RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
“हट... तुम ग़लत बोल रहे हो. लड़की जब जवान होती है तो उसकी चुचि अपने आप ही बढ़ने लगती है. मेरी चुचि तो अभी और बढ़ेगी. किसीके छूने
से हो सकता है की जल्दी बढ़ जाए.” ममता ने मन ही मन कहा की तुम क्यो नही दबा रहे हो और फिर बिल्कुल चित लेट गयी. ममता अचानक चित हुई थी और मनु का हाथ सीधा
ममता की एक चुचि पर रह गया. मनु को बहुत अच्छा लगा और उसने हौले से चुचि को दबा दिया. भाई का हाथ चुचि पर पाकर ममता खुश हो गयी.
“भाई, तुमने कभी किसी की चुचि दबाई है ?
“नही” बोलकर मनु बहन की चुचि को हौले हौले मसलने लगा. कभी एक चुचि को तो कभी दूसरी चुचि को. मनु ने महसूस किया की ममता की चुचि
पानी से भरे बलून की तरह टाइट है जब की चंपा की चुचि स्पंजी और गुदाज़ है.
“बहन , तुमने कभी नंगे आदमी को देखा है?”
“नही, भैया” ममता ने धीरे से कहा .
“कभी मन नही करता है.?”
“जब सुधा अपनी नौकरानी और अपने पापा की बात सुनाती है तो मेरा भी मन करता है की कोई मुझे भी बाहों मे लेकर खूब मसले और चूमे. मेरे अंग अंग को दबाए और तब तक दबाता रहे की मै थक ना जाऊ.”
ममता का इतना कहना मनु के लिए खुला निमंत्रण था. मनु झट से उठकर बैठा और दोनो हाथो से बहन को उठा कर बैठा लिया.
ममता को ज़्यादा मालूम था. वो अपनी दोनो टांगे भाई के उगल बगल रख कर उससे बिल्कुल सट गयी.
ममता अपनी भाई के लंड पर बैठी थी. मनु दोनो हाथो मे लपेट कर ममता को चूमने लगा. ममता ने भी पूरा साथ दिया.
उसकी चुचि भाई के छाती से बिलकुट सटी हुई थी और नीचे कमर भी उचका रही थी.
चूमते चूमते मनु बहन को खूब ज़ोर से दबा भी रहा था जैसे की एक लड़की को नही किसी प्लास्टिक की गुड़िया को मसल रहा हो.
“और ज़ोर से दबाऊ ? ” उसने बहन से पूछा.
“मुझे तोड़ डालो , मेरी चुचि को मसल मसल कर चटनी बना दो. जहां मन करता है वहां मसलो खूब दबाओ, बहुत अच्छा लग रहा है.”
मनु चुचि को मसलता था तो कभी दोनो हाथो मे भर कर पूरी ताक़त से उसे जकड कर बहन की जवानी का मज़ा ले रहा था.
“कपड़े उतार कर मसलने मे और भी मज़ा आएगा.”
“जो मन करता है करो, बस चोदना मत.”
मनु ने फटाफट अपने कपड़े उतरे फिर बहन का फ्रॉक ओर पनटी उतार दिया और फिर पहले की तरह दोनो चिपक कर चुम्मा छाती करने लगे.
मनु का तना हुआ लंड ममता के चूत पर दस्तक दे रहा था. ममता एक हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगी.
मनु का ध्यान बहन की चुचि से खेलने मे था. अब उसने चुचि को चूसना सुरू किया और उसके चिकने बदन को मसलता रहा.
ममता बहुत गर्म हो गयी थी और ज़ोर ज़ोर से लंड से अपने चूत को रग़ड रही थी. अचानक वो भाई से बिल्कुल चिपक गयी और सिसकारी मारते हुए कहा.
“मै…गयी…भैया” और ज़ोर से चूत का लंड पर धक्का मारा. मनु के लंड का सूपड़ा बहन के चूत के अंदर चला गया.
लेकिन तुरंत ही ममता को होश आया और उसने लंड को चूत से बाहर निकाल दिया.
“ओह बहन, लंड बाहर क्यो निकाला अंदर जाने देती.”
ममता पैर फैला कर लेट गयी और कहा “आज बहुत मज़ा आया. पहली बार जवानी का मज़ा लिया है.
जितने दिन चूत को संभाल सकती हूँ संभालने दो फिर तो तुम्ही को अपनी बहन की सील तोड़नी है.
वादा करती हू पहली बार तुम्हारे लंड को ही चूत के अंदर लुंगी.”
ममता लंड को सहलाने लगी और कहा “साला कितनी जल्दी अंदर घुस रहा था, लगता है भूखा है. मै जल्द ही इसके लिए एक मस्त माल लाउंगी .”
मनु भी बगल मे बहन के उपर झुक कर लेट गया. उसने बहन की चूत को सहलाया.
इतनी देर मे पहली बार उसने चूत को छुआ था. मनुने चूत को सहलाते हुए कहा,
“सुधा कौन है? तुम उसके बादे मे क्या कह रही थी”.
ममता ने लंड को दबाते हुए कहा “सुधा मेरी क्लास मेट है और मेरी अच्छी दोस्त. उसका बाप अपनी नौकरानी को रोज चोदता है और सुधा सब कुछ देखती है.
सुधा की माँ भी सुबह काम पर चली जाती है. सुधा चुदाई की पूरी कहानी मुझे बताती है.
उसकी नौकरानी रेणु हमारे ही आगे की है लेकिन पिछले एक साल से चुदवा रही है.
जब पहली बार रेणु चुदवा रही थी तो सुधा ने देखा था और बाद मे बताया की रेणु के बुर से बहोत खून निकला था.”
