RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
"बता ना मेरी सूमो रानी की वो क्या करता है?" रणबीर ने सूमी का घाघरा कमर तक उठा दिया उसकी फूली फूली गंद को सहलाने लगा. तभी उसकी एक उंगल सूमी की गंद के गोल छेद पर पहुँच गयी और वह उंगल से उसे दबाने लगा.
"यही वा इससे करता है और करवाता है जो तुम अंगुल से कर रहे हो." सूमी ने लूँगी के उपर से उसके लंड को मुथि मे लेकर कहा.
"तो ऐसे बोलों ने की लड़कों की गंद मारता है और उनसे अपनी गंद मरवाता है... तब तो वो तुम्हारी भी बिना मारे नही छोड़ता होगा." अब रणबीर ने अपनी नेक उंगल मे ढेर सारा थूक लगा उसे सूमी की गंद मे पूरा डाल दिया और अंगुल को गंद के भीतर हिलाने लगा.
"उईईई माआ दर्द कर रहा है ना... निकालो उसे वहाँ से.... तुम सब मर्द एक जैसे होते हो... खेत से मन नही भरा क्या जो सूखे कुएँ मे उतार रहे हो...." पर रणबीर ने एक नही सुनी और अब वह ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगल अंदर बाहर करने लगा.
"बोलो ना भाभी वो तुम्हारी गांद मारता है या नही."
"हां मारता है.... गंद मारके मुँह फेर कर सो जाता है और में रात भर जलती रहती हूँ. नसीब जो खराब है मेरा जो ऐसे गांडो के गले बँध गयी."
अब रणबीर ने सूमी को बलपूर्वक पलट दिया और उसकी गंद हवा मे उठा कर उसकी गंद के दरार मे मुँह दे दिया और गंद के छेद को जीब से खोदने लगा और बोला, "पर मेरी जान तुम्हारी गांद है बहोत मस्त, आज एक बार मेरे से मन करके मरवा लो फिर तुम कहोगी की गंद मरवाने मे भी एक अलग ही मज़ा है." रणबीर अब सूमी के गांद पर
थूक डाल रहा था और अपनी जीभ से उसे अंदर तक लसीला कर रहा था.
"तुम जीब चलाते हो तो ना जाने अजीब सी सुरसुरी होती है... ओह कैसा लग रहा है... उसने तो कभी भी ऐसे जीब से नही चाटा... ओह पर तुम्हारा उससे बहोत बड़ा और मोटा है... यह अंदर चला जाएगा?
"अरे भाभी तुम एक बार मन से कह दो और हां खुला मन करके मर्वानी है तो बोलो बाकी सब मुझ पर छोड़ दो. एक बार मेरे से मरवा लॉगी तो जब भी चुदवाओगि तो खुद गंद मराने के लिए कहोगी." रणबीर ने कहा.
"ऐसी बात हो तो मार लो मेरी गंद पर धीर धीरे और बिल्कुल हल्के हल्के मारना."
रणबीर ने लंड के सुपाडे पर ढेर सारा थूक लगाया और गंद के छेद पे लगा धीरे से अंदर घुसा दिया. सूपड़ा पूरा चला गया तो फिर बाहर निकाला और वापस थूक लगाया और फिर भीतर तेल दिया. पर इस बार कुछ देर अंदर बाहर करता रहा और बोला.
"देखा भाभी तुम्हारी गंद थूक लगा के कितने प्यार से मार रहा हूँ बोलो दर्द हुआ? अब तुम मन करके गंद मरवा रही तो तो में मन करके तुम्हारी मस्त गंद मार रहा हूँ."
अब रणबीर धीरे गंद मे लंड ठेलना शुरू किया, सूमी गंद ढीली छोड़ती तब रणबीर लंड का बहाव भीतर बढ़ता और कुछ इंच अंदर सरका देता. जब सूमी गंद को सिकोडत्ती तब रुक जाता.
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