RE: College Girl Chudai बिन मिनी की कातिल अदाएं
मैंने महसूस किया कि मेरी टांगें अपने आप थोड़ी ज्यादा खुल गई हैं और मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। मैंने अपने पेट से लेकर चूत तक एक बहुत बड़ा लोड बाहर की ओर आता महसूस किया, ऐसा लगा जैसे बाढ़ आने वाली है।
मैं अपनी चूत की मालिश की मस्ती में इतनी मस्त थी कि मैंने भैया को कुछ नहीं बोला। बहुत सारा पानी वो भी प्रेशर से, उतने प्रेशर से तो मूत भी नहीं सकती, उतने प्रेशर से पानी निकलने लगा।
भैया भी एक्सपर्ट थे, उन्होंने न उँगलियाँ हटाई न मुंह बस वैसे ही मेरी चूत की सेवा करते रहे, मैं 2-3 मिनट तक झड़ती रही।
इतने प्रेशर से तो मैं कभी भी नहीं झड़ी थी, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरी जान निकाल दी हो। मेरी इतनी जोर से चीख निकल गई थी कि उसकी इको मुझे अभी भी सुनाई दे रही थी।
मैं इतनी बुरी तरह झड़ी थी कि मैं पूरी सिकुड़ गई और मुझे ठण्ड लगने लगी।
भैया ने अंदर के कमरे से रजाई लाकर उढ़ाई और खुद भी रजाई के अंदर आकर मुझे जकड़ लिया और बोले- भाभी, आप ठीक हैं न?
मैंने कांपते और मस्ती में कहा- हाँ!
भैया ने मेरे चूतड़ों को हाथ में लिया, बोले- भाभी आप अभी भी थोड़ा थोड़ा डिस्चार्ज हो रही हो। आप कहो तो कोई टॉवल आपके नीचे लगा दूँ जिससे रजाई ख़राब न हो।
मैंने सिर्फ गर्दन हाँ में हिला दी।
भैया एक तौलिया लाये, मेरी टांगों के बीच रख दिया जहाँ से रिसता हुआ पानी देख हंसते हुए बोले- भाभी, आपने तो बाल्टी भर पानी फैला दिया।
मैंने मुस्कुरा कर थके हुए थिरकते हुए होंठों से कहा- भैया, आपने तो जान ही निकाल दी थी, बहुत मज़ा आया। जैसे आप कल रात नहीं भूलोगे वैसे ही मैं आज का दिन नहीं भूलूंगी। थैंक यू भैया, थैंक यू!
भैया बोले- क्या भाभी, आप जैसी हसीना ने मेरा लंड चूसा और चूत में लिया, थैंक्स तो मुझे बोलना चाहिए। अब आप थोड़ी देर आराम कर लो जिससे आप रिलैक्स हो जाओगी।
मैंने कहा- भैया, आपकी बाँहों में सोना है मुझे, प्लीज अपनी बाँहों में सुला लो।
मैंने उन्हें अपने आलिंगन में लिया और कब आँख लगी पता नहीं।
मिनी-; इससे आगे की कहानी रंगीला सुनाएँगे
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