RE: College Girl Chudai बिन मिनी की कातिल अदाएं
मिनी इतनी गर्म और कामोत्तेजित थी कि जीभ के अंदर जाते ही दो ही मिनट में उसकी फ़ुद्दी ने पानी छोड़ दिया। पर उसकी तमन्ना अभी भरी नहीं थी। उसकी भूख अपने चरम पर थी, मैं बिना रुके उसकी चूत में ड्रिल मशीन की तरह अपनी जीभ से सनसनी करता ही रहा।
मिनी को और मज़ा आये उसके लिए अब मैंने उसकी गांड में अपनी एक उंगली और चूत के निचले हिस्से पर अपने अंगूठे से धीरे धीरे मसाज भी करने लगा।
करीब 15 मिनट बाद मिनी झड़ी और इतना पानी निकला जैसे वो मूत रही हो। जब मिनी झड़ रही थी तो ऐसे झटके ले रही थी जैसे हार्ट अटैक आ गया हो।
मिनी के चिपचिपे पानी से मेरे पूरे कपड़े गीले हो चुके थे, मिनी ने पूरी ताकत से अपनी दोनों टांगों के एक दूसरे से मिला रखा था, वो ऐसे ही टाँगे चिपकाये कांपती हुई झड़ती रही।
जब वो थोड़ी सी नार्मल होने लगी तो मैंने टाँगें फिर से चौड़ी करने का इशारा किया, तो मिनी बोली- बस हो गया मेरा… अब कुछ नहीं चाहिए।
मैंने कहा- माँ की लौड़ी, अभी एक बार और तुझे और पानी बहाना पड़ेगा तभी छोड़ूँगा मैं तुझे।
मिनी बोली- अरे वो तो मैं वासना और कामोत्तेजना में बहकर बोल गई थी, आप बैठ जाओ थोड़ी देर में आपके लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।
मैंने कहा- हाँ ठीक है, पर टाँगें चौड़ी तो कर मुझे थोड़ा सा पानी टेस्ट करना है।
जैसे ही मिनी की टाँगें थोड़ी चौड़ी हुई, मैंने फिर से अपना सर उसकी चूत पर लगा दिया और फिर से जीभ से अपनी बीवी की चूत की चुदाई करने लगा।
मिनी बोली- प्लीज छोड़ दो, बात को समझो… मैंने ऐसे ही कह दिया था, मेरा यह मतलब नहीं था।
पर मैंने भी सोचा हुआ था कि आज इसको इतना चोदूँगा की यह रो पड़े।
मैं बोला- तुमने बोला था न, तो अब मजे लो, टेंशन मत लो। ए आरके… ज़रा अपनी भाभी का सर पे हाथ फेर और उसे नार्मल कर!
आरके ने बिना मुंह से मिनी का बोबा निकाले ही सर पे हाथ फेरना शुरू कर दिया।
अब तक मिनी को समझ आ गया था कि मैंने बात को पुरुषत्व पे ले लिया है, तो उसने मुझसे बोलना बंद कर दिया और अपनी फंतासी को जीने लगी।
मैंने फिर से मिनी की गांड में एक उंगली डाल कर और अबकी बार अंगूठा भी थोड़ा चूत के थोड़ा ज्यादा अन्दर डाल कर मसलने लगा और जीभ से मिनी की चूत का दाना छेड़ता रहा।
थोड़ी ही देर में मिनी फिर से भड़भड़ा के पानी बहाने लगी, उसके चेहरे पर पसीना उसकी आँखें एकदम लाल और आँखों में आंसू भी थे। मैंने उसको सीट से उठाया और अपनी गोद में बैठा लिया और पूछा- क्या हुआ तुम रो रही हो?
