झाड़ गये तो फिर मेरी चुत का क्या होगा इसे तो आज किसी भी कीमत पर तुम्हारा लंड चाहिए ही चाहिए इसलिए मैंने तुम्हारा लंड बाहर बाहर निकल दिया है अब तुम मेरी चुत की प्यास बुझा दो”
“नहीं जान अभी तो मुझे तुम्हारी चुत का रस पीना है और मेरी इच्छा तो तुम्हारी चुत से पहले तुम्हारी गांड मरने की है” योगेश अपनी औकात पर आते हुए बोला
“नहीं योगेश भले ही मैं शादी शुदा हूँ लेकिन मेरी गांड अभी तक कुंवारी है इसलिए मुझसे ऐसा नहीं होगा मैं तुम्हें बस अपनी चुत मरने की ही इजाज़त दे सकती हग और मराई मुझसे नहीं होगी” ज्योति घबरा कर बोली
“तो ठीक है मैं तुम्हारी चुत को भी भूल जाता हूँ” कहकर योगेश अपने कपड़े उतहाने लगा
योगेश की हरकत देख कर ज्योति को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी भीगी चुत को सूखे कपड़े से पूछ दिया हो उसकी चुत अँगारे बरसा रही थी और योगेश उसे छोड कर जा रही है उसका दिमाग खराब हो चुका था अगर कोई दूसरा मौका होता तो शायद वो योगेश की मां बहन एक कर देती लेकिन अभी ये सब करना खुद उसके लिए ही अच्छा नहीं था इसलिए वो लपक कर योगेश के पास पहुँची और उसका हाथ पकड़ कर बोली “ये सब क्या है, तुम कहाँ जा रहे हो”
“चाची सिंपल सी बात है मैं आपकी गांड में ज्यादा इंट्रेस्टेड हूँ और ये मैं आपको पहले भी बता चुका हूँ बात एकदम साफ है अगर आप मुझे अपनी गांड नहीं दे सकती तो मुझे आपकी चुत भी नहीं चाहिए इसीलिए मैं जा रही हूँ” योगेश बोला
ज्योति समझ गई की योगेश उसकी गांड मारे बिना मानने वाला नहीं है लेकिन अभी ये संभव नहीं तलेकिन अब वो क्या करे ये योगेश तो गीली चुल को पोछने पर आमादा था उसने ट्रांत ही अपनी वाणी को मधुर किया और बारे ही मादक अंदाज में बोली “योगेश मैंने ऐसा कब कहा की मैं तुम्हें अपनी गांड नहीं दूँगी लेकिन अभी ये पॉसिबल नहीं है इसलिए जो सामने है उसी से काम चला लो मैं वादा करती हूँ की अगली बार तुम्हें निराश नहीं करूँगी और तुम जॉब ही कहोगे मैं करूँगी”
“सच में वादा करती हो की अगली बार मेरी बात मानोगे” योगेश ने शर्त रख दी अगली बार के लिए
“हाँ मैं वादा करती हूँ की अगली बार मैं तुम्हारी सब बातें मानूँगी लेकिन अभी तुम मेरी बात मान लो प्लीज़” ज्योति बड़ी कामुक निगाहों से योगेश को देखती हुई बोली
अब योगेश का भी गुस्सा उतार चुका था क्योंकि वो भी जनता था की गांड मरवाना कोई खेल नहीं है इसलिए वो भी राज़ी हो गया लेकिन कुछ देर पहले उसने अपनी चाची की चुत चाटने का जो प्रोग्राम बनाया था वो अब उसे ठीक नहीं लगा उसे पता था की उसकी चाची की चुत वैसे भी फैली हुई होगी और यदि वो उसे चतेगा और चुसेगा तो वो और भी चिकनी हो जाएगी इसलिए उसने अब चुत में सीधे लंड ही घुड़ेड़ने की तन लिट ही
“ठीक है अब लेट जाऊं मैं भी पहले से ही गरम हूँ कही तुम्हारा हुस्न देख कर ही ना झाड़ जाऊं” योगेश बोला
