RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
कामुक-कहानियाँ
तीन देवियाँ पार्ट -11
गतान्क से आगे..................
मेरा लंड कुछ देर के लिए नरम हो गया था पर जैसे ही थोड़ी ठंडी हवा लगी वो फिर से खड़ा होने लगा और देखते ही देखते पूरी तरह से अकड़ गया और स्प्रिंग की तरह से हिलने लगा. मैं ने शालु का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया जिसे उसे अब आसानी से पकड़ लिया और दबाने लगी और बोली के राज्ज तुम बड़े खराब हो इतना बड़ा और इतना मोटा मेरे हलक के अंदर तक घुसा दिया मेरी तो जान ही निकली जा रही थी तो मैं ने कहा के मेरे लंड की जान भी तो निकल्ल निकल्ल के तुम्हारे हलक मे चली गयी तो वो कुछ बोली तुम बड़े शैतान हो और मुस्कुरा दी और लंड को दबाते हुए बोली के सच मे यह तो बोहोत ही बड़ा और मोटा है तो मैं ने कहा तुम्है पसंद आया ? तो उसने बोला के तुम शैतान हो मुझे क्या पता मैने तो आज पहली बार किसी का अपने हाथ मे लिया है.
लगता था के अब शालु थोड़ा सा फ्री हो गयी है तो उसकी चिकनी मक्खन जैसी चूत पे हाथ फेरते हुए मैं ने पूछा के क्या बात है आज इसको इतना चिकना बना के आई हो तो वो कुछ नही बोली तो मैं ने पूछा क्या ऋतु से अपनी चिकनी चूत को चटवाने और उसकी चूत को चाट के उसके साथ मज़ा लेने का इरादा था तो उसने मुस्कुराते हुए धीरे से अपना सर हा मे हिला दिया. फिर मैं ने पूछा के तुम्है चुदवाने मे मज़ा नही आता क्या जो चूते ही चाट ती और चटवाती रहते हो तुम लोग तो उसने कहा के पता नही राज क्यों मुझे चुदवाना अछा नही लगता लेज़्बियेनिज़्म मे जो मज़ा है वो किसी मेल के साथ चुदवाने मे नही है और फिर लड़कियाँ सेफ भी तो रहती है प्रेग्नेन्सी का डर भी तो नही रहता और लड़कियाँ साथ मे सोती है तो भी किसी को कोई शक्क नही होता इसी लिए हम को एक दूसरे के साथ ही मज़ा आता है.
मैं ने पूछा के अछा यह बताओ के तुम लोगो ने यह सब कैसे स्टार्ट किया और ऋतु को कैसे पटाया वो तो अभी इतनी छोटी सी लड़की है अभी वो पूरी तरह से जवान भी तो नही हुई तो शालु ने हस्ते हुए कहा के ऋतु को मैं ने और अनु ने मिल के पटाया. आक्च्युयली मैं और अनु तो अपने स्कूल के ज़माने से ही यह सब करते है. तुम्हे तो पता है के मैं कभी कभी रात को यही रुक जाती थी और अनु के साथ ही सो जाती थी तो मैं ने कहा हा मुझे पता है तो उस ने कुछ सोचते हुए कहा हा शाएद हम लोग 9थ के एग्ज़ॅम की तयारि कर रहे थे और अनु को किसी मॅगज़ीन से एक सेक्स की फोटो मिली जिसे हम ने सब लोगो के सो जाने के बाद बेड मे लेटे लेटे चोरी चुप्पे देखा जिसमे दो नंगी लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी. अब शालु चूत और लंड जैसे शब्दो का उपयोग करने लगी थी. बॅस फिर क्या था हम दोनो गरम हो गये और दोनो पहले तो एक दूसरे की चुचिओ को दबा ते रहे फिर एक दूसरे की चूत को सलवार के ऊपेर से
ही मसल्ने लगे और देखते ही देखते दोनो ने एक दूसरे की सलवार मे हाथ डाल दिया और एक दूसरे की नंगी चूतो को अपने हाथो से सहलाने और मसल्ने लगे और थोड़ी ही देर मे हमे मज़ा आने लगा दोनो बड़ी तेज़ी से एक दूसरे की चूत को मसल रहे थे और फिर हमारी चूतो मे से जूस जैसा कुछ निकलने लगा और हमै बोहोत मज़ा आया. उस वक़्त तक हमारी चूत पे झातें भी नही उगी थी चिकनी चिकनी थी हमारी चूते.
