Hot Sex stories एक अनोखा बंधन
07-16-2017, 10:21 AM,
#83
RE: Hot Sex stories एक अनोखा बंधन
78

अब आगे ....

माँ रिक्क्षे पर बैठ चूँकि थी और रिक्क्षे वाला धीरे-धीरे पेडल मारता हुआ चलने लगा था, पिताजी आगे-आगे चल रहे थे| मैं सबसे पीछे चल रहा था और ,मैंने पीछे मुड़ के एक बार भौजी को देखा तो भौजी मेरी ओर बढ़ रहीं थी|

मैं: आप कहाँ?

भौजी: आपको छोड़ने?

मैं: अरे Main रोड तक कहाँ जाओगे? वो भी इस हालत में?

पिताजी: हाँ-हाँ बहु तुम आराम करो! अजय है ना....

मैं भौजी का दिल नहीं तोडना चाहता था...इसलिए मैंने बात को संभाल लिया|

मैं: चलने दो पिताजी...थोड़ी कसरत ही हो जाएगी इनकी|

माँ: ना बहु...तुम आराम करो...ऐसी हालत में ज्यादा म्हणत नहीं करनी चाहिए... फिर Main रोड यहाँ से बीस-पच्चीस मिनट दूर है| इतना चलोगी तो थक जाओगी|

भौजी: माँ...बस चौक तक|

मैं: (चौधरी बनते हुए) ठीक है!

हम धीरे-धीरे चलने लगे| आगे-आगे पिताजी ओर अजय भैया थे| उनके पीछे-पीछे रिक्क्षे वाला ओर सबसे पीछे मैं, भौजी और नेहा|

मैं: देखो मेरे जाने के बाद अगर आप बीमार पड़े तो मैं अगली फ्लाइट पकड़ के यहाँ आ जाऊँगा| ठीक से खाना ...और कोई भी म्हणत वाला काम मत करना| और कल ही अपने मायके चले जाना?

भौजी: जी (भौजी का गाला भर आया था)

मैं तो ये बातें इस लिए कह रहा था की उनका मन इधर-उधर लग जाए| इधर हम चौक पे पहुँच गए थे|

मैं: अच्छा आप मेरा इन्तेजार करोगे ना?

बस मेरा इतना कहना था की भौजी मुझसे लिपट गईं और रोने लगीं| मैं उनकी पीठ सहलाते हुए उन्हें चुप कराने लगा| अब रोना तो मुझसे भी कंट्रोल नहीं हुआ पर किसी तरह पहले उन्हें चुप कराया और उनके माथे को चूमा| उनके आँसूं पोछे और उन्होंने मेरे आँसूं पोछे...फिर हम दोनों ने अपने सर एक दूसरे से भिड़ा दिया;

मैं: बस जान.... अब और नैन रोना| मैं जल्दी आऊँगा...ठीक है|

भौजी: मैं आपका इन्तेजार करुँगी जानू...

मैं: Now Smile !

भौजी मुस्कुराईं और मैं नसे दो कदम पीछे चलता हु दूर हुआ और हाथ हिला के Bye कहा| नेहा और भौजी दोनों हाथ हिला के Bye कहने लगे| मन को तसल्ली हुई की चलो कम सेकम जाते हुए उनका हँसता हुए चेहरे की "याद" अपने साथ लेके जा रहा हूँ| मैं रिक्क्षे में बैठा और पिताजी अजय भैया की साइकिल में पीछे बैठे और हम तीजी से Main रोड की ओर बढे| हम Main रोड पहुंचे और वहाँ दो मिनट में ही बस आ गई| भैया ने सामान अंदर रखा और मैंने जाते-जाते उन्हें फिर से याद दिल दिया की वो अपना फोन भौजी को अवश्य दे दें और उन्होंने गर्दन हिला के हामी भरी|

बस ने हमें लखनऊ उतारा ...अभी घड़ी में तीन बजे थे और ट्रैन रात दस बजे की थी| मेरा मन अब भी अंदर से उदास था और वो भाग के भौजी के पास जाना चाहता था! पिताजी ने मेरा मन बहलाने के लिए लखनऊ घूमने का प्लान बना डाला| मेरा मन तो नहीं था पर मैं पिताजी और माँ का दिल नहीं तोडना चाहता था| इसलिए मैंने चेहरा ऐसा बनाया ...या ये कहें की मैंने अपने मुँह पे excitement का मुखौटा पहन लिया और लखनऊ घूमने लगा| बड़ा इमाम बाड़ा...छोटा इम्माम बाड़ा... प्रेसीडेंसी और शहीदी पार्क...बस इतना ही घूम पाये| फिर हमने चाय पि और स्टेशन आ गए| रात के साढ़े नौ बजे ट्रैन स्टेशन पे लग गई और हम अपनी सीट पे बैठ गए| जब हम गाँव आ रहे थे तो मन में कितनी ख़ुशी थी...कितनी excitement थी पर जाते समय ...बड़ी उदासी और तन्हाई थी| बस एक बात थी की मैं आया खाली हाथ था और जाते समय भौजी की जिंदगी खुशियों से भर के जा रहा था| और अपने साथ भौजी और नेहा के साथ बिठाये सुखी पलों की माला ले जा रहा था|