ज्योति को तो जैसे खजाना मिल गया हो योगेश की बात सुनकर वो झट से नंगे फर्श पर लेट गई और अपनी टाँगे चौड़ी कर ली ऐसा करने से उसकी चुत पूरी तरह से खुल कर बाहर आगाई थी अपनी चाची की चुत देख कर पूजा भी हैरान हो गई और योगेश तो जैसे पागल ही हो गया था क्या चुत थी उसकी किसी नाव विवाहिता की भी ऐसी नहीं होती जब की उनकी चाची तो दो जवान बच्चों की मां थी फिर भी इतनी कसी हुई छुउऊउउट वो दोनों भाई बहन अभी यही सोच रहे थे की चाची बोली “ले अब डाल दे”
अपनी चाची के मुंह से ये सुनकर योगेश ने अपनी पोज़ीशन ली और अपना लंड अपनी चाची की चुत के मुंह से टीका दिया ज्योति ने मस्ती के मारे आंखें बंद करली और पूजा ने दरवाजे के बाहर अपनी चुत में उंगली घुसेड़ ली तभी सारा वातावरण ‘आहह…माररररर…गैइइ……रीए…..” की आवाज़ से गूँज गया भले ही ज्योति की चुत फैली हुई थी लेकिन योगेश का लंड भी बहुत मोटा था उसके लंड ने ज्योति की चुत की चुले हिला के रख दी थी एक ही धक्के में योगेश का लगभग पूरा ही लंड ज्योति की चुत में घुस चुका था अब योगेश ज्योति की चीखो का कोई लिहाज नहीं कर रहा था और गछगच्छ धक्के लगाए जा रही था ज्योति भी थोड़ी देर तक दर्द सहने के बॅया द अब मस्त हो गई थी और अब मस्ती में आहें भरने लगी थी उधर पूजा भी सतसट अपनी चुत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी चूँकि दोनों ही चाची भतीजा पहले से ही गरम थे इसलिए दोनों ही लगभग साथ में ही झाड़ गये जबकि पूजा उनके झड़ने के कुछ देर बाद झड़ी थी अब दोनों ही चाची भतीजा झड़ने के बाद लंबी लंबी सांसें ले रहे थे और अपने आपको संभाल रहे थे अभी दोनों पूरी तरह ठंडे भी नहीं हुए थे की ‘धड़क’ की आवाज़ के साथ दरवाजा दीवार से टकराया दरवाजे के दीवार के साथ टकराते ही उन दोनों की नज़रे दरवाजे की ओर गयी और वहीं टिक गई दोनों ही पूजा को वहाँ देख कर शर्म से पानी पानी हो गये योगेश तो फिर भी जनता था की वो कैसे भी पूजा को मना लेगा लेकिन ज्योति ने शर्म के मारे अपनी नज़रे झुका लिट ही तब जैसे ही योगेश की नज़रे पूजा से मिली पूजा ने झट से योगेश को आँख मर दी आयार गुस्से से बोली “ये क्या तमाशा बना र्खहा है तुम दोनों ने इस रिश्ते काअ……..
“क्या मज़ाक बना रखा है तुम दोनों ने इस रिश्ते का” पूजा की आवाज़ हथौड़े की तरह उन दोनों के कानों से टकराई थी योदेश तो पहले ही पूजा की आँख मरने से रिलॅक्स हो चुका था लेकिन ज्योति की तो हालत ही पतली हो चुकी थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे सारे आम नंगा कर दिया गया हो वो उसी तरह नंगी बैठी थी और भी उसकी आंखों से आँसू निकालने लगे थे उसकी गर्दन अभी भी नीचे झुकी हुई थी और होंठ काप रहे थे उससे कुछ भी बोलते नहीं बन रहा था पूजा ज्योति की ऐसी हालत देख कर मान ही मान खुश हो रही थी
“धिक्कार है तुम दोनों पर जो अपने पवित्र रिश्ते की मर्यादा को भूल गये चाची भी आख़िर मां जैसी होती है और मां बेटा आपस में ये सब कैसे कर सकते है, योगेश की चोदा अभी वो छोटा है और उसकी उमर में इन सब के लिए उत्सुकता रहती है इस लिए मैं उसकी गलती नहीं मानती लेकिन चाची आप तो बड़ी है आपने तो कुछ सोचना था ओ आपका बेटा है आपने उसके साथ संबंध कैसे बना लिए क्या आप अपने बेटे निर्मल के साथ भी ये सब कर सकती है, बोलिए चाची मुझे जवाब दीजिए” पूजा ने और दबाव डाला
