RE: College Girl Chudai बिन मिनी की कातिल अदाएं
हम सभी को 4 बजे का इंतज़ार था पर अभी एक घंटा था हब्शी के आने में, मैंने मिनी को चादर उढ़ा दी और हम तीनों बाहर के कमरे में आ गये जिससे मिनी की नींद में कोई विघ्न न आये।
बाहर के कमरे में आकर में सोफे पर बैठ गया और कोमल मेरे बगल में आरके कालीन पर था और उसका सर मेरी जांघों से टिका हुआ था।
आरके बोला- यार, ये ज़िन्दगी के सबसे हसीं पल हैं कितना अच्छा होता कि अपन लोग साथ में ही रहते। मैं भी दिल्ली में ही नौकरी ढूंढ लेता हूँ।
मैंने कहा- हाँ, मेरी कंपनी में अप्लाई कर दे, वहाँ कुछ जुगाड़ भी लगा दूंगा मैं!
आरके बोला- अपन इसी मकान में साथ साथ रहेंगे, जब मर्जी आये कोमल को चोदूँगा और जब मन करेगा भाभी को।
कोमल भी बोली- हाँ, बहुत मज़ा आएगा, इससे पहले हम लोग सिर्फ रात को 20 मिनट के लिए बिस्तर पर जाने के बाद सेक्स करते और सो जाते थे, पता ही नहीं था कि इस सेक्स की दुनिया में इससे ज्यादा आनन्द भी लिया जा सकता है। पहले मन में अगर ऐसे ख्याल आ भी जाते थे तो यही सोचती रहती थी कि शायद नीलू को अच्छा नहीं लगेगा पर अब खुल के अपनी ज़िन्दगी जी सकती हूँ। किसी का भी लंड किसी भी जगह बिना किसी डर के ले सकती हूँ। पहले ये सब पाप लगता था।
आरके बोला- हाँ, मैं भी अब तुम्हारी मदद से किसी भी चूत को अपना बना सकता हूँ, तुम मेरे लिए किसी भी लड़की को मेरे बिस्तर तक लाने में मदद कर सकती हो।
बातें करते करते चार भी बज गए तब तक एक मिनी भी एक नींद निकाल के बाहर के कमरे में आ गई और आते ही मेरी गोदी में बैठ गई और मुझे किस करने लगी।
कोमल बोली- भाभी, आप सच में बहुत बहादुर हो, सबके सामने चुदते समय यह डर नहीं लग रहा था कि कोई और भी आपको चोद सकता है?
मिनी बोली- जब तक रंगीला मेरे साथ है, मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे छूना तो दूर मेरी तरफ कोई आँख भी नहीं उठा सकता।
और अगर इनके होते हुए भी मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे हाथ लगा जाता तो धत्त है ऐसे मर्द पे! जब इन्होंने कहा, तभी लोग मुझे देखकर मुठ मार पाये। मुझे भी अच्छा लग रहा था कि मेरे बदन को देखकर जवान और बूढ़े सभी मुठ मार रहे थे।
मैंने कहा- चल छोड़ डायलाग बाज़ी, और सब लोग कपड़े पहन लो, हब्शी आता ही होगा कोमल की चूत मारने के लिए।
कोमल बोली- भैया, अब वो तो मुझे चोदने ही आने वाला है तो कपड़े क्यूँ पहनने?
मैंने कहा- थोड़ी नजाकत से चुदवाओगी तो और आनन्द आएगा, भले ही वो तुम्हारे लिए रंडी ही है पर मजा तो तब है जब एक रंडी भी खुल के एन्जॉय करे और तुम्हें अपने चरम पर ले जाए, तुम्हें खुश करे।
कोमल बोली- हाँ भैया, यह बात तो सही है।
सभी लोग कपड़े पहनने लगे, मैंने मिनी से पूछा- डार्लिंग, तुम्हें भी चाहिए क्या उस हब्शी का लंड?
मिनी बोली- मैं देखने के बाद ही फैसला करुँगी… वैसे पिछले कुछ दिनों में इतना सेक्स कर लिया है कि अभी तो फिलहाल ऐसा कोई मन नहीं है।
सभी लोग घर के नार्मल कपड़ों में आ गये, मैंने और आरके ने बनियान और बरमूडा पहन लिया, कोमल ने टॉप और जीन्स, मिनी ने सूट।
तभी घंटी बजी, आरके ने दरवाज़ा खोला, सामने के भयानक काला और डरावना आदमी खड़ा था।
उसने विनम्रता से पूछा- Can I talk to रंगीला?
मैंने अंदर से ही आवाज़ लगाकर बोला- हाँ मैं हूँ रंगीला, तुम्हें हिंदी नहीं आती क्या?
