RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 47
सभी लोग नीचे डाइनिंग हॉल में टेबल पर बैठे हुए थे और खाना कहा रहे थे ज्योति चाची और योगेश दोनों ही बहुत एक्शैटेड थे अपनी पहली चुदाई को लेकर और उनका रोमांच लगातार बढ़ता ही जा रही था दोनों अगल बगल में बैठे हुए थे इस लिए ज्योति रही रहकर योगेश के साथ छेड़कनी किए जा रही थी अभी भी उसका एक हाथ योगेश का मोटा लंड कपड़ों के ऊपर से पकड़े हुए था और वो योगेश के लंड को मसले जा रही थी योगेश को सबकी मौजूदगी में ज्योति के ऐसे करने से बहुत डर लग रहा था लेकिन वो ज्योति से कुछ बोल भी नहीं सकता था लेकिन उसने एक दो बार ज्योति का हाथ हटाने की कोशिश जरूर की ही मगर ज्योति कहाँ मानने वाली थी आख़िर आज उसकी बहुत दीनों की इच्छा जो पूरी होने वाली थी उधर सभी लोग बातें करते हुए खाना खाने में व्यस्त थे और इधर ज्योति मस्ती करने में और योगेश उसे झेलने में लगा हुआ था तभी एकाएक ज्योति ने अपना हाथ योगेश के लोवर के अंदर घुसा दिया और उसके नंगे लंड के सुपाडे के छेद पर अपनी एक उंगली घूमने लगी अचानक हुए इस हमले से योगेश बौखला गया और उसके मुंह से एक लंबी ‘आहह…..’ निकल गई योगेश की आ सुनकर सभी लोगों ने उसकी तरफ देखा अबतक थोड़ी देर के लिए ज्योति के हाथ की हरकतें भी रुक गई थी
“क्या हुआ योगेश ऐसे आहें क्यों भर रहे हो” नीरज चाचा बोले
“कुछ नहीं हुआ चाचाजी एक चिंटी ने काट लिया था इसीलिए आ निकल गई” योगेश बात संभालते हुए बोला
“अब तो सब ठीक है ना भैया, ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा” योगिता केर दिखाते हुए बोली
“नहीं नहीं अब सब ठीक है आप लोग खाना खाओ” योगश् बोला
सब लोग फिर से खाने में बिज़ी हो गये थे और ज्योति का हाथ फिर से अपना काम शुरू कर चुका था अब योगेश भी ज्योति से बदला निकालने की सोच रहा था लेकिन अपने अंदर इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था जबकि उसकी चाची उससे चुदाई करने का वादा कर चुकी थी फिर भी उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी अपनी चाची के शरीर को टच करने की अब ज्योति ने योगेश के लंड को सहलाना छोडकर उसकी मूठ मरने लगी थी योगेश को अब डर के साथ साथ मजा भी आने लगा था लेकिन उसे लगा की यदि वो यहीं सबके सामने झड़ने लगा तो शायद उसके मुंह से फिर आहें निकालने लगेगी और उसे फिर कोई बहाना बनाना पड़ेगा इस लिए उसने मजबूती के साथ ज्योति का हाथ पकड़ कर उसे रोक दिया उसके ऐसा करते ही ज्योति ने उसकी ओर देखा तो योगेश ने बिना उसकी ओर देखे ना में गर्दन हिला दी लेकिन वो दोनों ही ये बात नोट नहीं कर पाए की किसी ने उनकी ये हरकत देख ली है और उसका ध्यान अब पूरी तरह से उन दोनों पर ही है अब ज्योति ने अपना हाथ योगेश के लोवर से बाहर निकल लिया और योगेश को दिखाते हुए हाथ पर लगे योगेश के प्रेकुं को चाटने लगी इस हरकत को उन पर ध्यान रखे शख्स ने भी देखा और वो भी सोच में पड़ गया की ये क्या हो रहा है लेकिन वो इतना अंदाज नहीं लगा पाया की ज्योति के हाथ पर क्या लगा है जिसे वो चाट रही है उसने सोच लिया की अब तो इन दोनों पर नज़र रखनी ही पड़ेगी
