RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--39
गतांक से आगे ...........
‘गई वो’, सोनल ने अपना चेहरा पिछे करते हुए कहा।
हां गई, मैंने उसकी चूची को पकउ़कर उमेठते हुए कहा।
मेरी बात सुनते ही सोनल खड़ी हो गई और मेरा हाथ पकउ़कर मुझे खींचते हुए बाहर आ गई।
उसने मुझे बेड पर धकेलते हुए बैठा दिया और मेरे सामने खड़ी हो गई। मेरी नजरें उसके पेट पर पड रही थी।
मैंने उसकी कमर को पकड़ा और अपनी तरफ खींचकर उसकी नाभि के चारों तरफ अपने होंठ रख दिये और सुक करने लगा।
एक पल को तो वो मस्ती से झूम उठी पर अगले ही पल उसने मेरे हाथों को एक तरफ झटका और मेरे सिर को पकड़कर चेहरा पिछे हटा दिया।
वो कातिल निगाहों से मेरी आंखों में घूर रही थी।
फिर उसने अपनी टांगे चौड़ी की और मेरी जांघों पर बैठ गई और अपने हाथ मेरी सिर के पिछे रखकर मेरे लबों को अपने लबों में कैद कर लिया और चूसने लगी।
मैंने फिर से अपने हाथ उसकी कमर पर रखने चाहे, पर उसने हाथों को हटा दिया और अपना वजन मेरे उपर डाल दिया। गिरने से बचने के लिए मैंने अपने हाथ सहारे के लिए पिछे बेड पर टिका दिये और थोड़ा सा पिछे की तरफ झुक गया।
सोनल मेरे उपर छाती ही जा रही थी। उसके घुटने बेड पर रखे थे और पैरों के पंजे बाहर की तरफ हवा में उठे हुए थे।
वो कभी मेरे उपर वाले होंठ को चूस रही थी तो कभी नीचे वाले होंठ को। ऐसा लग रहा था कि आज मेरे होंठों का सारा रस चूस कर ही दम लेगी।
उसने मेरे उपर वाले होंठ को अपने होंठों के बीच दबा लिया और जोरों से चूसने लगी। मैंने मौका का फायदा उठाते हुए उसके नीचे वाले होंठ को अपने होंठों में दबा लिया। उसने तुरंत अपने होंठ मुझसे अलग किए और मेरी आंखों में देखते हुए मेरे गालों पर एक हल्का सा थप्पड़ जड़ दिया और फिर से मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैंने अपनी जीभ उसके होंठों के बीच घुसाने की कोशिश की तो उसने फिर से मेरे होंठों को चूसते चूसते ही मेरे गाल पर एक और चप्पत लगा दी। अबकी बार थोड़ा चरचरा(तीखा, जोर का) लगा था।
मैंने अपना और उसका सारा वजन एक हाथ पर सैट किया और एक हाथ को बेड पर से उठाकर उसकी कमर में ले गया और उसकी कमर और कुल्हों को सहलाने लगा, पर उसने मेरे हाथ को झटक दिया और फिर से मेरे गाल पर एक चप्पत लगा दी।
मैंने अपना हाथ वापिस पिछे बेड पर रख दिया सहारे के लिए। पर उसने अपने हाथ मेरे सिर पर से हटाये और मेरे हाथों को पकड़ कर साइड में खिंच दिया। मेरे हाथ हटते ही मैं सीधा बेड पर जाकर गिरा और मेरे साथ साथ सोनल मेरे उपर। उसके उभार मेरी छाती में दब गये और उसके मुंह से एक जोरदार आह निकली, साथ में मेरे मुंह से भी।
मेरे पैर बेड से नीचे लटक रहे थे और कोमल के घुटनों से नीचे के पैर बेड से बाहर थे और उपर की तरफ उठकर हवा में झूल रहे थे। उसने अपने मेरे हाथों कि उंगलियों में अपने हाथों की उंगलियां फंसा दी और फिर से मेरे लबों को अपने लबों से जकड़ लिया।
वो जंगली की तरह मेरे होंठों को चूस रही थी और अपनी योनि को मेरी जांघों पर रगड़ रही थी।
मैंने अपने हाथों को उसके हाथों से छुड़ाया और सीधे उसके कुल्हों पर रख दिये। मैं उसके कुल्हों को जोर जोर से मसलने लगा और अपनी उंगली को उसकी खाई में फिराने लगा। उसके कुल्हें एकदम ठंडे थे। मैंने अपनी उंगली उसके गुदा द्वार पर रखी और कुरेदने लगा। उसके शरीर ने एक झटका खाया। पर उसने फिर से मेरे हाथों को पकड़ लिया और अपने शरीर से एक तरफ हटा कर बेड पर रख दिये।