दरवाज़े के बाहर से ही उसने बोला- आता है पर थोड़ा थोड़ा।
मैंने कहा- ठीक है, अंदर आ जाओ।
उसको सोफे पर बैठने के लिए इशारा किया। सोफे पर बैठकर बेचारा इधर उधर बगलें झांकता सा दिख रहा था।
मैंने कहा- पैसे पहले लोगे या बाद में?
वो बोला- कैसा भी चलेगा।
मैं थोड़ी दबंग आवाज़ में बोला- कोमल!
जब तक कोमल बाहर आये, मैंने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
वो कालू बोला- मेरा नाम देंयल जॉन है। लोग मुझे डी जे बुलाते है।
कोमल बाहर आई, बोली- हाँ भैया?
मैंने कहा- देख लो, ये है वो!
डी जे थोड़ा हक्का बक्का था पर चुप था।
कोमल थोड़ा शर्माते हुए नज़रें झुका के बोली- हाँ अच्छा है।
मैं थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोला- अरे शादी के लिए थोड़े ही दिखा रहे है जो ऐसे शर्मा कर बोल रही है। उसके करीब जाओ उसके बदन को छू कर आजमा लो सब सामान चेक कर लो।
कोमल ने नजरें उठाई और जाकर उसकी गोदी में बैठ गई, उसकी टी-शर्ट को ऊपर से गले के अंदर झाँक कर देखा, फिर बोली- नाइस, तुम्हारी छाती पर बाल नहीं है।
डी जे ने अपने हाथ हवा में ऐसे उठा रखे थे जैसे चेकिंग के लिए हाथ उठा लिए जाते है, वो कोमल को कहीं भी छू नहीं रहा था।
कोमल ने डी जे के जीन्स पर हाथ फेरते हुए मेरी तरफ देखकर बोली- हाँ, भैया चलेगा ये!
कोमल उसकी गोदी से उठी, तब तक मिनी भी आ गई बाहर के कमरे में, मैंने कहा- मिनी देख ये आया है कोमल को चोदने!
मिनी आँखें बड़ी करके बोली- अरे बाप रे… यह तो इंसान ही नहीं लग रहा।
मैंने थोड़ा धीरे से कहा- उसे हिंदी आती है।
डी जे बोला- सर कोई बात नहीं!
मैंने कहा- तो फिर क्या है, हो जा शुरू… जाओ कोमल इसे अंदर ले जाओ।
कोमल ने उसका हाथ पकड़ा और उसे सोफे से उठाने के लिए बड़ी अदा से अंदर ले जाने लगी। आरके बिल्कुल चुपचाप यह सारा नज़ारा देख रहा था।
मैं आरके की ख़ामोशी तोड़ने के लिए बोला- आरके भाई, तुझे अगर तेरी बीवी कोमल के लिए वो कालू पसंद नहीं आया हो तो बता, अपन कोई और बुला लेंगे।
आरके थोड़ा गहरी मुस्कान के साथ बोला- नहीं यार, ऐसी कोई बात नहीं है।
मैंने कहा- फिर इतना शांत क्यूँ खड़ा है, तेरी फंतासी पूरी होने जा रही है, तुझे कोई ख़ुशी नहीं हो रही?
तब तक डी जे और कोमल ने कमरा बंद कर लिया था, मैंने आवाज़ लगाई- कोमल!
जल्दी ही कोमल बाहर आई और बोली- हाँ भैया?
मैंने कहा- मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारी फंतासी पूरी होने जा रही है।
कोमल बोली- नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है।
तो मैंने कहा- तो आरके की फंतासी के हिसाब से तो तुम्हें आरके के सामने उस कालू से शारीरिक सम्बन्ध बनाने हैं।
कोमल बोली- मुझे तो आप लोगों से कोई दिक्कत नहीं है पर वो आदमी कैसे ये सब करेगा इसलिए अंदर गई तो उसने दरवाज़ा बंद कर लिया।
मैंने कहा- उसकी चिंता मत करो, वो तो साला रंडी है, जो कहेंगे वो करना पड़ेगा।
मैंने आवाज़ लगाई- डी जे!
वो बाहर के कमरे में आ गया।
मैंने उससे कहा- तुम्हें जो भी कुछ करना है, यहीं करना है।
मैं थोड़ा रूककर बोला- चलो, अपनी टी-शर्ट उतारो।
काले सांड ने अपनी टी-शर्ट उतारी, उसका शरीर देखने लायक था। उसके पूरा बदन गठीला, एक एक मांशपेशी और नस नस दिखाई पड़ रही थी।
आरके बोला- अब क्या हर चीज़ बोलनी पड़ेगी, कोमल को खुश करो, तुम जैसे भी कर सकते हो।
डी जे कुछ नहीं बोला और कोमल को गोद में उठा लिया जैसे कोई दो साल की बच्ची को उठाता है और उसे सोफे पर बैठा दिया।
फिर कालू खड़ा हुआ और जैसे स्ट्रिप टीज़र करते है वैसे अपने जीन्स का बटन खोलने लगा। मैंने जल्दी ही माहौल समझा और पिटबुल के गाने लगा कर आवाज़ बढ़ा दी।
डी जे ने मुझे आँखों से ही थैंक्स बोला।
मैंने बोला- मिनी तुम भी कोमल के बगल में जाकर बैठ जाओ।
आरके बोला- हाँ भाभी, जैसे लड़कियों की पार्टी में स्ट्रिप टीज़र डांस होता है वैसा ही लगेगा जाओ न!
