RE: College Girl Chudai मिनी की कातिल अदाएं
मैं जब नीचे पहुँचा तो कोमल अपने कमरे में थी और मिनी अपने में, मैंने दोनों कमरों के बीच खड़ा होकर पूछा- आरके कहाँ है?
दोनों ने एक साथ इशारा करके बताया कि बाहर की तरफ।
मैं बिना किसी कमरे में घुसे हुए बाहर की तरफ रुख कर गया।
बाहर आरके खड़ा खड़ा सिगरेट पी रहा था।
मैं- क्यों बे भोसड़ी के, यहाँ क्या माँ चुदा रहा है?
आरके- सिगरेट पी रहा हूँ, ले तू भी पी ले।
मैं- क्या हुआ, कुछ मूड अच्छा नहीं लग रहा?
आरके सिगरेट मेरी तरफ बढ़ाते हुए- नहीं ऐसा कुछ नहीं है।
मैं कश लगाकर धुआँ फेंकते हुए- अबे चूतिये बोल, चूत जैसी शक्ल मत बना।
आरके थोड़ा बिफर कर- यार तू तो दो नई और कुंवारी चूत चोदेगा वो भी दोनों मेरी बहनें… मैं बाहर बैठकर मुठ मारूँगा क्या?
मैं- मुझे पता था गांडू, मुझे पता था। तू आखिर में अपनी ऐसे ही माँ चुदायेगा। बोल तेरी क्या इच्छा है ?
आरके- मुझे भी दोनों चूत मारनी है।
मैं- तू शिखा को भी..?
मैं थोड़ा विराम लेकर बोला- शिखा के साथ भी करेगा क्या?
आरके- हाँ जैसे तू भाई, ऐसे में भी भाई… बहनचोद ही बनना है मुझे भी!
मैं- मेरी एक बात मनेगा?
आरके ने हाँ में सर हिलाया।
मैंने कहा- देख कुंवारी चूत तो सिर्फ हम दोनों में से एक को ही मिल सकती है। मेरे चोदने के बाद मैं उन्हें इतना खोल लूंगा कि तू भी आराम से दोनों को चोद पाएगा।
आरके- कुछ नहीं से कुछ तो बेहतर है। तुझे जो करना है कर, बस मुझे दोनों चूत दिलवा देना।
मैं- हाँ माँ के लवडे, मुझे तो तूने दलाल समझ रखा है न?
हम लोग थोड़ी देर चुप रहे और सिगरेट पीते रहे।
फिर मैंने कहा- एक काम कर, तू मेरी पहली चुदाई की वीडियो बनाएगा।
आरके बोला- तू चिंता मत कर, तू नहीं भी बोलता तो भी बनाता, बाहर आया ही देखने ये था कि कहाँ से इन दोनों के कमरे के अंदर झाँका जा सकता है।
मैंने पूछा- मिल गया कोई रास्ता?
आरके ने हाथ के इशारे से जगह दिखाई, वो एक फर्स्ट फ्लोर पर बना हुआ बड़ी बालकनी थी।
मैंने कहा- वहाँ जायेगा कैसे?
तो उसने मुझे सीढ़ी भी दिखा दी।
मैंने कहा- फिर तो मिनी और कोमल को भी यहाँ ले आना चुदाई के टाइम!
हम दोनों सिगरेट पीते हुए बंगले के अंदर आ गये।
मैंने कमरे के सामने आते ही कहा- यार यह तूने सही किया कि कमरा आमने सामने का ही चुना। बोल तू कौन से कमरे में जायेगा?
