RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 12
मैंने फिल्म की तरफ देखा भैया सच कह रहे थे
”चल टीना अब तू भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दे” भैया बोले
मेरी चुत भी अब और सहन करने के मूंड़ में नहीं थी मैंने झट से अपना ब्रा उतार कर फेंका और इससे पहले की भैया कुछ समझ पाते पैंटी भी निकल कर दूर फेंक दी भैया हक्कबाक्का रही गये मेरी चूंचिया और चुत दोनों उनके सामने नंगी थी और वो समझ ही नहीं पा रहे थे की पहले किसे देखे इधर मैं उनकी इस हालत का मजा ले रही थी भैया का बुरा हाल था उनका लंड अब झटके पर झटके मारे जा रहा था उसे देख कर मेरी चुत भी अब जलन करने लगी थी मैं जाकर कुर्सी पर बैठ गई और बोली ”भैया आप भी बैठ जाओ जो भी देखना हो बाद में देख लेना अब मुझ से सहन नहीं हो रहा है” और मैं फिल्म देखने लगी मेरी उंगली कब चुत में चलने लगी मुझे पता ही नहीं चला भैया भी कुर्सी पर बैठ कर फिल्म देखते हुए मूठ मरने लगे
हम दोनों पहले से ही गरम थे इसलिए थोड़ी देर ने ही मैं सिसकारी भरते हुए झाड़ गई मेरा बदन अकड़ कर कुर्सी पर टन गया और मेरी आंखें अब भैया के लंड पर जम गई भैया भी ज्यादा देर नहीं टीके और वो भी ”हाय्ी हाय्ी” करते हुए पिचकारी पे पिचकारी चोदने लगे
हम दोनों भाई बहन झड़ने के कुछ देर बाद तक शांत बैठे रहे फिर भैया ने दूसरी फिल्म लगा दी इसमें ग्रुप सेक्स दिखाया गया था मेरा ध्यान फिल्म की तरफ था जबकि भैया मेरे बदन को ही घुरे जा रहे थे ”ऐसे क्या देख रहे हो भैया” मैं बोली
”टीना मुझे तुम्हारे शरीर के सभी अंग बहुत ललचा रहे है क्या मैं इन्हें छू कर देख सकता हूँ” भैया ने जवाब दिया
”पर भैया एक दूसरे को छूने से हमारी भावनाएं भड़क सकती है और कहीं हम चुदाई कर बैठे तो?” मैंने कहा
”तो कौनसा पहाड़ टूट जाएगा, वैसे भी ऐसे सेक्स की आग में जलकर जीने से अच्छा तो ये है की हम दोनों ही एक दूसरे की आग बुझा दे” भैया बोले
”पर मैं अपने आप को इसके तैयार नहीं कर पा रही हूँ” मैं बोली
”तू एक कम कर तू कुछ मत कर तू सिर्फ़ मुझे अपने आप को छूने भर दे मैं वादा करता हूँ की जब तक तू नहीं कहेगी मैं तुझे नहीं चोदूंगा मैं सिर्फ़ तेरे बदन को छू कर चूम कर चाट कर अच्छे से महसूस करना चाहता हूँ बस इतनी इजाज़त तू मुझे देदे” भैया बोले
मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी के क्या जवाब दूं चुदाई करने की तो मेरी भी इच्छा हो रही थी पर ना जाने क्यों मेरा दिमाग मुझे रोक रहा था फिर मैंने सोचा की हम दोनों जहाँ तक आ गये है वहाँ से आगे ही तरफ सकते है पीछे तो किसी कीमत पर भी नहीं आसाकते है तो जो हो रहा है वो होने दिया जाए ऐसा सोच कर मैं भैया की और देखने लगी और अपनी नज़रे नीचे झुका ली भैया मेरी मौन स्विकराती को समझ गये और ‘थेन्क यू’ बोल कर मुझे गोद में उठा कर पलंग पर लिटा कर एर ऊपर आ गये. अब भैया मेरे होंठ चूमने लगे मेरी आंखें शर्म और मजे से बंद हो चुकी थी पर चूमने में मैं भैया का साथ नहीं दे रही थी अब भैया का एक हाथ मेरे बूब्स को सहलाते हुए धीरे धीरे दबा भी रहा था भैया के ऐसे करने से अब मैंने भी उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए इससे