RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
फिर हम दोनो एक दूसरे को बाहों में भरकर सो गये अपनी ज़िंदगी की एक नयी सुबह के इंतेज़ार में.
सुबह मेरी आँख दरवाज़ा खटकने की आवाज़ से खुली. बाहर से मम्मी आवाज़ दे रही थी कि 'रीत बेटा उठो सुबह हो गई है'
मैं झट से उठ कर बेड से खड़ी हो गई और मैने देखा मैं रात को बिल्कुल नंगी ही सो गयी थी. मैने करण की ओर देखा वो भी बिल्कुल नंगे पेट के बल लेटे हुए थे. मैने अपने कपड़े इकट्ठे किए और झट से वॉशरूम में घुस गई और नहाने लगी. नहा कर मैने एक ग्रीन कलर का चुरिदार पहन लिया और फिर अपने गीले बालों को सुखाते हुए जनाब के पास आई और उन्हे जागते हुए कहा.
मे-करण उठो अब देखो 7 बज रहे हैं.
लेकिन ये जनाब तो हीले तक नही उठना तो बहुत दूर की बात थी. मैने फिरसे उन्हे हिलाते हुए कहा.
मे-करण उठो ना देखो मम्मी जी बुला कर गयी हैं.
मेरे ज़ोर-2 से हिलने पे जनाब को थोड़ा होश आया लेकिन जैसे ही होश में आकर आँखें खोली और सामने मुझे टाइट चुरिदार पहने गीले बालों को सुखाते हुए खड़े देखा तो जनाब फिरसे होश गँवा बैठे और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. मैं झटके के साथ उनके उपर जा गिरी और मेरे गीले बाल मेरे चेहरे के उपर आ गये. करण ने मेरे बालों को मेरे चेहरे से हटाते हुए कहा.
करण-देखो साले ये बाल भी तुम्हारा चाँद सा चेहरा मुझसे छुपाने में लगे हैं.
इतना कहते ही उन्होने मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया और प्यार से उनका रस चूसने लगे. मैने अपने होंठों को उनके होंठों की गिरफ़्त से आज़ाद किया और कहा.
मे-डार्लिंग अब छोड़ो ना प्लीज़ मम्मी जी कब की बुला कर गयी हैं.
करण-अरे यार मम्मी की तो आदत है रोज़ सुबह तंग करने की मुझे अब उन्हे कॉन समझाए कि अब उनके इस बेटे को रोज़ सुबह एक किस के साथ जगाने वाली इस घर की राजकुमारी और मेरी बेगम 'रीत' आ गई है.
उनकी बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं प्यार से उनके माथे पे किस करते हुए कहा.
मे-अच्छा अब मेरे राजा हरीश चंदर जी उठिए और नहाइए मैं बाहर मम्मी जी के पास जा रही हूँ.
मैं उठ कर बाहर की ओर चल पड़ी और करण वॉशरूम में घुस गये. मैने अपना दुपट्टा सिर पे किया और अपने रूम से बाहर आ गई. डाइनिंग टेबल अभी तक खाली था मतलब अभी ब्रेकफास्ट रेडी हो रहा था. मैं सीधा किचन में गयी तो देखा मम्मी वहाँ खाना तैयार कर रही थी. मैने उनके पास जाकर उनके पैर छुए और उनके हाथ पकड़ते हुए कहा.
मे-मम्मी जी आप रहने दीजिए मैं बनाती हूँ खाना.
मम्मी ने मेरे सर पे हाथ रखते हुए कहा.
मम्मी-नही बेटा अभी तुम आराम करो फिर तो तुम्हे ही करना है सब कुछ.
इतने में रेहान किचन में दाखिल हुया और मुझे देखते ही बोला.
रेहान-गुड मॉर्निंग भाभी.
मे-गुड मॉर्निंग रेहान.
फिर उसने मम्मी की तरह चेहरा करते हुए कहा.
रेहान-मम्मी जल्दी करो ना मैं लेट हो रहा हूँ कॉलेज के लिए.
मम्मी-अरे बस रेडी है सब कुछ तू जा कर डाइनिंग टेबल पे बैठ चल और हाँ कोमल को मेरे पास भेज देना.
रेहान-अरे वो मेम-साब तो अभी उठी ही नही होंगी.
मम्मी-तेरे जैसी नही है वो कब की उठ चुकी है जा जाकर भेज उसे रूम में होगी.
रेहान कोमल को बुलाने चला गया और मम्मी ने मुझे वहाँ खड़े देखा तो कहा.
मम्मी-बेटा जाओ तुम भी जाकर डाइनिंग टेबल पे बैठो.
मैं उनकी बात सुनकर बाहर आ गयी. मैं किचिन से बाहर निकली तो देखा कोमल किचिन की तरफ ही आ रही थी. मुझे देखते ही वो भाग कर मेरे गले मिलते हुए बोली.
कोमल-गुड मॉर्निंग माइ स्वीट भाभी.
मे-गुड मॉर्निंग ननद जी.
फिर वो धीरे से मेरे कान में बोली.
कोमल-कैसी रही रात.
मेने हल्के से उसे मारते हुए कहा.
मे-हट पागल.
रेहान जो कि हमे डाइनिंग टेबल पे बैठा देख रहा था बोला.
रेहान-भाभी मुझे तो इसकी तरह गले मिलकर गुड मॉर्निंग की नही आपने.
कोमल-ओये चपड-गंजू शकल देखी है अपनी आया बड़ा गले मिलने वाला.
और फिर कोमल ने धीरे से मेरे कान में कहा.
कोमल-भाभी बच कर रहना अपने इस कमीने देवर से.
और वो किचन के अंदर चली गयी.
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