ज्योति की हालत बहुत खराब हो चुकी थी ऊपर से पूजा के इस भाषण ने तो उसका बच्चा खुचा दम भी निकल दिया था अब उसके आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और वो हिचकिया ले ले कर रोने लगी उसकी ऐसी हालत देख कर योगेश ने पूजा चुप रहने का इशारा किया और बोला “हमें माफ कर दो पूजा सचमुच हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई है लेकिन हम कर भी क्या सकते थे चाची को चाचा से ये सुख नहीं मिल रहा था और मेरे बारे में तो तुम जानती ही हो की मेरे लिए ये सब सपने जैसा ही है इस लिए अपनी मजबूरियों के चलते हम बहक गये थे लेकिन मैं वादा करता हूँ की आगे से ऐसा फिर कभी नहीं होगा, प्लीज़ पूजा जॉब ही तुमने यहाँ देखा है वो किसी को भी नहीं बताना वरना हम किसी को भी मुंह दिखाने के लायक नहीं रही जाएँगे” योगेश ने गजब की ऐक्टिंग करते हुए अपनी आवाज़ को रुआंसी बना लिया था
“मैं इतनी पागल नहीं हूँ जो ये बात सबको बताते फिरू मुझे भी पता है की ये कितनी खतरनाक बात है अगर ये बात मेरे मुंह से निकल गई तो तुम दोनों की ही जिंदगी खराब हो जाएगी इसलिए मैं शांत रहूंगी लेकिन तुम लोग भी अपनी करनी के बारे में सोचो चाची आप भी अपने कपड़े पहन लो हम कल इस बारे में बात करते है अब मैं चलती हूँ” कहते हुए पूजा योगेश को आँख मरते हुए नीचे चली गई
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“चाची आप चिंता मत करो मैं उसे संभाल लूँगा” कहते हुए योगेश अपने कपड़े पहनने लगा ज्योति भी अब तक पूजा की बात सुन कर की वो किसी को नहीं बनाएगी काफी हद तक संभाल चुकी थी अब उसने भी अपने कपड़े पहन लिए थे फिर वो दोनों ही आगे पीछे नीचे आ गये और अपने अपने रूम में जाकर सोने लगे लेकिन ज्योति के मान में अभी भी यही चल रहा था की कल पूजा उससे क्या बात करने वाली है और उधर पूजा बहुत खुश थी की अब उसकी चाची उसकी मुट्ठी में है वो जैसे चाहे उसे नाचा सकती है…….
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सुबह 5 बजे से ही घर में हलचल शुरू हो गई थी सभी लोग अभी अभी वापस आ गये थे और सभी एक दूसरे से मिल रहे थे राजेश अपने भाई नीरज और उसकी पत्नी से मिल कर बहुत खुश हुआ था थोड़ी देर तक चाय पीते हुए सभी बातें करने लगे फिर राजेश और मोनिका सन एके लिए अपने रूम में चले गये नीरज और ज्योति भी अपने रूम में जा चुके थे पूजा और योगिता घर के झाड़ू पुन्छे में लगी हुई थी अभी हॉल में योगेश, माधुरी, टीना और मनीषा ही थे सबके जाते ही योगेश माधुरी से ऐसे लिपट गया जैसे दोनों भाई बहन कई सालों बाद मिले हो मनीषा उन्हें ऐसे गले लगे देख मान ही मान कुद रही थी और टीना मंद मंद मुस्करा रही थी वो समझ गई थी के मनीषा सच ही कह रही थी की योगेश और माधुरी आपस में बहुत प्यार करते है और माधुरी के रहते योगेश को पेटीना बहुत मुश्किल है मनीषा ने ये सब देख कर टीना की ओर देखा तो टीना ने उसे आंखों आंखों में ही सांत्वना दी और योगेश से बोली “भाई हमसे भी मिल लो”