भैया भी मस्त हो गये और उनका लंड टन कर मेरी कमर के पास चुभने लगा मैंने हिम्मत कर के उनके लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी अब भैया ने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी और मैं उसे चूसने लगी कुछ देर ऐसे ही करने के बाद भैया ने होंठ चूसना बंद कर दिया और मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरी मेरी टांगों के बीच से मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स को चूमने और उनके निपल्स को चूसने लगे उनका लंड मेरी चुत से टकराने लगा मैंने मजे में आकर भैया सर मेरे बूब्स पर दबा दिया तभी भैया अपनी एक उंगली मेरी चुत के ऊपर घमाने लगे मैं फुल मस्ती में आगाई और ऐसा लगा की मैं बस झड़ने ही वाली हूँ अचानक ही भैया ने अपनी उंगली खचह से मेरी कुंवारी चुत में घुसा दी भैया के इस हमले से मैं रुक नहीं पाई और झड़ने लगी मेरी चुत ने आज पहली बार इतना पानी चूड़ा की जितना आज तक भी नहीं चोदा था और मुझे मजा भी उतना ही आया
अब भैया मेरी नाभि के पास चूम रहे थे और कभी कभी उसमें अपनी जीभ भी घुसा रहे थे और उनका एक हाथ लगातार मेरे बूब्स दबाए जा रहा था मैं फिर से उत्तेजित होती जा रही थी भैया धीरे धीरे नीचे मेरी चुत की तरफ तरफ रहे थे जैसे ही उनके होठों ने मेरी चुत को टच किया मैं मछली की तरह छटपटाई मैंने अपने दोनों हाथों से बेड शीट को भिच लिया अब भैया मेरी चिकनी चुत को चाटने लगे उन्होंने चुत के दोनों होठों को खोल कर अपनी जीभ उसमें घुसा दी और जीभ से ही उसे चोदने लगे कुछ देर ऐसा करने के बाद भैया ने मुझे उल्टा लेता दिया और मेरी पीठ चाटते हुए मेरी गांड पर आकर मेरे बारे बारे चूतडो को चाटने लगे मैं मजे के समंदर में डुबकिया लगाने लगी अब भैया ने मेरे चूतडो को फैला दिया और अपनी जीभ से मेरी गांड की दरार को चाटने लगे तभी भैया ने अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद में घुसा दी मुझे थोड़ा दर्द तो हुआ पर इतना मजा आया की मैं एक बार फिर जहड़ गई अब भैया रुक गये और उठ कर बैठ गये मैंने सीधी हो कर उन्हें देखा और बोली ”क्या हुआ भैया”
”कितनी ख़ुदग़र्ज़ है यार यू तेरा तो दो बार हो चुका है पर मेरी भी तो सोच मेरा लंड अब दर्द करने लगा है इसे भी तो आराम चाहिए” भैया मुस्कुराते हुए बोले
मैं उठी और मैंने भैया लंड अपने हाथों में ले लिया वो बहुत सख्त और गरम था मैं धीरे धीरे उसको आगे पीछे करने लगी
”ऐसे नहीं इसको मुंह में लेकर चूसो वरना मुझे मजा नहीं आएगा” भैया बोले
मैंने अपना मुंह भैया के लंड से लगाया और उसे चूम लिया लेकिन मैं उसे मुंह में लेकर चूस नहीं सकती थी क्योंकि मुझे ये सब गंदा लगता था अब मैं क्या करूं जिससे भैया को भी मजा आ जाए और मुझे भी लंड नहीं चूसना पड़े कुछ देर सोचने के बाद मैंने फैसला कर लिया और बोली ”नहीं भैया ये मुझे अच्छा नहीं लगता मैं आपका लंड नहीं चूस सकती”
”तो फिर मेरा क्या होगा” भैया बोले
”अपने आज मुझे बहुत मजे दिए है भैया इसलिए मैंने भी आपको एक गिफ्ट देने का सोच लिया है” मैं बोली
”कैसा गिफ्ट” वो बोले
”मेरी चुत हाँ भैया आप मुझे चोद सकते है” कह कर मैं पलंग पर लेट गई और अपनी टाँगे खोल दी.
