RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
फिर हम दोनो ने कपड़े पहन लिए. करण ने फिरसे मुझे गोद में उठा लिया और हम दोनो साहिल की तरफ जाने लगे. मैने अपने कपड़े पहन रखे थे और सॅंडल'स को हाथ में पकड़ा हुआ था और करण की गोद में मज़े से लेटी थी.
साहिल की नज़र जैसे ही हमारे उपर पड़ी तो एकदम उसकी आँखें चमक उठी. शायद वो समझ चुका था कि अभी-2 मेरे साथ क्या हुआ है. हम उसके पास पहुँचे तो करण ने मुझे नीचे उतार दिया और कहा.
करण-बहुत भारी हो गई हो तुम रीत.
साहिल-भाई मैं उठा कर देखूं भाभी को कितनी भारी हैं.
मैं एकदम चौंक गई उसकी बात सुनकर.
करण-साले तेरे से नही उठाई जाएगी ये खाए पीये खानदान की है.
साहिल-क्या बात करता है यार. मैं भी गाओं का पहलवान हूँ.
करण-तो लगी शर्त.
साहिल-लगी.
मे-ना बाबा ना करण पागल हो तुम.
करण-रीत यार डर क्यूँ रही हो ये मेरा बचपन का दोस्त है हम ऐसे ही बात बात पे शर्त लगा लेते हैं.
साहिल-हां भाभी मुझसे डरने की ज़रूरत नही है.
मे-ओके.
साहिल आगे बढ़ा और उसने एक ही झटके में मुझे गोद में उठा लिया.
साहिल-देखा दोस्त अरे मैं तो भाभी को गोद में उठाकर शहर तक छोड़ के आ सकता हूँ.
करण-ठीक है बाबा तू जीता अब उतार दे बेचारी को.
जैसे ही साहिल ने मुझे नीचे उतारा तो उतारते वक़्त उसने मेरे नितंब को अपने हाथ से ज़ोर से दबा दिया.
मैने गुस्से से उसकी तरफ देखा तो उसने मुस्कुराते हुए आँख दबा दी.
मैने करण को चलने को कहा और अपने सॅंडल पहन लिए. करण ने साहिल को बाइ बोला और फिर हम दोनो बाइक पे घर की तरफ निकल पड़े.
जब मैं शाम को घर पहुँची तो भाभी टीवी देख रही थी. सारा दिन इनके सीरियल ख़तम नही होते थे. एक ख़तम तो दूसरा शुरू. मैं अपने रूम की तरफ जाने लगी तो भाभी ने मुझे रोका और कहा.
करू-तुम्हारे रूम में तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है डार्लिंग.
मे-कैसा सर्प्राइज़..?
करू-अभी पता चल जाएगा.
भाभी ने अपने हाथ मेरी आँखों पे रखे और मुझे रूम में ले गई.
करू-रीतू डार्लिंग अब तैयार हो जा सर्प्राइज़ के लिए.
मे-भाभी हाथ उठाओ ना जल्दी.
भाभी ने धीरे-2 अपने हाथ उठाते हुए कहा.
करू-ये ले मेरी ननद रानी देख सामने कॉन बैठा है.
मेरी नज़र जैसे ही सामने बैठे शख्स पे गई तो मैं जैसे खुशी से पागल हो गई. क्योंकि वो कोई और नही 'गुलनाज़' दीदी थी.
मैं भाग कर उनके गले लग गई और कस कर उन्हे जॅफी देते हुए कहा.
मे-आप ने मुझे बताया क्यूँ नही कि आप आने वाली हो.
गुलनाज़-हमने सोचा अपनी रीतू को सर्प्राइज़ दूँगी. कैसा लगा सर्प्राइज़.
मे-बहुत बढ़िया दीदी. अब मैं आपको जाने नही दूँगी.
करू-एकदम ग़लत रीतू. अब तो इन्हे जाने से रोक ही नही सकती.
मे-वो क्यूँ.
करू-क्यूँ बड़ी ननद रानी बता दूं क्या.
मे-आप उनसे क्या पूछ रही है बताओ मुझे.
करू-तो सुन. तेरी गुलनाज़ दीदी की शादी हो रही है.
मे-क्या, किसके साथ.
करू-पागल शादी है तो लड़के के साथ ही होगी.
मे-दीदी क्या भाभी सच कह रही हैं.
गुलनाज़-हां रीतू.
मे-मगर आप तो मानती नही थी.
नाज़-वो पुरानी बात थी. तुम्हारे जीजू मिल गये हैं अब मुझे.
मे-ये तो बहुत ही अच्छी बात है दीदी. मैं तो खूब नाचूंगी आपकी शादी में.
नाज़-हां-2 ज़रूर नाचना और भाभी आप नही नाचेंगी क्या.
करू-ऐसा कैसे हो सकता है कि मेरी ननद की शादी हो और मैं ना नाचू.
मे-अच्छा ये तो बताओ कब है शादी.
करू-नेक्स्ट वीक.
मे-इतनी जल्दी.
गुलनाज़-हां रीत जल्दी से शादी करके हमे अपना कॉलेज जाय्न करना है.
मे-ओह गॉड मुझे यकीन नही हो रहा.
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