RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
उस रात भानु ने वो जोश नही दीखाया जो वो अपनी सहेलियों से सुनती आई थी. सुहग्रात के दिन भानु उसके नंगे शरीर से कई देर तक खेलता रहा पर जब उसनेउसकी चूत मे लंड डाला तो दो तीन धक्के लगा कर उसे मझधार मैं ही छोड़ शांत हो गया. पहली ही रात को वो तड़पति रह गयी.
दो दिन बाद ही जब उसने अपने पति को घर के पीचवाड़े पड़ोस के एक लड़के का लंड चूस्ते देखा तो वो अपना मन मसोस कर रह गयी. पर आज उसके शरीर की ज्वाला धधक रही थी जो शांत होने का नाम ही नही ले रही थी. उसने अपनी चूत अपने सोए पति के मुरझाए लंड से रगड़नी शुरू कर दी. और अपने पति की जीभ को अपने मुँह मे ले ली.
भानु सूमी की हरकतों से जाग पड़ा और उसे अपने दूर धकेलते हुए गुस्से से बोला, "मेने तुम्हे कितनी बार समझाया की मुझे ये सब अच्छा नही लगता?"
"तो क्या अच्छा लगता है, दूसरे लड़कों का लंड चूसना? सूमी भी गुस्से से बोल पड़ी.
"कह लिया अब चुप चाप सो जा और मुझे परेशन मत्कर." भानु भी आधी रात को सूमी से बहस नही करना चाहता था.
भानु करवट बदल कर सो गया और सूमी वैसे ही चूत की आग मे सुलगती रही. उसने घृणा भरी नज़रों से अपने पति की और देखा और उसकी तरफ पीठ कर के सो गयी.
दूसरे दिन रणबीर सुबह जल्दी ही उठ गया और रोज़ की तरह कमर पर लंगोट कस कसरत करने लगा. लंगोट मैं कसे आंडों का स्पष्ट उभार नज़र आ रहा था. मालती भी जल्दी उठ गयी थी क्योंकि घर का काम ख़तम कर उसे हवेली जाना था. जैसे ही वह नहाने के लिए स्नान घर की और मूडी उसने रसोई से कुछ आवाज़ें सुनी.
उसने रसोई मे झाँक कर देखा तो रणबीर लंगोट कस कर कसरत कर रहा था. उसकी लचौड़ी चौड़ी जंघे और लंड का उभार देख कर मालती एक आह भर के रह गयी.
घर मे अभी भी सब सो रहे थे और मालती जानती थी की एक घंटे के पहले कोई उठने वाला नही है. मालती ने तुरंत एक प्लान बनाया और दबे पाँव रणबीर के पीछे आ गयी. इस समय वो सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस पहने हुए थी.
पहले तो उसने अपना ब्लाउस खोला और फिर पेटिकोट का नाडा खींच दिया और वो मदरजात नंगी हो गयी. रणबीर को कुछ भी पता नही था वो तो अपनी धुन मे कसरत किए जा रहा था.
तभी मालती बिल्कुल उसके सामने नंगी आ गयी. एक बार तो रणबीर हक्का बक्का रह गया फिर उसने मालती से पूछा, "आप चाचीजी इस हालत में?"
मालती आगे बढ़ कर उसके पास आ गयी और उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया. वो अपनी बड़ी बड़ी चुचियाँ रणबीर के सीने पर रगड़ने लगी. मालती की इस हरकत पर रणबीर का लंड लंगोट फाड़ बाहर निकलने को मचल उठा.
"मुझे अपनी बना लो रणबीर.... में आज तुम्हे पाना चाहती हूँ."
"बहुत बड़ा है तुम्हारा... तुम्हारी सूरत देख कर लगता नही की इतना बड़ा लंड होगा तुम्हारा." मालती उसके लंड को अपने हाथों मे पकड़ते हुए बोली.
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