थोड़ी देर बाद वो उठी और साइड में बैठ गई। फिर मेरा हाथ पकड़कर मुझे भी बैठा दिया और मेरी टी-शर्ट को एक ही झटके में खींच कर मेरे शरीर से अलग कर दिया। फिर वो अपनी कोहनी के बल थोड़ी सी लेट गई और मेरी कमर में अपने होंठों से सहलाने लगी और अपने दांतों को चुभोने लगी।
मैंने अपने हाथ उसकी जांघों पर रख दिये, परन्तु उसने उन्हें एक तरफ झटक दिया।
मैंने फिर से अपने हाथ उसकी जांघों पर रख दिए और उसने फिर से झटक दिये। अबकी बार मैंने अपने हाथ सीधे उसकी योनि पर रखे और अपनी एक उंगली सीधी उसकी योनि में घुसा दी।
वो एकदम से उठी और मुझे पिछे की तरफ धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और मेरे पेट पर आकर बैठ गई।
उसकी योनि से निकलता रस मेरे पेट पर गिरकर नीचे की तरफ बहने लगा। मैंने अपने हाथ उसके तने हुए उभारों पर रख दिये, उसने मेरी तरफ आंख निकाल कर देखा और फिर से मेरे हाथ हटा दिये और मेरे उपर लेट गई।
मुझे भी तो------ मैंने इतना ही कहा था कि वह फिर से वापिस उठ कर बैठ गई और मेरी तरफ आंखें निकालते हुए अपने मुंह पर सीीइइइइइइइ करते हुए उंगली रख दी।
बेटा समीर आज तो तेरा ऐसा रेप होने वाला है कि तुझे मजा भी आयेगा, पर तू कुछ कर नहीं पायेगा, मैंने मन ही मन सोचा।
तभी वो अचानक से बेड के उपर खड़ी हो गई और अपने हाथ कमर पर रखकर मुझे घूरने लगी। मुझे लगा कि कहीं ये एकदम से मेरे उपर तो नहीं कूदेगी।
पर वो नीचे झुकी और मेरे पैर जो कि बेड से नीचे लटक रहे थे को पकउ़कर बैड पर खिंच लिये और मुझे अच्छी तरह बेड पर लेटा दिया।
फिर वो मेरे पैरों पर बैठ गई और मेरी कैपरी में अपने अंगूठे फंसाकर उसे नीचे सरका दिया और फिर धीरे धीरे पैरों से अलग कर दी। कैपरी के साथ ही साथ उसने मेरे अंडरवियर को भी शरीर से अलग कर दिया था। मेरा लिंग उछलकर बाहर आ गया और दो-तीन झटके खाकर मेरे पेट पर आकर झूलने लगा।
वो थोड़ी उपर की तरफ हुई और नीचे की तरफ झुक कर मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे खा जाने वाली नजरों से घूरने लगी।
उसने एक पल के लिए मेरी आंखों में देखा और फिर एकदम से मेरे पूरे लिंग को गलप कर गई। उसके होंठ मेरे लिंग के बेस पर टिके थे और मेरा पूरा लिंग उसके मुंह में था। मेरा सुपाड़ा उसके गले में जाकर फंस गया था। उसकी आंखों से आंसू निकल आये थे, पर उसने लिंग को बाहर नहीं निकाला।
फिर उसने जो किया उससे तो मैं सांतवे आसमान पर पहुंच गया और मेरे हाथ खुद ब खुद उठकर उसके सिर पर चले गये। पर उसने पहले की तरह मेरे हाथों को एक तरफ फेंक दिया।
उसने अपनी जीभ को मेरे लिंग पर लेपटा और एक झटके में पूरा लिंग मुंह से बाहर निकाल दिया। मैं तो बस मरने के करीब पहुंच गया। इतना आनंद आज तक महसूस नहीं किया था। मेरे कुल्हें उसके मुंह के साथ साथ उपर उठ गये और लिंग मुंह से निकलते ही वापिस बेड पर आ गिरे।
तुरंत ही उसने मेरे लिंग को फिर से पूरा अपने मुंह में भर लिया। अंदर जाते हुए उसकी जीभ की रगड़ मैं सहन नहीं कर पा रहा था और मेरी कमर हवा में उठ रही थी।
मजे में मेरी आंखें बंद हो चुकी थी और हाथ से चद्दर खींच चुकी थी। फिर उसने वापिस से जीभ को रगड़ते हुए मेरे लिंग को वापिस बाहर निकाल दिया और अगले ही पल वापिस जीभ से रगड़ते हुए मुंह के अंदर पूरा का पूरा लिंग। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। पर उसे इनकी कोई परवाह नहीं थी।
फिर उसने मेरे लिंग को पूरा मुंह में भरकर ऐसा अंदर की तरफ खींचा की मेरे लिंग वो सकिंग और उसके मुंह की वो गर्मी और जीभ का वो घर्षण सहन नहीं कर पाया और जोर जोर से पिचकारी मारनी शुरू कर दी।