मिनी बोली- कोई नहीं, आप चिंता मत करो, औरतों के आंसू तो किसी भी बात पे निकल जाते हैं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो रही है इसलिए ख़ुशी के आंसू हैं।
आरके बोला- यार, शायद इंटरवल होने वाला है, अपन थोड़ा सीधे बैठ जाते हैं।
हमने अपने अपने कपड़े सही किये और चारों अच्छे से अपनी अपनी जगह बैठ गए।
कोमल आरके के बगल में उसके कंधे पर सर रखकर बैठ गई और मिनी मेरे बगल में बैठ कर मेरे कंधे पर सर रखकर बैठी रही।
10 मिनट बाद ही इंटरवल हो गया, मैं और आरके जाकर पॉपकॉर्न, ड्रिंक्स और पानी ले आये।
मैंने वाशरूम जाकर अपने कपड़े थोड़े सही किये क्योंकि वो चिपचिपे थे।
इंटरवल खत्म होते ही जैसी ही लाइट्स बंद हुई, मैंने मिनी को अपनी गोद में बैठाया और टी शर्ट ऊपर करके उसके स्तन दबाने लगा। कोमल ने मौके की नजाकत को देखते हुए मेरे और मिनी के जीन्स का बटन खोला, ज़िप खोली और जीन्स और घुटनों तक उतार दिया। मिनी अपने हाथ से मेरे लौड़े को अपनी चूत पर सेट करके उस पर बैठ गई, पूरा लंड जब चूत में चला गया मेरे से टिक के धीरे धीरे उछलने लगी।
मेरी तरफ मिनी की पीठ थी, मिनी मूवी देखने आये लोगों को साफ़ दिख सकती थी। सभी लोग मूवी देख रहे थे और वो अपने पति से मूवी हॉल में चुद रही थी, शायद ऐसा ही सोच कर मिनी की चूत में थोड़ा और गीलापन आ गया। मिनी अब चुदने के आनन्द के चरम पर थी, वो अपनी आवाज़ पर संयम नहीं बरत सकी और उसके मुंह से ‘आह उह आह ओह्ह ऊंह्ह आह उह आह ओह्ह…’ निकल गया जिसकी ध्वनि थोड़ी ज्यादा थी।
जब तक मैं मिनी के मुंह पर हाथ रखता, तब तक लोग पीछे पलट कर देख चुके थे। सभी लोग दुबारा से मूवी देखने लगे पर मूवी में इतना मज़ा कहाँ जो लाइव सेक्स देखने में है इसलिए लोग अब बार बार मुड़ कर देखने लगे। मिनी अब आराम से चुदवा रही थी उसके मुंह से बीच बीच में सिसकारियाँ भी निकल रही थी।
आरके और कोमल भौचक्के से हम दोनों को सिनेमा हॉल में सबकी नज़रों के सामने चुदाई करते देख रहे थे। कुछ मनचले युवक को जी बिना किसी लड़की के आये थे, वो हमारी तरफ आने लगे। मिनी बोली जानु डोंट वरि तुम बस चुदाई करते रहना, रुकना मत।
4 लड़के आकर हमारे आगे वाली सीट पर घुटनों के बल हमारी तरफ मुंह करके बैठ गए। मिनी उनकी आँखों में आँखें डाले उन्हें देख रही थी।
लड़के बोले- देखो इस मादरचोद को कोई शर्म ही नहीं है।
एक बोला- चल अपन भी इसके बदन का मज़ा लेते हैं, इसके बूब्स दबा लेते हैं।
एक बोला- अबे चूतिये, तेरी लौडिया इतनी गर्म हो रही थी तो रूम पे ले जाता, यहीं चुदाई मचाने लगा?
आगे बैठे 4-5 कपल्स भी हमारी चुदाई का लाइव नज़ारा देखने पीछे आ गये।
मिनी बोली- मेरा जहाँ मन करा, मैं चुदवा रही हूँ और ये कोई मेरा बॉय फ्रेंड नहीं मेरा पति है। मैंने तुम्हे किसी चीज़ के लिए नहीं रोका पर मेरे बदन को हाथ लगाने के लिए तुम्हे मेरे पति से परमिशन लेनी होगी।
मैंने मिनी को गोद से उठाया, उसका मुंह अपनी तरफ करके दुबारा अपने लौड़े पे बैठा लिया और बोला- तू बस चुद… इनको जवाब मैं दे दूंगा।
मैं चुदाई करते करते ही बोला- हाँ भाई, किसको क्या समस्या है।
लड़के बोले- हमें भी इसे चोदना है।
मैंने कहा- माँ के लौड़े, ऐसे कैसे चोदना है?