मिनी और कोमल दोनों अपने अपने कमरे में टीवी पर कुछ देख रही थी। मिनी के कमरे में टेबल पर बोतल गिलास बर्फ चिप्स जैसे कई आइटम रखे हुए थे। दोनों ने ही नाइटी पहनी हुई थी। मिनी की हल्के गुलाबी रंग की आगे से खुलने वाली चिकने कपड़े की थी, वहीं कोमल की नाइटी मैरून रंग की थी, कोमल की नाइटी से सब कुछ आर पार दिखाई पड़ रहा था और उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, मिनी की नाइटी झीनी नहीं थी पर में तो अच्छे से जानता ही था कि इसने भी अंदर कुछ नहीं पहना होगा।
इससे पहले कि आरके कुछ कह पाता, मैं कोमल के कमरे में घुसने लगा। मुझे कोमल के कमरे में जाता देख आरके भी मिनी के कमरे की तरफ चल दिया।
कोमल बोली- भैया, आज तो आपके जलवे हैं, चार चार चूतें आपके लिए बेताब है।
मैंने कहा- यार!!! थोड़ी और कोशिश बाकी है अभी… जब चारों की चार चूतें एक ही बिस्तर पर होंगी, तब आएगा मजा! क्योंकि तुम दोनों तो हो ही कमाल की… पर उन दोनों का पहली बार है, पता नहीं साली मानेंगी या नहीं।
कोमल बोली- अरे आप तो जादूगर हो, आप कैसे न कैसे उन दोनों को भी मना ही लोगे… बाकी हम सब आपकी बातें मानेंगे ही, जैसा आप कहोगे वैसा करेंगे! फिर बाकी किस्मत अपनी अपनी।
हम दोनों अब एक दूजे की बाहों में आलिंगनबद्ध हो चुके थे। कोमल के भड़काऊ कपड़ों के कारण मेरा लंड पहले से ही अपनी औकात में आ चुका था।
इधर न हमने दरवाज़ा बंद किया था न ही आरके ने।
आरके भी मिनी को पीछे से पकड़ कर उसके बूब्स दबा रहा था और मिनी की गर्दन पर धीरे धीरे चूम रहा था। मिनी हमारी तरफ देख कर अपने आप को उत्तेजित कर रही थी।
मैं और कोमल भी अब मिनी और आरके के कमरे में आ गये। आरके मिनी के बड़े बड़े उभारों को चूमते हुए बोला- क्या हुआ?
मैंने कहा- चलो जल्दी से कुछ खा लेते हैं।
आरके मिनी की जांघ को नाइटी के ऊपर से सहलाता हुआ बोला- हाँ लगा लो खाना।
मैंने कहा- मैं इस बीच सभी लड़कियों के साथ बदमाशियाँ करूँगा, तुम सभी ऐसे इग्नोर करना जैसे कि कुछ हुआ ही न हो या तुमने कुछ देखा ही न हो।
सभी लोगो ने हाँ में हाँ मिला दी।
मैंने कोमल के चूतड़ मसलते और चांटा मारते हुए कहा- शिखा और नेहा नीचे आ जाओ, तुम दोनों भी कुछ खा लो।
किसी की कोई न आवाज़ आई, न ही कोई नीचे आया।
मैंने कहा- तुम लोग बाहर डाइनिंग टेबल पर खाना लगाओ, मैं उन दोनों को लेकर आता हूँ।
पहले मैं शिखा के कमरे में गया और बाहर से जोर से बोला- क्यूँ तेरे को सुनाई नहीं दे रहा?
बोलते हुए मैंने दरवाज़ा खोला तो कमरे में कोई नहीं था।
मैंने सब जगह देखा, मुझे कोई नहीं दिखा तो मैंने फिर से आवाज़ लगाई- शिखा!! ओ शिखा !!!
मैं नेहा के कमरे में जाकर चेक करने ही वाला था, तभी मैंने सोचा कि एक बार बाथरूम में भी चेक कर लूँ।
बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाया और प्यार से बोला- शिखा क्या तुम अंदर हो?
शिखा बोली- हाँ भैया, अंदर आ जाओ।
मैं दरवाज़ा खोल कर अंदर गया, शिखा बाथटब में पानी से किलकारी करती हुई नंगी पड़ी थी।
मेरी आँखें उसका बदन देखकर फटी की फटी रह गई, वो मुझे गलत नहीं कह रही थी, उसके बूब्स कुछ 36″ के रहे होंगे साथ की डार्क पिंक या हल्का ब्राउन रंग के उसके निप्पल, बिल्कुल सुराहीदार गर्दन, घने काले बाल जिनका जूड़ा बना हुआ था।
बाकी पूरा बदन तो पानी में डूबा हुआ था इसलिए उसके बारे में अभी कुछ भी कहना गलत ही होगा।
मैं शिखा को घूरे जा रहा था तो शिखा मेरी तरफ पानी फेंक कर बोली- भैया ये आप ही के लिए है, आइये इसे छू लीजिए।
मैंने कहा- शिखा, तुम मेरा इम्तिहान ले रही हो। इतने खूबसूरत बदन को छूने के बाद कौन साला उसे छोड़ सकता है।
शिखा बोली- तो जाना ही क्यूँ है?