उसे शायद पहले ही एहसास हो गया था कि मैं निकलने वाला हूं, उसने मेरे लिंग को पूरा अपने मुंह में समेट लिया था और मेरे लिंग से निकलते जूस सीधा उसके गले से उसके पेट में जा रहा था।
उसके होंठ बहुत ही जोरों से मेरे लिंग पर कसे हुए थे और उसकी जीभ लिंग को कुरेद रही थी।
मेरी कमर हवा में उठी हुई थी और आंखें बुरी तरह से बंद थी। लिंग से सारा रस चूसने के बाद उसने लिंग को हलका सा बाहर निकाला और उस पर लिपटा सारा रस पी जीभ से चाट कर गटक गई।
इतना रस निकाल कर मेरा लिंग अब सोना चाहता था, जिस कारण छोटा होना शुरू हो गया था।
मैंने अपनी आंखें खोली, लिंग सोनल के मुंह में ही था, और वो मेरी तरफ ही देख रही थी।
कुछ ही देर में मेरा लिंग मूंगफली जितना हो गया।
फिर उसने जो किया एक सेंकड में ही मेरा लिंग अपने विकराल रूप में आ गया। उसने मेरे लिंग को पूरा मुंह में भर रखा था, पर उसके साथ साथ उसने मेरी गोलियों को भी अपने मुंह में भर लिया, जिस कारण से मेरा लिंग तुरंत ही फिर से मैदान में गया और उसका पूरा मुंह इस तरह से भर दिया कि उसको लिंग को मुंह से बाहर निकालना पड़ा।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्करा दी। मैंने भी उसे एक स्माइल पास की और उसको पकड़ने के लिए अपने हाथ उठाने लगा, पर उसने गर्दन हिला कर मना कर दिया और मेरे हाथों को वापिस बेड पर पटक दिया।
वो उठी और मेरे जांघों पर बैठते हुए लिंग को अपनी योनि द्वार पर सैट किया और एकदम से बैठ गई। मेरी तो आहहहह ही निकल गई। पूरा लिंग एक ही बार में उसकी योनि में समा चुका था।
वो उपर उठी और फिर धम से बैठ गई। उसकी योनि ने लिंग को बुरी तरह जकड़ रखा था, जिससे अंदर बाहर होते हुए बहुत ही ज्यादा घर्षण हो रहा था, जिसे सहन नहीं कर पा रहा था।
वो जल्दी जल्दी मेरे लिंग पर उछलने लगी और अपने हाथ मेरे सीने पर रख दिये। कभी वो अपने सिर को झटकती जिससे उसके बाल लहरा जाते और कभी मेरी नजरों में नजरें डालकर उछलती रहती।
अचानक उसने अपनी योनि को कस के भींच लिया और आहहहह अअहहह करती हुई जोर जोर से उछलने लगी। उसकी योनि से निकलता हुआ पानी मेरे पेट और जांघों पर बह रहा था। उसकी योनि का गर्म पानी महसूस करके मेरा लिंग भी अपनी मस्ती में आया और अपने रस की बौछार कर दी। उसका शरीर अकड़ गया और वो कमान की तरह पिछे को झुक गई। उसके हाथ मेरे घुटनों पर रखे थे और उभार छत की तरफ अपना सिर उठाये हुए थे।
कुछ देर बाद हम नोर्मल स्थिति में आये और वो धम से मेरे उपर गिर गई। उसकी चूचियां मेरी छाती में दब गई और मेरे हाथ उसकी कमर पर पहुंच गये। वो मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर आराम से सांसें नोर्मल करने लगी। मेरे हाथ उसकी कमर को सहला रहे थे।
आई लव यू------- अचानक उसके मुंह से निकला, और उसने मेरे गले में अपनी बांहें डाल दी और आंखें बंद कर ली।
मैंने भी उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और जोर भींच कर अपनी आंखें बंद कर ली।
दरवाजा खुलने की आवाज सुनकर मेरी आंख खुली और मैंने सिर उठाकर दरवाजे पर देखा तो मुस्कराए बिना न रह सका।
सोनल सो चुकी थी शायद।
दरवाजे पर तान्या खड़ी थी। वो दरवाजा खोलकर अंदर आ गई। मैं देखकर हैरान रह गया कि उसके साथ रूपाली भी थी।
अब तो लगता है सुबह शाम एक ही काम रह गया है इसके पास, तान्या ने सोनल के कुल्हों पर एक चप्पत लगाते हुए कहा।
रूपाली कुछ शर्मा रही थी और दरवाजे पर ही खड़ी हुई चोर नजरों से हमारी तरफ देख रही थी।
