RE: Hindi Sex Stories दोस्त का परिवार
और भुवा की नज़र बार बार मेरे लंड पर जा रही थी. लेकिन उन्होने कुच्छ नही कहा और बीच बीच मे उसकी नज़र मेरे लंड पर ही जा रही थी. खाना खाने के बाद भुवा बर्तन धोने लगी जब वो झुककर बर्तन धो रही थी तो मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स सॉफ नज़र आ रहे थे. उन्होने केवल ब्लाउस पहना हुवा था. बर्तन धोने के बाद उन्होने कमरे मे आकर चटाई बिच्छा दी और बोली “चलो थोड़ी देर आराम करते हैं” मैं चटाई पर आकर लेट गया. भुवा बोली “बेटे आज तो बड़ी गर्मी हैं” कहा कर उन्होने अपनी सारी खोल दी और केवल पेटिकोट और ब्लाउस पहन कर मेरे बगल में आकर उस तरफ करवट कर के लेट गयी.
आचनक मेरी नज़र उनके पेटिकोट पर गयी. उनकी दाहिनी ओर की कमर पर जहाँ पेटिकट का नाडा बँधा था वाहा पर काफ़ी गेप था और गेप से मैसे उनकी कुछ कुछ झांते दिखाई दे रही थी. अब मेरा लंड लूंघी के अंदर हरकत करने लगा. थोड़ी देर बाद भुवा ने करवट बदली तो मैने तुरंत आँखे बंद करके सोने का नाटक करने लगा. थोड़ी देर बाद भुवा उठी और मकान के पिछे चल पड़ी. मैं उत्साह के कारण मकान की खिड़की पर गया.
खिड़की बंद थी लेकिन उसमे एक सुराख था मैने सुराख पर आँख लगाकर देखा तो मकान का पिच्छला भाग सॉफ दिखाई दे रहा था. भुवा वहाँ बैठ कर पेसाब करने लगी पेशाब करने के बाद भुवा थोड़ी देर अपनी चूत सहलाती रही फिर उठकर मकान के अंदर आने लगी. फिर मैं तुरंत ही अपने स्थान पर आकर लेट गया. भुवा जब वापस मकान में आई तो मैं भी उठकर पिच्छली तरफ पेसाब करने चला गया. मैं जान बूझ कर खिड़की की तरफ लंड पकड़ कर पेसाब करने लगा मैने महसूस किया कि खिड़की थोड़ी खुली हुई थी और भुवा की नज़र मेरे लंड पर थी. पेसाब करके जब वापस आया तो देखा भुवा चित लेटी हुई थी. मेरे आने के बाद भुवा बोली बेटे आज मेरी कमर बहुत दुख रही हैं. क्या तुम मेरी कमर की मालिश कर सकते हो ? मैने कहा क्यों नही. उसने कहा ठीक हैं सामने तेल की शीशी पड़ी हैं उसे लाकर मेरी कमर की मालिश कर देना. और फिर वो पेट के बल लेट गयी.
मैं तेल लगा कर उनकी कमर की मालिश करने लगा. वो बोली बेटे थोड़ा नीचे मालिश करो. मैने कहा भुवा थोड़ा पेटिकोट का नाडा ढीला करोगी तो मालिश करने में आसानी होगी और पेटिकोट पर तेल भी नहीं लगेगा. भुवा ने पेटिकोट का नाडा ढीला कर दिया अब मैं उनकी कमर पर मालिश करने लगा. उन्होने और थोडा नीचे मालिश करने को कहा. मैं थोडा नीचे की तरफ मालिश करने लगा. थोड़ी देर मालिश करने के बाद वो बोली बस बेटे और नाडा बंद कर लेट गयी. मैं भी बगल में आकर लेट गया. अब मेरा दिल और दिमाग़ कैसे चोदा जाए यह विचार करने लगा. आधे घंटे के बाद भुवा उठी और सारी पहन कर अपने काम में लग गयी.
शाम को करीब 6 बजे हम घर पहुँचे. घर पहुँचकर मैने कहा मा में बाजार जा रहा हूँ. 1 घंटे बाद आ जाउन्गा यह कहकर मैं बाज़ार की ओर निकल पड़ा रास्ते में मैने सराब की दुकान से बियर की बॉटल्स ले आया. घर आकर हाथ पैर धो कर केवल लूँगी पहन कर दूसरे कमरे में जाकर बियर पीने लगा.
एक घंटे में मैने 4 बॉटल बियर पी ली थी और बियर का नशा हावी होने लगा. इतने मे भुवा ने खाने के लिए आवाज़ लगाई. हम सब साथ बैठ कर खाना खाने लगे. खाना खाने के बाद मैं सिगरटे की दुकान जाकर सिगरटे पीने लगा जब वापस आया तो आँगन मे सब बैठ कर बातें कर रहे थे. मैं भी उनकी बातों मे शामिल होगया और हँसी मज़ाक करने लगा.
बातों बातों में भुवा मा से बोली “भाभी दीनू बेटा अच्छी मालिश करता हैं आज खेत में काम करते करते अचानक मेरी कमर मे दर्द उठा तो इसने अच्छी मालिश की और कुच्छ ही देर में मुझे आराम आगया” मा हंस पड़ी और मेरी तरफ अजीब नज़रों से देखने लगी.
मैं कुच्छ नही कहा और सिर झुका लिया. करीब आधे घंटे के बाद बहन और भुवा सोने चली गयी. मैं और मा इधर उधर की बातें करते रहे. करीब रात 11 बजे मा बोली बेटा आज तो मेरे पैर दुख रहे हैं. क्या तुम मालिश करदोगे.
दीनू :हां क्यूँ नही. लेकिन आप केवल सुखी मालिश कारवाओगी या तेल लगाकर
मा: बेटा अगर तेल लगा कर करोगे तो आसानी होगी और आराम भी मिलेगा
दीनू : ठीक है, लेकिन तेल अगरसरसों का हो तो और भी अच्छा रहेगा और जल्दी आराम मिलेगा.
फिर मा उठ कर अपने कमरे मैं गयी और मुझे भी अपने कमरे में बुला लिया. मैने कहा आप चलिए मैं पेसाब करके आता हूँ. मैं जब पेसाब करके उनके कमरे में गया तो देखा मा अपनी सारी खोल रही थी. मुझे देख कर बोली बेटा तेल के दाग सारी पर ना लगे इसलिए सारी उतार रही हूँ. वो अब केवल ब्लाउस और पेटिकोट में थी और मैं बनियान और लूंघी में था. मा तेल की डिबी मुझे देकर बिस्तर पर सोगयी.
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