मिनी भी कोमल के बगल में जाकर बैठ गई।
अब धीरे धीरे गाने की धुन पर डी जे अपने जीन्स की ज़िप खोलते हुए अपनी गांड मटकाता हुआ लड़कियों के लिए स्ट्रिप टीज़ करने लगा।
दोनों लड़कियों को उसने इतना उकसा दिया कि मिनी ने उसके जीन्स के ऊपर से ही हथियार की धार देखने की कोशिश करने लगी और कोमल भी कालू की गांड पे चपेट लगा देती।
जैसे ही जीन्स कालू के शरीर से अलग हुई, कालू ने एक स्टेप में अपनी चड्डी को थोड़ा उठा के अंदर का हथियार दिखाया और फिर बंद कर दिया जैसे उन्हें दिखा के चिढ़ा रहा हो।
मैं और आरके सिगरेट के धुएं के साथ खड़े खड़े ये तमाशा देख रहे थे।
कालू ने दोनों लड़कियों को इशारा किया कि वो भी अपने कपड़े उतार लें।
कोमल ने तुरंत अपना टॉप उतार फेंका, मिनी कपड़े बिना उतारे ही बस एक टक कालू को देख रही थी।
डी जे ने कोमल के दोनों बूब्स अपने दोनों बड़े बड़े हाथों से पकड़े और हल्की हल्की मसाज देने लगा।
इधर आरके ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया।
डी जे ने कोमल को खड़ा किया और उसके जीन्स का बटन अपने मुंह से खोल दिया, ताकतवर दांतों से ज़िप भी नीचे करता जा रहा था और कोमल की गांड भी सहला रहा था।
मिनी अपने पैर के अंगूठे के नाख़ून से कालू के सीने के निप्पल को छेड़ने लगी। डी जे भी दिखा रहा था कि हाँ उसे अच्छा लग रहा है।
तभी मेरे बरमूडा नीचे सरका, मैंने पीछे देखा तो आरके ने सरकाया था। मैं भी कपड़े उतार के आरके की तरह नंगा हो चूका था।
डी जे ने अब तक कोमल को पूरी तरह नंगी कर दिया था। मिनी ने अब तक अपना बदन ढक कर रखा था पर हाँ वो अपने पैर के अंगूठे के नाख़ून से डी जे के छाती ही नहीं अब उसके औजार पर भी वार कर रही थी।
डी जे ने कोमल को सोफे पर बैठाया और अब धीरे धीरे अपनी बॉक्सर को उतारना शुरू किया।
कभी दांई तरफ से बॉक्सर नीचे करता कभी बांई तरफ से और फिर रोक देता।
कालू के बदन पर अब तक एक भी बाल नहीं दिखा था।
इंतज़ार की घड़ियाँ समाप्त हुई और डी जे ने अपना लम्बा और काला लौड़ा दोनों औरतों के सामने कर दिया।
आरके बोला- कोमल चूस इसका लंड!
