RE: College Girl Chudai मिनी की कातिल अदाएं
मैंने जांघों में ऐसे हाथ डाला कि वो कौर थोड़ा और खिसक कर उसकी जांघों के नीचे कुर्सी पर जा गिरा। वहाँ अंदर हाथ डाल के मैंने उसके चूतड़ भी छुए और चूत को भी हाथ लगा दिया और कौर उठा कर खिला दिया।
फ़िर मैंने मिनी से कहा- अरे वो रायता तो निकालो।
मिनी बोली- अच्छा याद दिला दिया, मैंने वो फ्रिज में रख दिया था, मैं बस अभी लाई।
मैंने कोमल की प्लेट में से एक कौर बनाया और अपने होंठों में पकड़ कर कोमल को खिलाया।
कोमल ने बड़े आराम से मेरे होंठों से वो कौर ले लिया।
मिनी तब तक रायता ले आई थी और ये सब उसकी आँखों के सामने ही हुआ।
दोनों लड़कियाँ मतलब शिखा और नेहा सिर्फ यही देख रही थी और सोच रही होंगी कि मैं ऐसे काम अपनी बीवी की मौजूदगी में कैसे कर सकता हूँ।
खैर मैं वहाँ से अपनी बीवी को खिलाने गया तो बीवी को कौर खिला कर सबके सामने उसके बूब्स दबा दिए।
पर किसी के चेहरे पर कोई रिएक्शन नहीं दिखा, बस नेहा और शिखा का मुंह अब तक खुला था।
मैंने अपनी चम्मच को जान करके टेबल की नीचे फेंक दिया फिर उठाने गया तो जाकर शिखा की टांगों के बीच अपना मुंह रख दिया और उसकी फ्रॉक ऊपर करके उसकी चूत को सहलाने लगा।
शिखा के लिए ज़िन्दगी का पहला किसी पुरुष का स्पर्श था अपनी चूत पर, वो भी काफी लोगो के सामने…
वैसे किसी को दिख नहीं रहा था पर सब जानते तो थे ही।
पर बेचारी अपनी सिसकारी भी नहीं ले सकी और मैंने उसकी चूत पर एक किस करके अपनी चम्मच उठा ली।
सभी लोग रायता ले रहे थे पर नेहा ने रायता नहीं लिया।
मैं आरके से बोला- आरके यार, बहुत पेट भर गया, अब तो नींद आ रही है। आरके बोला- हाँ यार, नींद आ रही है।
मैंने कहा- सिगरेट जला!
आरके मुझे डांटने वाली मुद्रा में देख रहा था, फिर बोला- मैं इन दोनों के सामने नहीं पीता!
तो शिखा बोली- लेकिन हमें पता तो है ही!
नेहा बोली- पी लो, कोई नहीं!
आरके ने मुस्कुरा कर सिगरेट जला दी।
मैंने तीनों मतलब आरके, मिनी और कोमल को मैसेज किया कि मैंने नेहा को बताया है कि तुम्हारे रायते में नींद की गोली थी इसलिए वो चाहे तो खुल के चुद सकती है पर शिखा को कैसे मैनेज करेंगे। इसलिए तुम लोग उसे अपने कमरे में रखो और उसके कान में कोई लीड लगा दो और अच्छे अच्छे गाने सुनने दो। थोड़ी देर में नींद की नौटंकी शुरू कर देना जब तक में नेहा को ऊपर नहीं ले जाता।
मिनी बोली- यार मेरे तो सर में दर्द हो रहा है, शाम को घूमने चलेंगे अब तो सोते हैं, बहुत तेज़ नींद आ रही है।
कोमल बोली- हाँ, मुझे भी पता नहीं क्यूँ बहुत तेज़ नींद आ रही है।
आरके बोला- अरे कुछ नहीं है, आज सुबह जल्दी उठ गए थे न इसलिए नींद आ रही हैम चलो सोते हैं।
मिनी बोली- शिखा दी, आपसे कभी बात नहीं हो पाती, आओ आप मेरे साथ, अपन दोनों बातें करेंगे।
कोमल बोली- हाँ भाभी, जब तक नींद नहीं आती, बातें करते हैं, आ जाओ नेहा दी आप भी हमारे साथ आ जाओ।
नेहा मौके पर चौका मार बोली- मुझे भी नींद आ रही है, मैं अपने कमरे में सोने जा रही हूँ। जब नींद खुलेगी तो आ जाऊँगी।
मिनी, कोमल और शिखा, कोमल वाले कमरे में चले गए, आरके उठकर मिनी वाले कमरे में चला गया।
अब बचे मैं और नेहा, मैंने नेहा को उठाया और गोद में उठा लिया, मैंने उसे सीढ़ियों पर ही चूमना शुरू कर दिया।
नेहा बोली- कोई देख लेगा?