थोड़ी देर में सभी लोग खाना कहा कर हॉल में आ गये थे थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें चलती रही फिर पूजा और योगिता किचन की सफाई करने चली गई नीरज भी एबेस वन के लिए जाने लगा था तो ज्योति योगेश से बोली “चलो योगेश थोड़ा टहल कर आते है”
ज्योति की बात सुनकर योगेश खड़ा हुआ और नीरज से बोला “चलिए चाचाजी आप भी हमारे साथ चलिए”
“नहीं भाई मुझे नहीं जाना, वैसे भी सफ़र की थकान अभी उतरी नहीं है और वैसे भी मुंबई जैसी जगह में काम की वजह से ज्यादा सोने को भी नहीं मिलता था इस लिए मैं तो बस अच्छे से सोना चाहता हूँ तुम लोग आ जाओ टहल कर मैं तो चला अपने रूम में” कह कर नीरज अपने रूम में चला गया
“तो फिर चले” योगेश ज्योति से बोला
“अभी रुको मैं बस 2 मिनट में आती हूँ” कह कर ज्योति रूम में गई और अपनी कुरती उतार कर सलवार के ऊपर एक ढीला सा टॉप पहन कर बाहर आगाई और वो दोनों टहलने के लिए निकल पड़े शहर छोटा होने के कारण अब सड़कों पर इक्का दुक्का लोग ही नज़र आरहे थे उनमें कुछ इन्हीं की तरह नाइट वॉक करने वाले थे तभी ज्योति ने योगेश का हाथ पकड़ लिया और उसका हाथ पकड़ कर चलने लगी उसके ऐसा करते ही योगेश ने उसकी ओर देखा और उसका हाथ दबा कर मुस्करा दिया
“तो योगेश तुम ने आज तक चुदाई का मजा नहीं लिया है, लेकिन पॉर्न फिल्में तो देखी ही होगी क्या अच्छा लगता है तुम्हें एक औरत के बदन में” ज्योति बोली
“मुझे एक सेक्सी औरत के बदन में उसके सभी अंग अच्छे लगते है” योगेश बोला
“लेकिन कोई खास जगह तो होगी जो तुम्हें औरत की ओर सबसे पहले आकर्षित करती होगी” ज्योति बोली
“हाँ वो है ना, मुझे औरत के शरीर में उसकी गान्ड वाला हिस्सा सबसे अच्छा लगता है उसके बाद उसके बूब्स है जो मुझे अच्छे लगते है” योगेश बोला
“और चुत के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है” ज्योति मुस्कुराते हुए बोली
“वो तो सबसे अच्छी जगह है वहीं तो लुंडो को आराम मिलता है लेकिन वो तो इतने पर्दो में रहती है किन अजर ही नहीं आती इसी लिए एक मर्द औरत में सिर्फ़ गांड और बस की वजह से ही आकर्षित होता है” योगेश बोला
“ बहुत जानते हो तुम औरत के बारे में मुझे तो लगता है की तुम पहले भी चुदाई कर चुके हो लेकिन मुझसे झूठ बोल रहे हो” ज्योति उससे चिपक कर उसकी कमर में हाथ डाल कर चलती हुई बोली
“नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है वो तो ब्लू फिल्म देख देख कर ही मैं इतना सीखा हूँ” योगेश ने जवाब दिया ज्योति के इस तरह छिपकने से वो अपनी पसलियों पर ज्योति के बूब्स की सख्ती को योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था अब उसने भी थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपना हाथ ज्योति के भारी नितंबों पर ले आया और उसकी गांड की दरार को सहलाने लगा
कुछ दे रेज़ ही चलने के बाद वो के छोटे से पार्क में पहुँच गये वहाँ बहुत सी बेंच लगी थी लेकिन वहाँ अभी दूसरा कोई नहीं था वो दोनों ही अंधेरे में एक बेंच पर बैठ गये थे ज्योति योगेश से एकदम सात कर बैठी थी योगेश उसके शरीर की मादक खुशबू से मस्त हुए जा रही था इसी मस्ती में उसने ज्योति की एक चूची को दबाना शुरू कर दिया था ज्योति भी उसे ऐसा करते देख अपने आपको रोक नहीं पाई और वो भी योगेश के लंड को मसलते हुए उसके होठों को किस करने लगी थोड़ी ही देर में दोनों ही बहुत गरम हो