RE: College Girl Chudai बिन मिनी की कातिल अदाएं
रंगीला ने अपना लौंडा मिनी के चूत के मुहाने पर टिका के एक हल्का सा धक्का लगाया जिससे उसके लंड का सुपाडा मिनी की गीली चूत में जा कर अटक सा गया. मिनी ने अपनी गांड को ऊपर उठाया ताकि रंगीला का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस सके. रंगीला धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगा ताकि वो अपनी पूरी तरह गरम चुकी पत्नी की गांड के धक्कों को मैच कर सके और बोला,
“अच्छा को कि डॉली किसी दिन हमारी चुदाई देख ले…कभी कभी मुझे लगता है कि उसकी शुरुआत करने की उम्र भी अब हो गयी है.”
मिनी ने अपने पैर रंगीला की गांड पर लपेट लिए और अपनी भरी आवाज में बोली,
“अरे गंदे आदमी…यहाँ तुम अपनी पत्नी की ले रहा है और साथ में अपनी बेटी को चोदने के सपने देख रहा है…सुधर जा….”
रंगीला ने मिनी को दनादन फुल स्पीड में चोदना चालू कर दिया. उसका लंड मिनी की चूत के गीलेपन और गहराइयों को महसूस कर रहा था. मिनी आह आह कर रही थी और अपनी चूत को रंगीला के लंड पर टाइट कर रही थी. रंगीला को मिनी की चूत की ये ट्रिक बेहद पसंद थी. रंगीला ने धक्कों की रफ़्तार खूब तेज कर दी और वो मिनी की चूत में झड़ने लगा. मिनी ने अपने चूत में रंगीला के लंड से उसके वीर्य की गरम धार महसूस की और वो भी झड़ गयी. मिनी झड़ते हुए इतनी जोर से चिल्लाई की उसकी अवाज नए पड़ोसियों तक भी शायद पहुची हो. दोनों एक दुसरे से लिपटे हुए थोड़े देर पड़े रहे. फिर रंगीला के अपना लौंडा उसकी चूत से निकाला उसे होठों पर चूमा और बाथरूम की तरफ चला गया.
मिनी ने अपने कपडे ठीक किये और वापस खिड़की पर चली गयी ताकि देख सके की नए पड़ोसी अब क्या कर रहे हैं.
अब मम्मी और बेटी शायद घर के अन्दर थे और पिता बाहर खड़ा हुआ था. रंगीला बाथरूम से लौट आया और उसने मिनी के गर्दन के पीछे चूमा. मिनी गर्दन के पीछे चूमा जाना बहुत पसंद था. मिनी ने अपनी भरी आवाज में बोला
“मज़ा आया रंगीला. मुझे बहुत अच्छा लगता है जब तुम कहीं भी और कभी भी मेरी लेते हो..”
“ओह यस बेबी…इस शहर का सबसे टॉप माल तो तू है न…”
कहते हुए रंगीला ने मिनी की गांड पर एक हल्की चपत लगाईं.
मिनी हंसने लगी और रंगीला की बाहों में लिपटने लगी और बोली,
“थैंक्स डार्लिंग….मैं टॉप माल हूँ..और तुम्हारी बेटी डॉली? क्या तुम उसे हमारे खेल में जल्दी शामिल करने की सोच रहे हो?”
“पता नहीं बेबी….पर मुझे लगता है इस मामले में किसी तरह की जल्दबाजी ठीक नहीं है”
मिनी को फिर से अपनी गांड में कुछ गढ़ता हुआ सा महसूस हुआ. उसे रंगीला का ये कभी भी तैयार रहने का अंदाज़ बड़ा भाता था. मिनी जब रंगीला से मिली थी तब तक सेक्स के प्रति उसका रुझान कुछ ख़ास नहीं था. पर रंगीला के साथ बिठाये पहले 6 महीने में मिनी एक ऐसी औरत में तब्दील हो गयी जिसे हमेशा सेक्स चाहिए. वो एक दुसरे के लिए एकदम खुली किताब थे. उन्हें एक दुसरे की पसंद, नापसंद, गंदी सेक्सी सोच सब बहुत अच्छी तरह से पता था. वो दोनों बहुत दिन से अपने १८ वर्ष की बेटी को अपने सेक्स के खेल में लाने की सोच रहे थे. जब भी मौका मिलता, वे दोनों इस विषय में चर्चा करना नहीं चूकते थे. मिनी को ये अच्छी तरह से पता था की डॉली का काम तो होना ही है, आज नहीं तो कल …
रंगीला खिड़की से झांकता हुआ बोला,
“अपना नए पडोसी की बॉडी तो एकदम मस्त है और देखने में भी हैण्डसम है. उसे उतार लो शीशे में. किसी दिन जब मैं ऑफिस में हूँ, तुम उसे किसी बहाने से यहाँ बुला कर जम कर चोदना”
मिनी आनंदातिरेक से भर उठी. उसकी एक और कल्पना थी की वो अपने पति रंगीला के अलावा किसी गैर मर्द के साथ यौन सुख का आनंद ले. रंगीला को ये बात पता थी. वो इस बारे में अक्सर बात करते थे. वो सेक्स करने के दौरान गैर मर्द वाला विषय अक्सर ले आते थे. ऐसा करने से इससे उन्हें चुदाई में अतिरिक्त आनंद मिलता था.
मिनी और रंगीला दोनों एक दुसरे के पसंद अच्छी तरह समझते थे. शायद यही उनके खुश वैवाहिक जीवन का राज था.
उनके पडोसी का सामन अब तक अनलोड हो चुका था. वो मूविंग ट्रक के ड्राईवर से कुछ बात कर रहा था. उसने एक पतली टी-शर्ट और टाइट शॉर्ट्स पहन रखे थे. रंगीला ने मिनी के कान के पीछे का हिस्सा चूमते हुए पूछा,
“मिनी, उसके टाइट शॉर्ट्स में उसका सामान देख रही हो? मुझे पक्का पता है कि तुम उसका लौंडा मुंह में लेकर चूस डालोगी न? सोचो न उसका लंड तुम्हारे मुंह में अन्दर बाहर हो रहा है.”
मिनी गहरी साँसे ले कर कुछ बडबडायी. रंगीला ने उसकी स्कर्ट उठा दी और अपना लौंडा उसकी गांड की दरार में रगढ़ने लगा. मिनी आगे झकी और अपने चूतडों को उठाया. रंगीला ने अपना लंड मिनी की चूत के छेद पर भिड़ाया और एक ही झटके में पूरा घुसेड़ दिया. मिनी इस अचानक आक्रमण से सिहर सी उठी. उसकी सीत्कार से पूरा कमरा गूंज उठा.
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