RE: kamukta Sex Kahani पत्नी की चाची को फँसाया
करीब एक घंटे के बाद सासूजी कमरे से बाहर आईं.. तो मैं उन्हें देखता ही रह गया।
उन्होंने लाल रंग की साड़ी और मैचिंग का ब्लाउज पहना हुआ था।
इस उम्र में भी वो इतनी सेक्सी और हॉट लग रही थीं कि एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं उन्हें अपनी बाँहों में ले लूँ.. लेकिन फिर ख्याल आया कि आज तो उनके साथ शादी है.. फिर सुहागरात भी मनानी है।
तो मैंने अपने आपको संभाला और उसे देखता रहा।
वो आकर बोलीं- राज.. मैं तैयार हूँ और शर्मा कर बोलीं- राज डार्लिंग.. मैं कैसी लग रही हूँ?
तब मैं बोला- तुम इतनी सुंदर लगती हो कि तुम्हें अपनी बाँहों में समाने को जी चाहता है।
तब वो बोलीं- थोड़ी देर और धीरज रखो मेरे होने वाले पति.. कुछ ही पल बाकी हैं, एक बार हमारी शादी हो जाए.. फिर मैं ऊपर से नीचे तक आपकी ही हूँ.. तब आप जो चाहे कर लेना।
मैंने कहा- ओके मेरी प्रिया डार्लिंग.. तब वो मुस्कुराने लगी।
शादी की सारी विधि मैंने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर ली थी।
फिर मैंने अग्नि जलाई और मोबाइल चालू करके विधिपूर्वक हम दोनों ने शादी की।
मैंने सासूजी की सूनी माँग में सिंदूर भरा और उसे मंगलसूत्र पहनाया। तब वो भी एक नई दुल्हन की तरह मेरे पैर छूने को नीचे झुकी.. मैंने उनके कन्धों को पकड़ कर उन्हें खड़ा किया और अपनी बाँहों में भर लिया।
मैंने बोला- प्रिया.. तुम्हारी जगह मेरे पैरों में नहीं.. मेरे दिल में है।
मैंने उसे कस कर जकड़ लिया।
सासूजी ने भी मुझे कस कर जकड़ा.. करीब दस मिनट तक हम एक-दूसरे के आलिंगन में बंधे रहे।
अब तक रात के 8 बज चुके थे.. फिर हमने साथ मिल कर खाना खाया और घर का सारा काम निपटाने में और 1 घंटा चला गया।
रात के 9 बज चुके थे.. मैंने सासूजी को फूलों की थैली दी और सासूजी हमारी सुहाग की सेज सजाने अन्दर चली गईं।
थोड़ी देर बाद सासूजी ने आवाज़ दी- सुनते हो जी.. बिस्तर लग चुका है..
मैंने बाहर के कमरे की लाइट और टीवी ऑफ किया और सासूजी के साथ सुहागरात मानने उस कमरे में चला गया जिधर सुहाग की सेज तैयार थी। सासूजी भी मेरा बेसब्री से इंतज़ार कर रही थीं।
मैंने सासूजी को खड़ा किया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया और मैंने उनके गालों पर.. कान पर.. चुम्बन किया और फिर सासूजी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
मैं करीब 10 मिनट तक उन्हें चुम्बन करता रहा और करीब आधे घंटे तक हम दोनों एक-दूसरे के शरीर को चूमते रहे।
वो कह रही थी- राज.. आपने मुझे बहुत तड़फाया है।
मैं भी उन्हें सेक्सी अंदाज़ में जवाब दे रहा था- प्रिया.. तूने भी मुझे बहुत तड़फाया है.. जबसे मैंने तुम्हें देखा है तब से कोई दिन ऐसा नहीं गया होगा कि मैंने तुम्हें ख्बावों में ना चोदा हो..
मेरे मुँह से ये सुनकर वो भी अपने चेहरे पर कामुकता लाकर बोलीं- राज.. मैं भी कब से आपके पास चुदवाना चाहती थी.. लेकिन बदनामी से डर रही थी। ये भगवान की मर्ज़ी ही है कि मेरी चूत और आपके लण्ड को.. ज्योति की वजह से एक-दूसरे को मिलने का मौका मिला है और यह मौका मैं गंवाना नहीं चाहती हूँ।
फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी और उसने भी मेरी शेरवानी निकाल दी।
अब वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में और मैं पज़ामे में था।
हम दोनों खड़े थे.. फिर मैं खड़े-खड़े ही उसके पीछे गया और पीछे से उसे अपनी बाँहों में समा लिया और उसके गले को चुम्बन करने लगा।
मेरे दोनों हाथ उसकी दोनों चूचियों पर थे.. मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही उसकी चूचियां थोड़ी सख़्त हो गईं।
फिर मैंने अपने दोनों हाथों की पहली दो-दो ऊँगलियों के बीच में उनके निप्पल को पकड़ लिया और ऊँगलियों से मसलने लगा।
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