डी जे का लंड अभी पूरी तरह खड़ा ही नहीं था तब भी वो कम से कम 9 इंच तो होगा ही।
मिनी बोली- ये आदमी का है या गधे का? आरके भैया, आदमी ही क्यूँ बोला, बोल देते गधे से चुदवाना है कोमल को।
आरके बोला- भाभी मैंने सपने में कई बार इसको ऐसे ही काले लंड से चुदते हुए और मस्ती करते हुए इसी को चोदा है। जब हम चुदाई करते थे तो हम अपने मन में कोई कहानी से अपने आपको उकसा कर अपना लंड खड़ा करता था। यह ऐसी अचूक कहानी है जिसमें मेरा लंड हमेशा ही खड़ा हो जाता था और मैं कोमल को कभी कभी 40-45 मिनट तक चोदता रहता था।
तब तक कोमल ने कालू के लौड़े को चूसना शुरू कर दिया था। इधर मिनी भी धीरे धीरे मूड में आरही थी, उसने भी एक एक करके अपने बदन से कपड़े अलग करना शुरू कर दिए थे।
मिनी ने डी जे के बॉल्स सहलाना शुरू किये इधर आरके भी मेरी जांघें और लंड को छूना शुरू कर चुका था।
डी जे जमीन में लेट गया और कोमल को अपने मुंह पर बैठा लिया, मिनी सोफे पर बैठे बैठे अपने पैर के पंजों से डी जे के लंड की मुठ मारने लगी। कोमल भी अपनी चूत पर कालू की जीभ का पूरा मज़ा ले रही थी, अपने हाथों से अपने बूब्स दबा कर आरके और मुझे दिखा रही थी, बता रही थी कि वो इस फंतासी को पूरी तरह जी रही है।
आरके बोला- यार, यहाँ कब तक खड़े खड़े तमाशा देखेंगे, चलो अंदर चलते हैं, बिस्तर पर सभी लोग मस्ती करेंगे।
कोमल बोली- नीलू, थोड़ी देर रुको न, अभी इसकी जीभ सही जगह पर छू रही है, थोड़ा मज़ा ले लेने दो, फिर चलूंगी।
आरके बोला- रंडी कैसी कालिये की जीभ के मजे ले रही है, ले मजे और मजे ले बेन की लोड़ी।
हम तीनों मैं, मिनी और आरके बैडरूम में चले गए।
8-10 मिनट के बाद कोमल हमारे कमरे में आई, तब तक हम तीनों एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे।
कोमल आकर बोली- मुझे इस कालू पर मूतना है, उस दिन आप सब मेरे ऊपर मूते थे। आज मैं इस पर मूतना चाहती हूँ।
बाथरूम में कालू को लिटा कर वैसे ही उसके मुंह पर कोमल बैठ गई और डी जे के मुंह पर मूतने लगी। डी जे भी एक्सपर्ट था, वो भी कोमल को पूरा आनन्द देने के लिए आराम से अपने ऊपर मुतवाता रहा। कोमल का मूत पीता, कभी उसके मूत को मुंह में भरकर कोमल के पेट तक उसी का कुल्ला कर देता।
कोमल ने पूरा मूतने के बाद भी लगभग 5 मिनट और कालू के मुंह पर बैठकर अपने कूल्हे मटका मटका के अपनी चूत को चटवाया। फिर दोनों साथ में शावर लेने लगे, बाथरूम का दरवाज़ा एक मिनट के लिए भी बंद नहीं किया गया।
कोमल नहा कर बदन पौंछ कर बिस्तर के बिल्कुल बीच में लेट गई, अपनी टांगें हवा में उछाल कर डी जे को अपनी चूत में अपना लंड डालने को निमंत्रण दे दिया।
डी जे प्रोफेशनल तो था ही, तुरंत अपना लौड़ा हाथ में लेकर आगे बढ़ा और कोमल के चूत के द्वार पर रख दिया। उसने पहले अपने लंड के टोपे से कोमल की चूत इतनी रगड़ी कि कोमल लंड लेने के लिए लगभग पागल और भूखी शेरनी जैसी हो गई।
कोमल खुद ही उछलने लगी जिससे उसका लंड थोड़ा अंदर चला जाए, वो डी जे को पकड़ कर हिलाने की कोशिश कर रही थी पर वो सांड कहा हिलने वाला था।
जब डी जे पूरी तरह संतुष्ट हो गया कि अब कोमल को ज्यादा दर्द नहीं होगा उसने थोड़ा सा लंड कोमल की चूत में ठेल दिया।
मेरे और आरके के लंड के मुकाबले इस लंड का मोटापा काफी था। कोमल ने तकिए का कोन पूरी ताकत से अपनी मुट्ठी में भर लिया और अपने मुंह को दबा लिया जिससे उसकी चीख न निकल जाए।
आरके तुरंत उठकर गया और अपनी बीवी कोमल का सर गोदी में रखकर बोला- कोमल जान, अपने आप को रोको मत… चीखो, चिल्लाओ कोई बात नहीं।
कोमल बोली- इसने तो मेरी चूत फाड़ डाली, मैं मर जाऊँगी जान!
आरके बोला- तू मेरा लंड चूस, ये तेरी चूत मारेगा तुझे दर्द नहीं होने देगा।
मिनी ने ऐसी बातें सुनी तो सरसों का तेल उठा लाई, बिना किसी से कुछ बोले डी जे के पास गई उसके लंड को पकड़ा और बाहर निकाल दिया और उसके लंड पर ढेर सारा तेल मल दिया, थोड़ा सा तेल लेकर कोमल की चूत पर भी लगा दिया और थोड़ा ऊँगली कोमल की चूत के अंदर डाल के तेल अंदर तक लगा दिया।
कोमल बोली- थैंक यू भाभी! अब शायद इसका लौड़ा लेना आसान हो जायेगा।
मिनी मुस्कुरा कर बोली- एन्जॉय करो डियर, थैंक्स की क्या बात है।
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