RE: kamukta Sex Kahani पत्नी की चाची को फँसाया
मैंने उनसे कहा- ऐसे कपड़ों के साथ मैं तेल लगा नहीं पाऊँगा.. और वैसे भी नीचे का हिस्सा अभी बाकी रह गया है।
तब वो समझ गईं और अन्दर के कमरे में जाकर सिर्फ़ पेटीकोट और ब्रा पहन कर और अपने बालों को खोल कर आ गईं।
जब वो आईं.. तो ऐसा लग रहा था कि जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आई हो।
लेकिन वो बहुत शर्मा रही थीं.. फिर भी वो आकर चौकी पर बैठ गईं..
फिर मैंने उनके बालों में तेल लगाया और कुछ तेल अपने हाथ पर लिया और उनके कन्धों पर लगाने लगा।
उनके कंधे की त्वचा एकदम मखमली रज़ाई जैसी थी और कंधे पर तेल लगाते-लगाते.. मैं उनके मम्मों के ऊपरी हिस्सों में तेल लगाने लगा। उनके मम्मे ब्रा में समा नहीं पा रहे थे और उभर कर बाहर आने को बेताब थे।
फिर मैं तेल हाथ में लेकर उनकी पीठ पर लगाने लगा।
ओह.. उनकी त्वचा का स्पर्श एकदम सुखदायी था।
सासू भी अब मेरे हाथ के स्पर्श का आनन्द ले रही थीं। वो कुछ बोल तो नहीं रही थीं.. पर उनका चेहरा लाल हो चुका था।
अब बारी थी उनके गुप्त अंगों की.. और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे आगे बढूं।
तब मैंने उन्हें कहा- आपको अगर शर्म आ रही हो.. तो अपनी आँखों पर पट्टी लगा दीजिए.. क्योंकि मैंने आपके पूरे शरीर को तो तेल लगा दिया है अब सिर्फ़ आपके गुप्त अंग ही बाकी हैं।
मेरे मुँह से ये सुनते ही उनका चेहरा और लाल हो गया और उन्होंने अपनी आँखों पर पट्टी लगा ली।
फिर मैंने अपने दोनों हाथों में तेल लिया और उनके पीछे जाकर मेरे लण्ड को उनकी गाण्ड से सटा कर उनकी ब्रा में ऊपर से हाथ डाला.. जैसे ही मेरे हाथ ने उनके मम्मों को छुआ.. हम दोनों के शरीर कँपने लगे।
फिर मैंने अपना हाथ उनके मम्मों पर रखा.. मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, मैं अपने दोनों हाथों को उनके दोनों मम्मों पर धीरे-धीरे घुमाने लगा.. उनके निप्पल सख़्त हो गए थे।
उनको भी मेरे हाथों का स्पर्श अच्छा लग रहा था.. इसलिए उन्होंने अपनी गाण्ड को थोड़ा और पीछे किया जिसकी वजह से मेरा लण्ड उनकी गाण्ड के और पास आ गया और उनकी दरार से चिपक गया।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने तेल लगा कर अपने हाथ को बाहर खींच लिए.. फिर वापिस मैंने तेल लिया और उनके पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल कर सीधा उनकी गाण्ड पर रख दिया।
मेरा हाथ गाण्ड पर लगते ही वो थोड़ी सहम सी गईं.. और शायद उन्हें भी ये सबसे अच्छा लग रहा था और वे आनन्द ले रही थीं।
फिर मैंने हाथ में और तेल लिया और उनके दोनों चूतड़ों पर बारी-बारी से तेल लगाया। मेरे मन में एक अजीब सी हलचल हो रही थी और लण्ड एकदम तन्नाया हुआ था। फिर मैंने गाण्ड की दरार में तेल लगाया और वहाँ से हाथ हटा लिया।
अब उन्होंने एक बड़ी सी साँस ली क्योंकि वो जान चुकी थीं कि अब तेल कौन सी जगह पर लगना है।
मेरा लण्ड अन्दर ही अन्दर फड़फड़ा रहा था।
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