ममता ने भाई के लंड को अपनी जांघो से रगड़ा और कहा “चूत मे उँगुली डाल कर मज़ा लो..’
मनु ने चूत मे उँगुली पेल दी और पूछा “ सुधा के बाप को नही मालूम की उसकी बेटी सब कुछ देखती है?”
“ अरे भैया, उसका बाप तो जान बुझकर सुधा को दिखा दिखा कर रेणु की चुदाई करता है.’
“ तब तो उसने अपनी बेटी को भी चोद डाला होगा.’
“हो सकता है, लेकिन सुधा कहती है अभी तक उसके बाप ने उसे चोदा नही है ना ही कभी चोदने की बात की है.
लेकिन सुधा डरती है की जल्द ही उसका बाप उसे चोदेगा.’
अब मनु चूत मे दो उंगली डाल कर मज़ा ले रहा था. “बहन तुम्हारी चूत लंड लेने के लिए तैयार है.”
“भैया बस तोड़ा इंतज़ार करो. धीरे धीरे प्यार से मज़ा दूँगी, घर का माल है, जल्दी क्या है ?”
उसने भाई को चूमा और कहा अब मुझे पकड़ कर सो जाओ. ममता मनु की ओर पीठ करके सोने की कोशिश करने लगी.
मनुने अपनी टाँग बहन के कमर पर रखी और एक चुचि को जकड़ कर सोने की कोशिश करने लगा.
ममता ने चुत्तर को आगे पिछे किया और लंड उसकी गांड मे फँस गया.
बीच रात मे मनु ने लाइट जला दी और आँख फाड़ कर अपनी बहन की नंगी जवानी का दीदार करने लगा.
ममता शांत होकर सो रही थी. उसकी गठी हुई चुचि हौले हौले उपर नीचे हो रही थी. चूत के उपर हल्के हल्के घुँगराले बाल थे, लेकिन चूत साफ दिख रही थी.
उसने हल्के से चूत की फाँक को फैलाया तो उसे गुलाबी माल दिखाई दिया. थोड़ी देर तक देखने के बाद उसने चूत को चूमा और लाइट ऑन रखकर सोने लगा और कब सो गया मालूम नही.
सुबह दरवाजे पर मा की आवाज़ सुनकर दोनो की नींद खुली. फटाफट दोनो ने कपड़े पहने. ममता भाई को चूमकर बाहर निकल गयी
और मनु आँख बंद कर लेटा रहा. माँ अंदर आई और उसने भी मनु को चूमा और बाहर आने को कहा.
मनु बहुत खुश था. ना विनोद चंपा के बारे मे गंदी बात करता, ना ही मनु माँ की मस्त चुचि दबा पाता, ना ही अपनी प्यारी बहन की नंगी जवानी से खेल पता.
उसने सोचा की विनोद को थॅंक्स कहे और उससे चुदाई के बादे मे जाने. मनु यही सोचता जा रहा था की उसकी बगल मे एक कार आकर रुकी और किसी लड़की ने उसे पुकारा.
उसे यकीन नही हुआ. सेठ की बेटी रेखा उसे बुला रही थी. मनु के नज़दीक पहुँचते ही रेखा ने दरवाजा खोलकर उसे अपनी बगल मे बैठा लिया.
रेखा के बगल मे सेठ जी बैठे थे. मनु ने उन्हे विश किया. कार चल दी. रेखा उससे बात करने लगी और मनु को पता नही चला कब उसने अपना एक हाथ रेखा के जांघो पर रख दिया था.
कार चल रही थी , बात चल रही थी और मनु का हाथ रेखा के जांघो पर उपर बढ़ रहा था. मनु को तब होश आया जब उसके हाथ को गर्म महसूस हुआ.
मनु की आँख रेखा से टकराई तो उसने देखा की रेखा मुस्कुरा रही है और मनु के हाथ को आँचल से धक रखा है. कल की घटना के बाद मनु की हिम्मत बहुत बढ़ गयी थी.
वो रेखा की जांघो को सहलाने लगा और सहलाते सहलाते दोनो जाँघो के बीच ठीक रेखा के चूत के उपर हाथ रखकर दबाया.
रेखा ने आँख बंद कर ली और होठों को काटा. मनु को लगा की रेखा को मज़ा आ रहा है तो वह कपड़े के उपर से ही चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा.
दोनो मज़ा ले ही रहे थे की कार रुकी . मनु का स्कूल आ गया था. मन मार कर मनु उतरा तो रेखा ने उसकी तरफ नही देखा , शायद शरम से.
लेकिन सेठ जी कार से उतर गये. उन्होने मनु को किनारे बुलाया और उसका हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा,
“बेटा, अब तुम मेरी मदद कर सकते हो..”
“क्या मदद , सेठ जी.”
“मै चंपा को चोदना चाहता हूँ, अगर जल्दी नही चोद पाया तो मै पागल हो जाऊंगा.”
“माँ तो आपके घर जाती है, उससे बोलते क्यो नही. मै क्या करू?”
“बेटा कुछ भी करो, जितना बोलेगी दूँगा.. 10,20,30,50 हज़ार दूँगा, ज्वेलरी दूँगा . बस तुम कुछ करो और हम दोनो की मुलाकात करा दो.’
इतना कहकर सेठ जी ने मनु का हाथ छोड़ा और कार मे बैठ गये.
कार स्टार्ट होने पर रेखा मनु की तरफ देखकर मुस्कुराई. मनु स्कूल की तरफ बढ़ा तो उसने देखा की सेठ जी ने उसकी हाथ मे 100 के दस नोट रख दिए थे.
“माँ को चुदवाने की पेशगी.’
उसने रुपये पॉकेट मे रख लिए. उसके हाथ मे पहली बार इतना रुपया आया था.
|