RE: Rishto Mai Chudai खून का असर
यार राजू जब सुधिया काकी की गंद मारने मे इतना मज़ा आया तो
सोच ज़रा हमारी अपनी मा की गंद मारने मे कितना मज़ा
आएगा उसकी तो गंद इतनी जबरदस्त और मोटी है कि उसकी मोटी
गंद को घंटो हम दोनो भाइयो को मिलकर ठोकना पड़ेगी तब
जा कर हमारी मा को कुछ असर होगा, हाँ बिरजू तो बिल्कुल ठीक कह
रहा है अपनी मा की गंद इतनी सुंदर और फैली हुई है कि मेरा
तो दिल करता है की उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी गंद मे
अपना मूह भर दू और तो और उसका फूला हुआ भोसड़ा देख कर
तो मैं पागल हो जाता हू उस दिन जंगल मे जब उसकी मस्तानी
चूत की गंध सूँघी थी तो मुझे तो बिना दारू पिए ही नशा
आ गया था, उसका गदराया उठा हुआ पेट जैसे साली पेट से हो
उसकी गहरी नाभि उसके मोटे मोटे दूध, बिरजू जब हम उसे
पूरी नंगी देखेंगे तो हमारा लंड कच्छा फाड़ कर बाहर
निकल आएगा, और दोनो भाई अपनी मा को नंगी करके चोदने के
बारे मे बाते करते हुए घर पहुच गये, और अपनी कुर्सी
पर जाकर बैठ गये, घर के अंदर कमला ज़मीन पर अपने
दोनो पैरो को फैलाए हुए अपने घाघरे को अपनी मोटी
जाँघो तक चढ़ा कर दीवार से टिक कर बैठी थी और गाँव की
दाई कमला के पैरो की सरसो के तेल से मालिश कर रही थी अपनी
मा की मखमली गोरी गोरी मोटी मोटी जाँघो को देखते ही उनका
लंड खड़ा हो गया और लूँगी को तंबू जैसा आकर दे दिया,
दोनो अपनी मा की गदराई जवानी को बड़े प्यार से घूरते हुए
अपने लोडो को हल्के हल्के दबा रहे थे तभी संध्या उसके
घर से निकल कर कपड़े लेकर हॅंडपंप पर आई तो राजू ने
बिरजू को इशारा किया, संध्या जब हॅंडपंप से पानी भर कर
कपड़ो को धोने लगी तो उसकी गोल मोटी मोटी चुचिया जो कि काफ़ी
कसी हुई थी उसकी चोली मे आधी से ज़्यादा उसके वी शेप से
नज़र आ रही थी, संध्या कनखियो से दोनो भाइयो को देख
रही थी तभी राजू ने अपना लंड लूँगी से बाहर निकालकर
संध्या को दिखा दिया संध्या उसका मोटा और क़ाला लंड देख
कर चौंक गई और बार बार अपनी नज़रे बचा बचा कर राजू के
लंड का दीदार करने लगी, संध्या को अपने पति से चुदे हुए
काफ़ी समय हो चुका था और एक तरह से वह लंड के लिए
तरस रही थी तभी राजू ने एक बार को अपना पूरा मोटा केला
निकालकर संध्या भाभी को दिखा दिया तो संध्या की नज़रे एक
पल के लिए राजू के लंड पर ठहर गई फिर जैसे ही संध्या ने
राजू की आँखो मे देखा राजू मुस्कुरा दिया और संध्या के
चेहरे पर भी एक हल्की सी स्माइल आ गई और वह कपड़े गला कर
अंदर भाग गई, उसके इस तरह के रिक्षन को देख कर राजू ने
बिरजू से कहा बिरजू आज रात को हमे नई चूत मिलेगी, बिरजू अपनी
मा की मोटी जाँघो को घूरता हुआ भला वह कैसे राजू आज रात
को जब संध्या भाभी संडास के लिए खेतो की ओर जाएगी तब
हमे उसका पीछा करना है और आज उसको खेतो मे लेजा कर
चोदना है, बिरजू तो यार ऐसा क्यो नही करते आज हम खेतो की
और पहले से ही जाकर वही दारू पिएगे और जब संध्या भाभी
उधर संडास के लिए आएगी तब उसको वही पकड़ कर चोद
देंगे, राजू हाँ ये ठीक रहेगा, और फिर तभी उधर से सुधिया
काकी आती हुई नज़र आई सुधिया काकी अपनी टाँगे थोड़ा
फैलाकर चल रही थी, उसे देखते ही दोनो भाइयो के चेहरे
पर मुस्कान फैल गई, तभी अंदर से शीला चाइ लेकर दोनो के
पास आई बिरजू ने चाइ लेते हुए शीला की चूत को घाघरे के
उपर से अपने हाथो मे भर लिया तभी शीला की नज़र उनके
मोटे लंडो पर पड़ी जो लूँगी उठाए खड़े थे शीला ने पुछा
तुम दोनो का लंड किसको देख कर खड़ा हुआ है, तो बिरजू ने
बोला अपनी बहन को देख कर, शीला झूठ मत बोलो भैया मैं तो
अभी अभी आई हू सच सच बताओ तुम्हारा लंड किसको देख
देख कर फनफना रहा है, राजू शीला ने राजू की नज़र को
पकड़ लिया जो अपनी मा की गदराई जाँघो को कनखियो से देख
रहा था, और शीला को समझते देर ना लगी कि इनका लंड अपनी
मा की गदराई जवानी को देख देख कर लूँगी फाड़ने की कोशिश
कर रहा है, हाय राम शीला का मूह खुला का खुला ही रह गया
और वह जल्दी से घर के अंदर आ गई,
क्रमशः....................
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