तान्या की चप्पत के कारण सोनल की नींद खुल गई थी। वो उंहहहह करते हुए थोड़ा सा हिली।
सोने दो ना, नींद आ रही है, कहते हुए फिर से आंखें बंद कर ली।
बड़ी मस्ती चढ़ रही है, आंटी से कहकर लड़का ढूंढना पड़ेगा अब तो, तान्या ने अपना चेहरा उसके कान के पास करते हुए कहा।
सोनल एक झटके से उठकर बैठ गई और तान्या की तरफ देखने लगी।
तुम कब आई, सोनल ने तान्या को देखकर कहा।
तभी उसकी नजर दरवाजे पर खड़ी रूपाली पर पड़ी और सोनल ने जल्दी से चद्दर उठाकर अपने उपर कर ली।
तू वहां क्यों खड़ी है, अंदर कोई तुझे खायेगा नहीं, सोनल ने रूपाली से कहा।
तान्या और रूपाली को देखकर मेरा लिंग तो पहले ही मैदान में आने के लिए तैयार हो चुका था।
रूपाली भी तान्या के पास आकर खड़ी हो गई। उसकी नजरें मेरे तने हुए लिंग पर ही टिकी हुई थी।
कब से तेरा फोन ट्राई कर रही हूं, पर कोई जवाब नहीं, तान्या ने सोनल की चदद्र को खिंचते हुए कहा।
वो फोन नीचे ही रखा है, सोनल ने उंघते हुए जवाब दिया और चदद्र को तान्या से छुड़ाकर अपने उपर कर लिया।
वो तो मुझे आंटी ने ही बता दिया था कि मोबाइल तो घर पर ही है, पर सोनल का पता नहीं कहां है, तान्या ने सोनल को अपने कुल्हों से सरका कर बेड पर बैठते हुए कहा।
आधे घंटे से हम नीचे बैठे थे, कि मैडम पता नहीं कहां गई है आ जाये आ जाये, पर मैडम तो यहां मस्ती में सो रही है, तान्या ने सोनल के कंधे पर अपनी ठोडी रखते हुए कहा।
वो तो मैंने सोचा कि तब तक समीर से ही मिल लेते हैं, और उपर आ गई, और देखों मैडम जी तो यहां पर ऐश कर रही है, तान्या ने फिर कहा और अपना एक हाथ चद्दर के अंदर डालकर सोनल की चूची पर कस दिया।
सोनल के मुंह से एक आहहह निकल गई, पर रूपाली के सामने उसने जाहिर नहीं की और अंदर ही दबा गई।
तान्या ने रूपाली को हाथ पकड़ा और खींचकर उसे बेड पर गिरा दिया। रूपाली बेड पर आकर गिरी और बैलेंस न बना पाने के कारण उसके होंठ सीधे मेरे खड़े हुए लिंग पर आकर टकरा गये।
मेरे शरीर में एकदम करण्ट दौड गया। रूपाली कुछ पल तक मेरे लिंग को महसूस करती रही और फिर उठकर बेड पर आराम से बैठ गई।
क्या बात है, क्या बात है, बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा, सीधे होंठों से चख लिया, तान्या ने रूपाली पर ताना कसते हुए कहा।
रूपाली शरमा गई और अपनी गर्दन नीचे करके मुस्कराने लगी।
अच्छा सुन मैं घर पर बोलकर आई हूं कि सोनल के घर पर पार्टी है, वहां पर जा रही हूं, और अगर लेट हो गई तो वहीं सो जाउंगी, और रूपाली को भी साथ ले आई ताकि पापा को शक ना हो, तान्या ने सोनल से कहा।
पर यहां तो कोई पार्टी नहीं है, सोनल ने कहा।
पता है मेरी जान, पर मेरा बहुत मन कर रहा था समीर के साथ सोने का, इसलिए, तान्या ने सफाई दी।
पर रूपाली------ सोनल ने कहा।
अरे टैंशन मत लो, मैंने इसकी मम्मी को भी बोल दिया कि शायद रात को नहीं आ पायेंगे, और जब से मैंने इसको बताया है उस रात वाला किस्सा तो ये भी मरी जा रही है अपनी का उद्घाटन करवाने के लिए, तान्या ने चहकते हुए कहा।
उसकी बात सुनते ही मेरा पप्पू तो कुलाचे भरने लगा, और फूल कर कुप्पा हो गया।
जब सोनल की नजर उस पर पड़ी तो, मेरे गालों पर एक चांटा रसीद कर दिया।
एक से मन नहीं भरता इन लड़कों का कभी भी, नई लड़की देखी नहीं कि लगे राल टपकाने,,, सोनल ने मेरे पप्पू को घूरते हुए कहा।
अच्छा ठीक है, नीचे चलो मैं अभी फ्रेश होकर आती हूं, सोनल ने बेड से उठते हुए कहा और बाथरूम में घुस गई।
क्रमशः.....................
|