योगेश टीना की बात सुनकर माधुरी से अलग हुआ और टीना से बोला “कैसी बात करती हो दीदी आप भी मैं आपसे क्यों नहीं मिलूँगा भला आप तो मेरी प्यारी दीदी है” कह कर योगेश ने हाथ मिलने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो टीना बोली “ये क्या बात हुई प्यारी दीदी भी बोलते हो और रेज़ हाथ मिला कर ही काम चला रहे हो इधर आओ और जैसे माधुरी से मिले थे उसी तरह मुझसे भी मिलो”
टीना की बात सुनकर योगेश थोड़ा शर्आंटी गया भले ही वो टीना से बहुत इंपरेसड था लेकिन उसके गले लगने की बात सुन कर उसकी हिम्मत ही नहीं हुई
“ऐसे क्या शर्आंटी रहा है माधुरी से तो बारे प्यार से गले मिल रहा था मैं क्या तेरी बहन नहीं हूँ” कहते हुए टीना ने योगेश का हाथ पकड़ कर खींचा और कस के उससे चिपक गई उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ योगेश के सीने में धँस गैट ही जिन्हें योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था और टीना लगातार अपनी गिरफ्त बढ़ाए ही जा रही थी टीना शुरू से ही योगेश की ड्रीम गर्ल थी और कई बार वो टीना के नाम से मूठ मर चुका था और जब आज वो इस तरह से उससे लिपटी हुई थी तो योगेश अपने ऊपर कंट्रोल नहीं रख पाया और उसने भी अपने हाथ टीना की पीठ पर ले जाकर उसे अपने सीने में भिच लिया और उसकी पीठ पर अपने हाथ फिरने लगा जिससे टीना भी मस्त होने लगी थी और योगेश का लंड भी टाइट हो कर टीना के पेट में उसकी नाभि के पास दस्तक देने लगा था टीना योगेश के लंड की चुभन महसूस करते हुए मस्त हो गई और अपनी कमर आगे धकेल कर उसके लंड से अपना पेट रगड़ने लगी योगेश टीना के ऐसा करते ही चौंक गया उसे समझ नहीं आया की टीना ऐसा जानबूझकर कर रही है या ऐसा धोके में हुआ उन दोनों की हरकत मनीषा बारे ध्यान से देख रही थी और कोई टाइम होता तो वो टीना को नहीं टोकती लेकिन माधुरी के सामने ये सब ठीक नहीं था इसलिए उसे टीना को टोकना ही पड़ा “टीना की बच्ची मैं भी योगेश की बहन हूँ मुझे भी उससे मिलने दे” मनीषा बोली
मनीषा की बात सुनकर टीना होश में आई और योगेश से अलग हो गई तो मनीषा आगे बढ़ी और योगेश का हाथ पकड़ कर बोली “और बता योगेश मेरे ना रहते में तुझे कोई परेशानी तो नहीं हुई किसी ने तुझे परेशान तो नहीं किया ना”
“नहीं दीदी मुझे कोई परेशानी नहीं हुई और सभी ने मेरा बहुत ध्यान रखा” योगेश भी मुस्कुराते हुए बोला
“चल ठीक है अब मैं अपने रूम में जाकर नींद पूरी करती हूँ ट्रेन में ठीक तरह से नींद नहीं ले पाई, चल टीना ऊपर चलते है” कहकर मनीषा ऊपर जाने लगी
“ठीक है योगेश कुछ देर बाद मिलते है बहुत बातें करनी मुझे तुझसे” कहकर टीना भी मनीषा के पीछे हो ली
उन दोनों के जाने के बाद माधुरी और योगेश ही हॉल में रही गये थे और दोनों ही एक दूसरे की ओर देख कर मुस्करा रहे थे “और बताओ डार्लिंग वहाँ मेरी याद आई की नहीं”योगेश बोला
“तुझे पता है की मैं घर में भी तेरे बिना नहीं रही सकती तब तू ही सोच की वहाँ मेरी हालत क्या हुई होगी लेकिन मुझे तेरे चेहरे से ऐसा नहीं लग रहा है की तूने मुझे मिस किया होगा” माधुरी बोली
“तुम पागल हो क्या बचपन से ही मैं तुम्हारे बिना नहीं रही पता हूँ और भी तो तुम मेरी बहन होने के साथ कुछ और भी हो गई हो अब तुम ही सोचो की तुम्हारे बिना ये दिन मैंने कैसे कटे होंगे” योगेश बोला