थोड़ी ही देर के बाद हम दोनो ब्लंकेट के अंदर ही नंगे हो गये और एक दूसरे की लेमन जैसी चुचिओ को दबाने लगे और चुचिओ की निपल्स को मूह मे ले के चूसा जैसे छोटे बचे दूध पीते है उसी तरह से उसके बाद हम ने सोचा के क्यों ना फोटो जैसे पोज़िशन मे किया जाए और फिर हम दोनो ब्लंकेट के अंदर ही अंदर उसी पोज़िशन मे आ गये और हम एक दूसरे की चूत को किस करने और चाटने लगे. दोनो की चूतो से पहले ही जूस निकल चुका था नमकीन था पर अछा लग रहा था. थोड़ी देर तक ऐसे ही चूस्ते चूस्ते हमारा जूस फिर से निकला और हमै बोहोत ही मज़ा आया. फिर हम अपने कपड़े पहेन कर सो गये. हमे ऐसा करने के बाद बड़ी अछी नींद आई और हम सुबह देर तक सोते रहे. फिर तो हमै चूते चाटने और चुचिओ को चूसने मे बड़ा मज़ा आने लगा और हम लोग एग्ज़ॅम के ख़तम होने तक ऑलमोस्ट डेली ही यह करते रहे. जब भी हम थोड़ी देर के लिए अकेले होते तब हम मॉका देख के किस कर लेते और एक दूसरे की चुचिओ को शर्ट के ऊपेर से मसल भी देते और बाद मे जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे की चूते चाट लेते.
मैं और शालु नंगे ही थे तो मैं ने उसको सोफे से उठाया और अपने कमरे की तरफ ले गया और बहाना यह बनाया के ऋतु सो रही है कही जाग ना जाए चलो मेरे कमरे मे चलते हैं वाहा हम इत्मीनान से बात करेंगे. मैं और शालु मेरे कमरे मे आ गये और मैं ने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया पर लॉक नही किया क्यॉंके मुझे यकीन था के ऋतु कुछ ही देर मे मेरे कमरे मे आ जाएगी इसी लिए बॅस क्लोज़ कर दिया और लॉक नही किया. फिर शालु को बेड पे लिटा दिया और मैं भी उसके साथ ही लेट गया. लेटने से पहले कमरे की लाइट भी बंद कर दी थी क्यॉंके मेरा मानना है के रात के अंधेरे मे इंसान वो कर लेता है हो दिन के उजाले मे नही कर पाता. मैं ने सोचा के शालु भी अंधेरे मे कुछ ज़ियादा ही फ्री हो जाएगी और मज़ा भी लेगी.. मेरे कमरे मे अंधेरा था बारिश अभी भी रुक रुक के हो रही थी और कभी कभी बिजली भी चमक जाती थी जिस से अचानक कुछ लाइट आ जाती कमरा रोशनी से चमक जाता और फिर से अंधेरा हो जाता. मैं
और शालु एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से लेटे थे मेरा लंड शालु के हाथ मे था जिसे वो अब खुद से ही दबाने लगी थी और आगे पीछे कर के मूठ जैसा भी मार रही थी मैं उसकी चुचिओ को मसल भी रहा था और चूस भी रहा था. करवट से लेटे ही लेटे मैं ने शालु की टांग उठा के अपने हिप्स पे रख ली जिस से उसकी चूत कुछ खुल गयी और मैं थोड़ा उस उसके करीब हो गया जिस से मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत से टकरा रहा था जिसे शालु बड़े मज़े से दबा रही थी. लंड मे से प्री कम भी निकलना शुरू हो गया था. अब शालु भी मस्ती मे आ गयी थी और मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड के हेल्मेट जैसे सूपदे को अपनी खुली पंखाड़ियों की चूत मे घिस्स रही थी और क्लाइटॉरिस को रगड़ रही थी और साथ ही उसके मूह से आआआआअहह और ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़ें भी निकल रही थी. मेरे लंड से निकलता चिकना प्री कम और उसकी चूत मे से निकलता जूस दोनो मिल के उसकी चूत को बोहोत स्लिपरी बना चुके थे. वो इधर मेरे लंड को अपनी चूत मे रगड़ रही थी और अपनी बात कंटिन्यू रखे हुए थी.