गये थे दोनों की सांसें धौकनी की तरह चल रही थी योगेश अब ज़ोर ज़ोर से ज्योति के बूब्स मसलने लगा था और उधर ज्योति भी योगेश के लोवर के अंदर हाथ डाल कर जंगलियो की तरह योगेश के लंड को उमेत और खींच रही थी योगेश भी उसकी इस हरकत से ताव में आ गया और उसने भी ज्योति की सलवार में हाथ घुसेड़ दिया और उसकी चुत को मुट्ठी में भर कर भींचने लगा ज्योति के सारे बदन में चिंतिया सी रेंगने लगी थी अपने भतीजे के साथ ये सब करने के रोमांच से वो पागल सी हो रही थी अब तक उसकी चुत भाल भाल कर के पानी छोडने लगी थी तभी योगेश ने उसकी चुत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद किया और अपनी चाची की पनियाई हुई चुत में ‘खच्छ…’ से दो उंगलियां घुसेड़ दी “आहह……हुउंम….” योगेश के ऐसा करते ही ज्योति सिसकियां भरने लगी और ज़ोर ज़ोर से योगेश की मूठ मरने लगी अब योगेश से रहा नहीं गया तो वो बोला “चलो चाची उस झड़ी के पास चलते है वहाँ अंधेरा भी है कोई हमें देख भी नहीं पाएगा अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है”
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 47
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 48
“नहीं योगेश यहाँ ये सब करना ठीक नहीं है चलो हम घर ही चलते है”कह कर ज्योति खड़ी हो गई आग तो उसके बदन में भी बहुत लगी थी लेकिन उसे खुलेआम ये सब करना मंजूर नहीं था योगेश भी उसके उठहते ही खड़ा हो गया और दोनों जल्दी जल्दी चलते हुए घर आ गये
अब तक पूजा और योगिता भी किचन का काम खत्म करके हॉल में आगाई थी योगेश और ज्योति भी उनके पास जाकर बैठ गये और उनमें बातें होने लगी कुछ देर बाद पूजा किचन में गई और उसने वहाँ से आवाज़ लगाई “भैया ज़रा यहाँ आना मुझसे ये डिब्बा रखा नहीं जा रही है”
योगेश उठा और अंदर चला गया जैसे ही योगेश पूजा के पास पहुँचा पूजा उससे लिपट कर उसका लंड सहलाने लगी उसे ऐसा करते देख योगेश घबरा गया और उसे अपने से अलग करते हुए बोला “तू पागल तो नहीं हो गई है अगर चाची ने देख लिया तो लेने के देने पड़ जाएँगे”
“तो भैया क्या अब हमें चुदाई के बगैर ही रहना पड़ेगा” पूजा उदास लहजे में बोली
“तू ज़रा सब्र रख मैं जल्दी ही कुछ इंतजाम कर लूँगा, अब बाहर चल” ये कह कर योगेश हॉल में आ गया और वहाँ आते ही बोला “अब मुझे तो नींद आ रही है मैं तो चला अपने रूम में अब सुबह मिलते है”
“नींद तो मुझे भी आ रही है, लेकिन तुम्हारे चाचा खुर्रटे बहुत भरते है इसलिए मुझे तो उनके साथ अच्छे से नींद नहीं आएगी अगर तुम मेरे लिए कोई दूसरा रूम सेट कर दो तो बड़ा अच्छा हो जाए” चाची योगेश से बोली
“रूम सेट करने की क्या बात है मनीषा और माधुरी का रूम भी तो खाली ही पड़ा है अभी तो आप उंमेसए किसी के भी रूम में सो जाओ, क्यों योगिता ठीक है ना” योगेश बोला
“हाँ चाची आप मधु दीदी के रूम में सो जाओ क्यों की टीना दीदी भी आ रही है और वो तो मनीषा दीदी के साथ ही रहती है इसलिए मधु दीदी के रूम में आपको कोई परेशानी नहीं होगी” योगिता बोली
फिर सभी लोग चाचा को गुड नाइट बोल कर ऊपर आए और एक दूसरे को गुड नाइट बोल कर अपने अपने रूम में बंद हो गये