लड़के बोले- मादरचोद गाली दे रहा है। मारो इसको मारो…
आरके खड़ा हुआ, मैंने मिनी के बैग से एक जर्मन मेड पिस्टल निकाली और बोला- हाँ मारना है, कौन आ रहा है मारने? आओ मादरचोद! पिस्टल मैंने आरके को दी और बोला- जो हमारी तरफ बढ़े उसे बेधड़क गोली मार देना, मैं सब निबट लूंगा।
आरके पिस्टल ताने रहा, हम चुदाई करते रहे।
सामने सेक्स हो रहा हो और वो कुछ न करें ऐसा तो हो नहीं सकता, इसलिए 7-8 लड़कों ने हमारे सामने अपने अपने लंड बाहर निकाल लिया, मिनी को चुदते देख मुठ मारने लगे।
मैंने फिर से मिनी को उठाया और उसका मुंह स्क्रीन की तरफ कर दिया।
मैंने कहा- यह ठीक है कि तुम अपने पास जो है, उससे खेलो, मेरे पास जो है उससे मुझे खेलने दो। तुम लोग अच्छे से मुठ मारने का मज़ा ले सको इसलिए इसका मुंह तुम्हारी तरफ कर दिया है, अब इसके बूब्स पर अपनी अपनी मुठ गिरा सकते हो।
कुछ लोग तो हॉल छोड़ कर चले गए, कुछ कपल्स में उनकी लड़कियों ने अपने साथ आये लड़कों की मुठ मारी।
मिनी जब मुझसे अच्छे से चुद गई तो वो जाकर सीढ़ियों पर लेट गई सभी ने उसके ऊपर अपना मुठ गिरा दिया, मिनी पूरी तरह मुठ से भीग गई थी।
सभी लोग मुझे थैंक्स बोले और सॉरी मांगी, बोले- आप बहुत अच्छे हैं, हमने आपको गलत समझा।
मैंने मन ही मन सोचा- माँ के लौड़े, पिस्टल के सामने अच्छे घुटने तक देते हैं तुम तो अभी पैदा हुए हो।
मिनी के बैग में एक तौलिया था, उससे उसके बदन पर पड़ा हुआ सारा वीर्य पौंछा और हम लोग वापिसी में खाना पैक करा कर आ गये।
घर पहुंचते पहुंचते हमें 2:30 बज गए थे।
घर पर आने के बाद सभी लोग वापस से नंगे हो गए।
मैंने मिनी से पूछा- तुझे वहाँ किसी और लौड़े का लेने का मन तो नहीं था न?
मिनी बोली- नहीं, तुम लोगो ने मेरी जो हालत कर दी थी उसके बाद तो मेरी किसी और लौड़े को लेने की इच्छा नहीं बची थी।
आरके बोला- लेकिन नज़ारा देखने लायक था, इतने मर्द एक साथ किसी लड़की को देखकर मुठ मार रहे थे, यह नज़ारा अब ज़िन्दगी भर के लिए दिमाग में छप गया है।
कोमल बोली- भाभी, आपकी डर्टी फंतासी वाकई लाजवाब थी। नीलू, मुझे भी कभी न कभी ऐसे ही किसी सिनेमा हाल या पार्क या मॉल में चोदना।
आरके बोला- हाँ डार्लिंग, पहले रंगीला की तरह एक पिस्टल ले लूँ, फिर चोदूँगा वर्ना मेरे अलावा कितने लौड़े तेरे मुंह, नाक, गांड, चूत और जहाँ जहाँ छेद हैं, वहाँ जायेंगे कि शायद तू बैंडिट क्वीन बन जाये।
सभी लोग हंसने लगे।
मैंने कहा- वो कोई असली पिस्टल नहीं है, वो सिर्फ दिखने में पिस्टल जैसी है, वैसे वो लाइटर है पर डराने का काम अच्छा करती है। आरके बोला- ओह्ह तेरी की बेहनचो… मेरे हाथ में भी थी पर इतनी भार लगी कि लगा असली पिस्टल ही है।
मिनी बोली- मैंने इतना चुदवाया है आज कि मुझे थोड़ी थकान हो रही है, मुझे थोड़ी देर आराम करना है।
और बोलते बोलते मिनी बिस्तर पर गिर गई, जल्दी ही वो सो गई।
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