मैं बोला- क्योंकि तेरे भैया भाभी भी हमारे साथ हैं, इसलिए।
शिखा को जैसे एकदम याद आया कि वो हनीमून पर नहीं, अपने बाकी रिश्तेदारों के साथ आई है, बोली- ओह हाँ… मैं तो भूल गई थी, आप चलो नीचे, मैं आती हूँ।
मैंने धीरे से कहा- देखो, तुम जो भी पहनो पर अंदर के कपड़े मत पहनना।
शिखा हल्की सी मुस्कुरा दी और हाँ में गर्दन हिला दी।
नेहा के कमरे में गया तो नेहा अपने बिस्तर पर पड़ी पड़ी अपनी चूत मसल रही थी। उसने एक फ्रॉक पहना हुआ था और अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाल के ऊँगली करने में मशरूफ थी।
मेरे कमरे में जाते ही उसने ऊपर चादर डाल ली, फिर मुझे देखकर बोली- ओह मैं तो डर गई थी, मुझे लगा कोई और होगा।
और फिर से अपनी चूत सहलाने लगी।
मैं उसके करीब गया और बोला- इसे मेरे लिए छोड़ दो, और आ जाओ कुछ खाते हैं।
नेहा बोली- मुझे तो भूख ही नहीं लग रही, मुझे तो प्यास लगी है। तुम मेरी प्यास क्यूँ नहीं बुझा देते।
मैंने कहा- मैं तुम्हारी प्यास भूख सब मिटाऊँगा अभी सभी लोग खाने पर इंतज़ार कर रहे हैं। बस तुम रायता मत खाना, उसमें नींद की दवाई है। सभी लोग सो जाएंगे, फिर हम खुल के मस्ती करेंगे।
यह मैंने ऐसे ही बोल दिया था।
‘और हाँ तुम अपने कपड़ो/न के अंदर कुछ मत पहन कर आना!’
नेहा बोली- आप कहो तो कुछ भी न पहनूं!
मैंने कहा- तेरी मर्जी… नीचे और भी लोग हैं। वर्ना क्या मैं तुम्हें कपड़े पहनने देता।
नेहा बोली- आपकी ऐसी ही बातों पर तो मर मिटी हूँ, आप चलो, मैं आती हूँ।
मैं नीचे आया तो सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे।
मिनी तो वही नाइटी पहनी थी, मिनी की नाइटी पूरी पैर तक लम्बी थी।
पर कोमल ने स्टॉल अपने ऊपर ओढ़ लिया था, कोमल की नाइटी थोड़ी छोटी भी थी, वो घुटनों से थोड़ा ऊपर तक ही आती थी।
दोनों लड़कियाँ मटक मटक कर नीचे आ रही थी।
आरके की भी दोनों लड़कियों के लिए नजर बदल गई थी इसलिए उसका दिल भी हिचकोले ले रहा था।
जब सभी लोग अपनी अपनी जगह बैठ गए तो मिनी बोली- यहाँ किचन में केवल 3 ही प्लेट्स थी। तो आरके और कोमल एक प्लेट में खा लेंगे, मैं और रंगीला एक प्लेट में, क्या आप दोनों एक प्लेट में खा लेंगी?
दोनों ने हाँ कर दी।
मैं तब तक बोला- मैं तो सबकी प्लेट में खाऊँगा।
हमने ढाबे से पूरियाँ और आलू की सब्जी पैक करा ली थी। बस प्लेट्स में खाना रखा तो सबसे पहले शिखा ने मुझे अपने हाथ से खिलाया।
मैंने भी शिखा को खिलाया और जान करके थोड़ा सा गिरा दिया जो शिखा के बूब्स पर जाकर गिरा। मैंने सबके सामने उसके बूब्स के अंदर हाथ डाल के वो आलू उठाया और खा गया।
बाकी सभी सामान्य रहे पर शिखा और नेहा आशचर्य में मुंह खोले और आँखें फाड़े देख रही थी।
मैंने अगला कौर नेहा को खिलाया।
नेहा आगे की ओर से खुलने वाला बाथरोब स्टाइल की नाइटी पहनी थी। उसका कौर कुछ ऐसे गिराया कि वो उसकी जांघों पर गिरा।
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