शालु ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए कहा के इसी तरह से दिन गुज़रते रहे. फिर एक दिन ऋतु को तुम्हारे अंकल गाओं से ले के आ गये. छोटी सी लड़की दुबली पतली साँवली कलर की. बहुत छोटी छोटी सी उसके चुचियाँ तो नही थी बॅस चुचिओ के उभार थे समझो. ऋतु गाऊँ की एक भोली भाली सी लड़की थी उसे कुछ भी नही मालूम था. आक्च्युयली एक दिन अनु ने ऋतु को बाथरूम मे नंगे देख लिया वो पिशाब कर रही थी उसकी चूत से बड़ी मधुर सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्
रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की सीटी जैसी म्यूज़िक निकल रही थी जो अनु को अछी लगी और वो उसको पिशाब करते देखती रही उसके बाद ऋतु उठी और नहाने लगी. ऋतु नंगी थी. उसके छोटी छोटी चुचिओ के उभार और पतली लकीर जैसी बिना बालो वाली चिकनी बेबी चूत की पंखाड़िया एक दूसेर से मिले हुए थे जो अनु को बोहोत आछे लगे और तभी अनु ने ऋतु की चूत को चाटने का फ़ैसला कर लिया और मुझे बताया तो मैं ने कहा के ठीक है कोई बात नही किसी रात का प्रोग्राम रखो उस दिन ऋतु को भी फिट कर देते हैं. और फिर एक रात का प्रोग्राम बन गया. उस वक़्त तक हम कॉलेज मे आ चुके थे और हम दोनो नंगे हो के बड़े मज़े से एक दूसरे की चुचिओ को चूस्ते और चूतो को चाट ते और मज़े लेते थे. जिस दिन का प्रोग्राम बना उस दिन अनु तो ऋतु की चूत को चाटने के लिए उतौली हो रही थी. हम रात के खाने के बाद ऊपेर आ गयी हम दोनो लेट गये उस वक़्त तक खुश्बू दीदी की शादी हो चुकी थी और यह कमरा खाली था और तुम्है कुछ खबर भी नही होती थी तुम मस्त नींद सो जाते थे और हम तुम्हे घास भी नही डालते थे तो तुम भी हमारी कोई केर नही करते थे.
खैर उस रात खाने के बाद ऊपेर आने से पहले अनु ने ऋतु को बोल दिया था के मेम सब के पैर दबाने के बाद जब वो सो जाए तो तुम ऊपेर हमारे पास आ जाना हमै कुछ काम है तो उसने कहा ठीक है दीदी आ जाउन्गी. उसको क्या खबर थी के आज उसकी छोटी सी पतली पंखाड़ियों वाली चूत को चाट चाट के हम उसकी कुँवारी चूत का सारा रस्स पीने वाले थे. वो अपना सारा काम ख़तम कर के रात तकरीबन 11 बजे के बाद ऊपेर आ गयी. उस रात बड़ी गर्मी पड़ रही थी हम दोनो बिना कुछ कपड़े पहने नंगे ही लेटे थे. उन दीनो कॉलेजस की छुट्टियाँ थी और तुम अंकल के पास मस्तीपुर गये हुए थे और हमारा रास्ता भी सॉफ था ऊपेर कोई भी नही था. ऋतु के ऊपेर आने से पहले ही हम ने कमरे की लाइट बंद कर दी थी और अपने नंगे बदनो पर पतली सी शॉल डाली ली थी ता के ऋतु को फॉरन पता ना चले के हम नंगे लेटे हैं..
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