मेरे मुंह से ऐसा सुनकर तो भैया जैसे पागल हो गये वो मुझे दीवानों की तरह चूमने लगे और ‘टॅंक्स बहना’ कह कर मेरी टांगों के बीच में आ गये उन्होते एक तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दी जिससे मेरी चुत पूरी तरह से खुल कर सामने आगाई
”भैया प्लीज़ मेरा ध्यान रखना मेरा पहली बार है”
”तू चिंता मत कर टीना बस एक बार ही तुझे थोड़ा सा दर्द सहन करना है फिर तो मजे ही मजे है तेरे” कह कर भैया ने बहुत सारा थूक अपने लंड पर लगा लिया और लंड मेरी चुत के मुंह पर लगा कर धीरे धीरे दबाव बनाते हुए मेरे ऊपर आकर मेरे होठों को अपने होठों में दबाने लगे भैया ने अभी धक्का नानी मारा था इस लियड लंड अभी अंदर नहीं गया था पर वो धीरे धीरे अपने लिए मेरी चुत में जगह बनाने लगा था मेरी चुत धीरे धीरे फैलने लगी थी और मुझे दर्द होना भी शुरू हो गया था मैंने भैया के बालों को कस कर पकड़ लिया था तभी भैया थोड़ा पीछे हुए और उन्होंने एक ज़ोर का धक्का लगाया मेरी आहें दर्द से फट गई मैं दर्द से हाथ पैर पताकने लगी भैया के होठों से मेरे होंठ बंद थे इसलिए मेरे मुंह से चीख तो नहीं निकली पर गुउुउ की आवाज़ निकल रही थी मैं भैया को पीछे धक्का रही थी भैया का लंड आधा अंदर घुस चुका था भैया कुछ देर तक रुके रहे तो मेरा दर्द भी कुछ कम हो गया मेरा विरोध कम होते देख भैया उतनी जगह में ही लंड आगे पीछे करने लगे कुछ देर बाद मेरी चुत भी पानी छोड़ लगी थी जिससे लंड को आगे पीछे होने में अब परेशानी नहीं हो रही थी लेकिन भैया का लंड अभी पूरा अंदर नहीं गया था अब मुझे भी मजा आने लगा था तभी भैया ने मेरे मुंह पर हाथ रखते हुए लंड पूरा पीछे खिंचते हुए एक ज़ोर का आखिरी धक्का मारा और पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया मेरी चीख मेरे मुंह में ही घुट कर रही गई और आंखों से आँसू बहने लगे इसके बाद भैया ने कोई हरकत नहीं नहीं और मेरे होंठ चूसते और चूची दबाते लगभग 5 मिनट तक वैसे ही पड़े रहे अब मेरा दर्द भी कम हो गया था और मैं भी भैया का साथ देते हुए उनकी पीठ सहलाने लगी अब भैया धीरे धीरे धक्के लगाने लगे और मैं भी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी अब भैया के धक्को की बढ़ता तरफ गई थी कुछ देर बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं झड़ने लगी मेरी चुत ने भैया के लंड को जकड़ लिया जिससे भैया भी अपने आपको रोक नहीं पाए और मेरी चुत में ही झाड़ गये .
उस रात हमने दो बार और चुदाई की फिर तो हर रात 2-3 बार चुदाई पक्का ही होती टनी और कभी कभी दिन में भी मौका मिला तो हम शुरू हो जाते है कही गड़बड़ ना हो जाए इसलिए मैं गर्भ निरोधाज टॅब्लेट्स ले लेती हूँ और हम दोनों भाई बहन चुदाई का पूरा मजा लेते है कह कर टीना चुप हो गई.
मनीषा छपछप मुंह खोले टीना को देखे जा रही थी उसे अभी भी यकीन नहीं आ रहा था की ऐसा भी हो सकता है वो बिना कुछ बोले ही सोने की कोशिश करने लगी और टीना भी उसे देख कर चुप ही रही और अपनी आंखें बंद कर के लेट गई..
दोपहर के 2 बज चुके थे माधुरी अभी तक योगेश के रूम में नहीं आई थी जिस से योगेश बेचैन होने लगा उसने सोचा की शायद वो माधुरी के चक्कर में योगिता से भी हाथ धो बैठा है वो बहुत पचता रहा त ना की क्यों उसने माधुरी की बात पे यकीन कर के योगिता को मना कर दिया.
रही रही कर उसकी निगाहें खुले हुए दरवाजे पर चली जाती पर माधुरी की कोई खबर नहीं थी.
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 12
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