मैंने कहा- मुझे कोई डर पड़ा है किसी का? आज तुम भी खुल कर प्यार करो और मैं भी खुल कर मोहब्बत करूँगा।
नेहा बोली- कोई सुन लेगा, अभी कोई सोया नहीं है।
मैंने कहा- सुन लेने दो, तू कहे तो यहीं सीढ़ियों पर तुझे चोद कर दिखाऊँ कि कितनी आग लगी है।
नेहा कुछ नहीं बोली, सिर्फ मेरी आँखों में देखती रही।
मैं उसके कमरे को पार कर चुका था, नेहा बोली- मेरा कमरा वो निकल गया।
मैंने कहा- वो तुम्हारा कमरा हो सकता है, पर मोहब्बत करने के लिए एक और कमरा तैयार करवाया है मैंने।
नेहा की आँखों में अपना सरप्राइज देखने की ललक देखी मैंने।
मैंने कहा- आँखें बंद करो।
एक कमरे का दरवाज़ा खुला और मैंने कहा- अब आँखें खोल सकती हो।
नेहा पूरी तरह मंत्रमुग्ध थी।
एक बहुत ही बड़े कमरे में चारों तरफ शानदार विनाइल वर्क हुआ हुआ था, कमरे में हर जगह छोटी छोटी लाइट्स लगी थी जिससे कमरे में उजाला भी हो और माहौल को मादक बनाने के लिए प्रयाप्त हो।
कमरे के अंदर ही एक छोटा सा पूल था, उस पूल से लगी दीवार पानी की थी जिस पर पूरे समय पानी बह रहा था।
कमरे में एक बड़ा सा 70″ का LED स्क्रीन भी लगा हुआ था जो बिस्तर के बिल्कुल सामने की दीवार पर फिट था।
बेड पर फूलों से हार्ट शेप बनाया हुआ था।
कमरे के हर ऊपरी कोने पर छोटे छोटे स्पीकर लगे थे जिन पर मैंने आते ही धीमी आवाज़ में रोमांटिक वाद्य संगीत लगा दिया था।
नेहा की आँखों से पानी बहने लगा, बोली- इतना तो न ही मेरे सुहागरात पर कोई करता, न ही हनीमून पर… जो आपने कर दिया।
वो मेरे गले लग गई, इस बार उसके गले लगने में वासना नहीं प्यार भी था।
मैंने नेहा को गर्दन पर काट लिया, नेहा की चीख निकल गई, मैंने उसको कहा- सॉरी यार, मेरा खुद के ऊपर थोड़ा कंट्रोल ख़त्म होता जा रहा है।
नेहा बोली- आप चिंता मत करो, आपको जैसे अच्छा लगे वैसा करो। आज अगर आप मुझे मार भी डालोगे तो कोई गम नहीं। आपने मुझे ये दिखा कर ही इतनी ख़ुशी दे दी कि अब ज़िन्दगी से और कोई ख्वाहिश नहीं है।
मैंने जहाँ काटा था, वहीं पर चूम कर उसे चूस भी लिया।
मैंने कहा- नेहा, ये सब मैंने तुम्हारे लिए किया है जिससे तुम खुल के एन्जॉय कर सको… इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी पसंद के काम करो न की मेरी पसंद के, मुझे तुम्हारी हर हरकत मंजूर है।
नेहा तुरंत मेरे से दूर हटी और धीमे म्यूजिक के थाप पर अपने बदन से कपड़ों को दूर करने लगी और मेरे हाथ को पकड़ पर मुझे बिस्तर पर बैठा दिया।
उसके कपड़े उतारने की अदा वाकई कातिलाना थी, वो अपने बदन को छुपा भी रही थी और दिखा भी रही थी।
धीरे धीरे उसने अपने बदन से पूरे कपड़े अलग कर दिए और मेरे सामने नंगी ही डांस करने लगी।
उसने मेरे करीब आकर अपनी एक टांग मेरे कंधे पर रख दी जिससे मुझे उसकी चूत का नजारा साफ़ दिखने लगा।
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