योगेश अब बड़ी बेसब्री से अपनी चाची के मिस कॉल का इंतजार करने लगा था…… रात के 12 बज चुके थे अभी तक चाची का मिस कॉल नहीं आया था अब योगेश परेशान हो चुका था की अभी तक चाची का मिस कॉल क्यों नहीं आया जब की ये मिस कॉल तो बहुत पहले आजना चाहिए था क्योंकि वो सभी लोग लगभग 10.30 पर ही ऊपर आचुके थे पार्क में हुई घटना से पहले ही वो बहुत गरम हो चुका था इसलिए उसका लंड आज चुत के लिए सच में बहुत तड़प रहा था उसने थोड़ी देर और इंतजार करने किया सोचा और फिर से अपनी चाची की चुत के बारे में सोचने लगा
उधर चाची ज्योति भी बहुत एक्शैटेड थी योगेश से चुदवाने के लिए और वो भी बहुत पहले ही योगेश को मिस कॉल करने वाली थी लेकिन पता नहीं उसके दिमाग में क्या आया की वो उठ कर रूम से बाहर आगाई और सबके रूम चेक करने लगी इस चेकिंग में उसे पूजा और योगिता के रूम की लाइट जलते हुए दिखी और वो समझ गई की वो दोनों अभी सोई नहीं है और वो अंदर जाकर उनके सोने का इंतजार करने लगी उसे पता था की इन लड़कियों के सामने उसे रिस्क नहीं लेना है इसलिए वो शॅंटी से उनके रूम की लाइट बंद होने का इंतजार करने लगी लेकिन उसे योगेश की भी च्ीिंता थी की वो पता नहीं क्या सोच रहा होगा शायद वो उसके लेट होने की वजह से सो ना जाए लेकिन ज्योति कर भी क्या सकती थी वो मान ही मान उन दोनों बहनों को गली बकते हुए अपना टाइम पास करने लगी
उधर पूजा जो की अपनी चाची और अपने भाई के इशारे देख कर पहले ही उन पर शक कर चुकी थी को अभी तक नींद नहीं आई थी और ना ही वो अभी तक सोने की सोच रही थी उसे सिर्फ़ इतना पता था की उसे आज की रात इन दोनों की निगरानी करनी है की कहीं ये रात को कोई गुल ना खिलाए उसने अभी तक योगिता को इस बारे में कुछ नहीं बताया था ओ उसे कुछ बताना भी नहीं चाहती थी क्योंकि वो नहीं चाहती थी की योगरष उसके सिवाय किसी और के सामने झुके इसलिए वो योगिता से इधर उधर की बातें करती रही और उसके सोने का इंतजार करते रही जैसे ही योगिता नींद के आगोश में सआंटी गई पूजा झट से उतही और अपने रूम का लाइट बंद करके दरवाजा को थोड़ा सा खोल कर झिर्री बना कर बाहर की ओर देखने लगी चूँकि यदि चाची को योगेश के रूम में या योगेश को चाची रूम में जाना होता तो उन्हें वहीं से गुजरना होता इसलिए इसी उम्मीद में पूजा घाट लगाए वहीं बैठे हुए थी
रात के लगभग 12.30 पर योगेश का मोबाइल तर्रा उठा क्यों की वो अभी वैयब्रेटिओं मोड पर था योगेश ने जैसे ही मोबाइल उठाया उसका क्नप्णा बंद हो गया वो समझ गया की ये उसकी चाची का मिस कॉल था फिर भी उसने नंबर चेक किया तो ये चाची का ही नंबर था ओ उठा और धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर झनकने लगा तभी चाची रूम से बाहर निकली और इधर उधर चेक करके चाट की सीडियान चढ़ने लगी पूजा अपने दरवाजे की झिर्री से सब कुछ देख रही थी उधर योगेश भी चाची के सीडियान चढ़ जाने के बाद चाट की ओर तरफ गया और चाची के पीछे पीछे ही चाट पर पहुँच गया उसने इधर उधर नज़र दौड़ाई लेकिन उसे चाची कहीं नज़र नहीं आई तभी उसे स्टोर रूम का ख्याल आया और वो उसकी ओर चल पड़ा स्टोर रूम में घर की पुरानी चीज़े पड़ी थी और वो हमेशा अनलॉक्ड ही रहता था उसने स्टोर रूम में झाँक कर देखा चाची वहीं खड़ी हुई थी और उसे देख कर मुस्करा रही थी वो आगे बढ़ा और दरवाजा भिड़ा दिया क्यों की उसे अभी किसी के भी वहाँ आने की उम्मीद नहीं थी लेकिन उसे क्या पता था की पूजा भी उसके पीछे पीछे ऊपर आचुकी थी और उसे स्टोर रूम घुसते हुए देख चुकी थी पूजा को अभी भी यकीन नहीं आ रहा था की सच में उसका भाई अपनी ही चाची को चोदने के लिए मारा जा रही है उसने दरवाजे की झिर्री में आँख लगा दी और अंदर चल रहे तमाशे को देखने लगी चूँकि अंदर लाइट जल रही थी इस लिए उसे देखने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी
ज्योति एक छोटी सी नाइटी में थी जो बड़ी मुश्किल से उसके कुल्हो को ही ढँक पा रही थी उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना था योगेश भी सिर्फ़ एक बॉक्सर और सेंड़ो में था उसने भी बॉक्सर के नीचे कुछ नहीं पहना था जैसे ही वो ज्योति के पास पहुँचा ज्योति ने एक झटके में हुक खोल कर नाइटी से छुटकारा पा लिया अब नाइटी उसके पैरों के पास पड़ी थी और उसके बारे बारे बूब्स खुली हवा में सांस लेते हुए योगेश को अपनी ओर आमंत्रित कर रहे थे उसका सपाट पेट और गहरी नाभि उसकी केले के तनो जैसी चिकनी गोरी टांगों के बीच फूली हुई चुत जिस पर बालों का नामोनिशान तक नहीं था योगेश के होश उड़ाए दे रही थी उसका मुंह अपनी चाची के हाहकारी हुस्न को देख कर खुला ही रही गया उसे ऐसा लग रहा था जैसे मल्लिका शहरावट ही उसके सामने नंगी खड़ी हो वो अपने सच चुके होठों पर जीभ फिरा कर उन्हें नाम करने की नाकाम कोशिश करने लगा लेकिन उसके होंठ बार बार सुख़्ते जा रहे थे उसने अपनी चाची के बदन के बारे में ऐसा तो कभी भी नहीं सोचा था की वो इतना कातिलाना होगा दो जवान बच्चों की मां और उमर भी 38 की लेकिन बदन में कमसिनता 23 साल की लड़की जैसी ‘वाह’ उसके मुंह से अनायास ही निकल गया
“अब ऐसे खड़े खड़े घूरते ही रहोगे या कुछ करोगे भी, वैसे भी मैं पहले से ही बहुत गरम हूँ मुझे तुम्हारे लंड के अलावा अभी इस दुनिया में कुछ भी प्यारा नहीं रहा इसलिए देर ना करो ओए अपने लंड के दर्शन करा के उसे झट से मेरी प्यासी चुत में पेल कर उसकी प्यास बुझा दो” ज्योति कामुक निगाहों से योगेश को निहारते हुए बोली
अपनी चाची की बात सुनकर योगेश भी अपने कपड़ों से आज़ाद हो गया और उसका राक्षशो जैसा विकराल लंड टन कर उसके पेट से जा लगा
“हें कितना प्यारा है ये खिलौना लेकिन आज तक मैंने जितनी भी लंड लिए है ये उन सब से लंबा और मोटा है मुझे तो लगता है की ये मेरी चुत ही फाड़ देगा, लेकिन कोई बात नहीं आज मुझे अपनी चुत की ज़रा भी परवाह नहीं है” कहते हुए ज्योति चाची योगेश के सामने घुटनों के बाल बैठ गई और उसके लंड को अपनी मुट्ठी में भर कर उसका नाप तोल करने लगी योगेश भी अपनी चाची के हाथ अपने लंड पर महसूस करके मस्त हो गया और उसके लंड ने अपनी दो बंद बाहर निकल दी योगेश के लंड पर प्री कम की बूंदें देख कर ज्योति से रहा नहीं गया और उसने झट से अपनी जीभ लंड के सुपाडे पर लगा दी और योगेश के पानी को चाटने लगी “वाउ क्या टेस्ट है आज तक किसी भी लंड का टेस्ट मुझे इतना अच्छा नहीं लगा” ज्योति चटखारे लेते हुए बोली अब योगेश भी मस्ती में आ गया था उसने ज्योति का सर अपने लंड पर दबा दिया और बोला “चाची इसे मुंह में लो ना”
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 48
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