RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
इसी तरह दिन गुज़रते गये और अब करण को ट्रैनिंग पे गये लगभग 20 दिन हो चुके थे और अभी भी 10 दिन की ट्रैनिंग बाकी थी उनकी. मैं करण के बिना तड़प रही थी. दिन तो जैसे तैसे निकल जाता था मगर रात गुज़ारनी मेरे लिए मुश्क़िल हो जाती थी. एक तो पति साथ में नही थे दूसरा ये कोमल की बच्ची अपनी और जॉन की बातें मसाला लगा-2 कर बताती और उसकी बातें सुनकर मेरा जिस्म आग में सुलगता रहता और सारी रात मैं करवटें बदलती रहती. हर दूसरे या तीसरे दिन करण का फोन ज़रूर आता मगर फोन पे भी वो मुझे बस गरम करके छोड़ देते. अब तो बस मैं चाह रही थी कि जल्दी से करण वापिस आए और फिर हम दोनो मिलकर खूब चुदाई करे. लेकिन अभी भी उनके आने में 10 दिन बाकी थे.
एक रात मैं अपने रूम में बिस्तेर पे लेटी करण की यादों में खोई हुई थी. नींद आँखों से मीलों दूर थी तभी मुझे पानी की प्यास लगी तो मैं उठ कर किचन में आ गई और फ्रीज़ से बोटल निकल कर पानी पिया और जब मैं किचन से बाहर निकली तो मैने देखा कोमल अपने रूम से बाहर निकली और सीडीया चढ़ती हुई छत के उपर चली गई. मैं सोचती रही कि क्या मुझे जाकर देखना चाहिए कि उपर कोमल क्या करने गई है. बस सोचते-2 मेरे कदम खुद ही उपर की ओर बढ़ गये और मैं सीडीयों से होती हुई उपर पहुँच गई. छत पे अंधेरे ही अंधेरा था. मुझे स्टोर रूम में से कुछ आवाज़ सुनाई दी तो मैं धीरे-2 चलती हुई स्टोर रूम के पास पहुँच गई. अब आवाज़ ज़्यादा आ रही थी मगर अंदर कुछ दिखाई नही दे रहा था. मैं अंदर देखे की जगह ढूँढ रही थी. मैं घूम कर स्टोर रूम के दूसरी ओर गई तो मुझे एक खिड़की मिल भी गई मगर वो काफ़ी नीचे थी मैं झुक कर उसमे से अंदर देखने लगी. अंदर अंधेरे था कुछ भी दिखाई नही दे रहा था. बस कोमल की आवाज़ सुनाई दे रही थी. वो कह रही थी.
कोमल-लाइट मत जलाओ.
मगर दूसरी ओर से एक लड़का लाइट जलाने को बोल रहा था. तभी स्टोर रूम के अंदर रोशनी हो गई एक छोटा बल्ब शायद वहाँ पे लगा हुआ था और वोही उन्दोनो में से किसी ने जगाया था.
अब अंदर सॉफ दिखाई देने लगा था. कोमल की मेरी तरफ पीठ थी और वो लड़को और वो एकदुसरे के होंठ चूस रहे थे. लड़के की शकल अभी तक मुझे दिखाई नही दी थी. उस लड़के के हाथ अब कोमल के नितंबों को उसकी लोवर के उपर से मसल्ने लगे थे. वो ज़ोर-2 से कोमल के नितंब अपने हाथों में भर कर मसल रहा था. मैं अंदर का सीन देखकर गरम होने लगी थी. अब उस लड़के ने कोमल के होंठों को छोड़ दिया और मुझे उसका चेहरा अब दिखाई दे गया था. वो जॉन ही था अब उसने कोमल की टी-शर्ट को पकड़ कर निकाल दिया कोमल ने नीचे ब्रा नही पहनी थी. जॉन ने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी थी अब उसके शरीर पे केवल अंडरवेर थी. शायद पंत वो पहन कर ही नही आया था. उसकी अंडरवेर का उभर बता रहा था की उसका लिंग बहुत बड़ा होगा. अब उसने कोमल की लोवर को भी खीच कर नीचे कर दिया था और फिर उसकी रेड पैंटी को भी. उसने कोमल को वहाँ पड़ी एक चेयर के उपर घुटनो के बल बिठा दिया और पीछे से उसके नितंबों को उपर उठाकर अपना अंडरवेर नीचे किया और अपना लिंग कोमल की योनि में डाल दिया. उसके लिंग की एक झलक मुझे देखने को मिली वो सचमुच बहुत बड़ा था शायद 8इंच का होगा. मेरा हाथ अपने आप मेरी योनि पे पहुँच गया. मैं झुक कर अंदर देख रही थी कि तभी मुझे अपने नितंबों के उपर किसी के हाथों की गिरफ़्त महसूस हुई.
नितंबों के उपर हाथ महसूस होते ही मैं एकदम से चौंक गई. मैने सीधे होते हुए अपनी गर्दन घुमा कर पीछे देखना चाहा मगर अंधेरे की वजह से मैं कुछ नही देख पाई. वो हाथ अभी भी मुझे अपने नितंबों के उपर महसूस हो रहे थे और अब वो हाथ मेरे नितंबों को मसल्ने लगे थे. मुझे भी थोड़ी-2 मस्ती चढ़ने लगी थी. मैने धीरे से उस से पूछा.
मे-कॉन हो तुम.
दूसरी तरफ से कोई आवाज़ नही आई. मैने फिरसे पूछा.
मे-मैने पूछा कॉन हो तुम.
मगर अब भी कोई जवाब नही आया. मैं थोड़ा पीछे हटी तो मेरा शरीर उस लड़के के शरीर से टकरा गया. वो ज़ोर-2 से मेरे नितंब मसल रहा था. मेरे उपर भी हवस भारी होने लगी थी. मेरे हाथ अब आगे दीवार के साथ जा चिपके थे और मैं फिरसे थोड़ा सा झुक गई थी. झुकने की वजह से मेरे नितंब उसके लिंग के साथ जा टकराए थे. वो अपने लिंग को मेरे नितंबों के उपर घिसते हुए अपने हाथों से उन्हे मसल रहा था. उसके लिंग की चुभन मुझे अपने नितंबों की दरार के बीच महसूस हो रही थी. मैं मदहोश होकर खुद ही अपने नितंबों को उसके लिंग के उपर इधर उधर करने लगी थी. मेरे अंदर जो आग मैने पिछले 15-20 दिन से दबा रखी थी वो आग अब बाहर आने लगी थी. मुझे खुद ही अपने नितंबों को उसके लिंग पे रगड़ते देख उसने अपने हाथ मेरे नितंब से हटा लिए और मुझे अपने लिंग के उपर नितंब रगड़ते देखने लगा. मैं मदहोशी में उसी तरह अपने नितंब उसके लिंग के उपर रगड़ती रही. जब मुझे महसूस हुआ कि उसने अपने हाथ मेरे नितंबों से हटा लिए हैं और मैं खुद ही अपने नितंब उसके लिंग पे रगड़ रही हूँ तो एकदम से मैने अपने नितंब हिलाने बंद कर दिए और शर्मसार होकर सीधी खड़ी हो गई. कुछ ही सेकेंड्स बाद उसने आगे बढ़कर मुझे पीछे से बाहों में भर लिया और धीरे से मेरे कान में कहा.
'रुक क्यूँ गई मज़ा नही आया क्या'
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