योगेश की बात सुनकर माधुरी शर्आंटी गई और बारे ही प्यार से योगेश की ओर देखने लगी योगेश भी अपनी आंखों में दुनिया भर का प्यार समेटे उसे देखे जा रही था तभी उसे माधुरी की बात याद आई तो वो बोला “तुम्हें अपना वादा याद है ना की वापस आकर तुमने मुझे क्या गिफ्ट देना था”
एक बार फिर माधुरी शर्आंटी गई और बोली “मुझे याद है लेकिन तुम ही बताओ की इतनी भीड़ में और वो भी मनीषा के होते ये कैसे पॉसिबल हो पाएगा और अब तो टीना भी आई हुई है लगता है हमें अब बहुत इंतजार करना होगा” माधुरी की आवाज़ में एक हल्की सी उदासी थी
“तुम चिंता मत करो मैं करता हूँ कुछ इस बारे में” योगेश कुछ सोचते हुए बोला
“ठीक है अब मैं चलती हूँ मुझे भी जोरों की नींद आ रही है” कहते हुए माधुरी उठ गई और अपने रूम की ओर चल दी और योगेश इसी उड़ेड़बुन में लग गया की अब आगे क्या किया जाए जिससे वो माधुरी की चुत जल्दी से जल्दी पा सके……….
दोपहर के 12 बज चुके थे और सभी लोग डाइनिंग टेबल पर ख़ान एके लिए बैठे हुए थे मनियस, माधुरी और टीना भी नींद पूरी करके फ्रेश हो चुकी थी पूजा और योगिता सभी को खाना सर्व कर रही थी ज्योति चाची अभी भी पूजा से नज़रे नहीं मिला पा रही थी लेकिन योगेश सवेरे भी उसे तसल्ली दे चुका था की पूजा की चिंता ना करे वो किसी को कुछ नहीं कहेगी लेकिन ज्योति अभी भी संतुष्ट नहीं हुई थी और उसके दिल में डर बना हुआ था
“और सुनाओ नीरज क्या चल रहा है और खबर किए बिना ही कैसे आ गये अगर हमें पता होता की तुम आने वाले हो तो हम जल्दी ही वापस आजाते” राजेश बोले
“भैया सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की खबर देने का वक्त ही नहीं था दरअसल मुझे कॉम्पेनी की तरफ से गोआ का हॉलिडे टूर मिला है जिस में चार लोग जा सकते है अब चूँकि निशा और निर्मल गोआ घूम कर आचुके है तो मैंने सोचा की आपको और भाभी को ही साथ ले चले वैसे भी आप लोग कहीं घूमने जाते ही नहीं तो इस बहाने आप लोगों के साथ घूमने और कुछ वक्त बिताने को मिल जाएगा” नीरज चाचा बोले
“नहीं नीरज अभी गाँव में खेतों में बहुत काम है अगर मैं नहीं रहा तो बहुत परेशानी हो जाएगी मैं नहीं चल सकता हाँ तुम चाहो तो अपनी भाभी को ले जा सकते हो, और हाँ ये निशा और निर्मल कहाँ है उनके बारे में तो मैं पूछना ही भूल गया था” राजेश बोले
“भैया निशा और निर्मल शाम तक यहाँ पहुंच जाएँगे आप उनकी सिंता मत कीजिए और चाहे कुछ भी हो जाए आपको हमारे साथ चलना ही होगा वरना आज के बाद हम कभी भी आपके घर नहीं आएँगे, क्यों ज्योति” नीरज बोला
“हाँ भैया हम बड़ी उम्मीद लेकर यहाँ आए है वैसे तो आप लोगों के साथ रही नहीं सकते तो छुट्टियों के बहाने ही सही आप लोगों को हमारे साथ चलना ही होगा” ज्योति ने भी राजेश को मनाया
“लेकिन नीरज तुम समझते क्यों नहीं अगर मैं तुम्हारे साथ चला गया तो खेतों का काम कौन संभालेंगा” राजेश ने अपनी मजबूरी बताई
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 50
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