बैठे-बैठे याद आया की भौजी को फोन तो कर लूँ| मैंने तुरंत फोन मिलाया पर फोन बंद था! मैं हर आधे घंटे बाद कोशिश करता रहा पर फोन बंद आ रहा था| दिल ने कहा यार अभी तुझे भौजी को अकेले छोड़े हुए कुछ घंटे ही हुए हैं और अभी से इतनी परेशानिया खड़ी हो गईं हैं तो तब क्या होगा जब तू दिल्ली पहुँच जाएगा? फिर सोचा की हो सकता है की अजय भैया के फोन की बैटरी खत्म हो गई हो? कल उनके मायके में ही फोन कर लूँगा और सारा हाल-चाल सुना दूँगा|| इतने में माँ ने खाना जो की भौजी ने पैक कर के दिया था वो निकाल लिया और खाने को कहा| खाना खाने के बाद मैं सबसे ऊपर वाली बर्थ पे लेट गया और भौजी की यादों में खो गया| उन्हें याद करते-करते, ट्रैन के झटकों को सहते हुए सो गया|

अगली सुबह उठा तो मुझे याद ही नहीं था की मैंने गाँव छोड़ दिया है...छोड़ आया मैं भौजी को अकेले....मैं उम्मीद कर रहा था की भौजी आएँगी और मुझे प्यार से उठाएँगी, Good Morning Kiss देंगी... तभ पिताजी की कड़क आवाज कान में पड़ी;

पिताजी: मानु...उठ जा ...स्टेशन आने वाला है|

तब जाके होश आया की ...मैं तो भौजी को अकेला छोड़ आया हूँ...ना यहाँ भौजी हैं और ना ही नेहा! कुछ देर बाद स्टेशन आ गए और हम ऑटो करके घर पहुँच गए| रास्ते में चार बार फोन मिलाया पर कुछ नहीं...फोन अब भी बंद था| घर पहुँचते ही मैं अपने कमरे में भाग गया और पिताजी का फोन छुपा के अपने पास रखा हुआ था| मैंने फिर से कोशिश की पर फोन बंद था| फिर मैंने सोचा की थोड़ा और रूक जाता हूँ.... बारह बजे तक भौजी अपने मायके पहुँच जाएँगी तब उनके भाई वाले नंबर से बात हो जाएगी|थोड़ी देर में पिताजी ने मुझे नीचे बोलया और अपना मोबाइल माँगा| फिर उन्होंने बड़के दादा को फोन किया और उन्हें बता दिया की हम ठीक-ठाक घर पहुँच गए हैं| पहले तो मैंने सोचा की मैं भी उनसे बात करूँ और इसी बहाने से भौजी से बात करूँ| पर फिर सोचा की भौजी ना तो बड़के दादा के पास आएँगी और बड़के दादा को भी ये थोड़ा अजीब लगेगा|

मैं बड़ी बेसब्री से बारह बजने का इन्तेजार करने लगा|नजरें घडी की टिक-टिक पे गड़ी हुई थीं| पर कमबख्त घडी जैसे थम गई थी| धीरे-धीरे घडी ने बारह बजाय और मैंने झट से पिताजी का फोन उठाया और अपने साले साहब का नंबर मिलाया|

अनिल: हेल्लो

मैं: हेल्लो...अनिल ...मैं मानु बोल रहा हूँ|

अनिल: नमस्ते जीजा जी...आप कैसे हैं? ठीक-ठाक पहुँच गए?

मैं: हाँ..हाँ... मेरी बात हो जाएगी...

अनिल: किससे?

मैं: अ...अ..... वो....आपकी दीदी से!

अनिल: जी.........आ....वो तो यहाँ नहीं हैं?

मैं: तो आप घर पे नहीं हो?

अनिल: नहीं...मैं तो यही हूँ| मतलब घर पे ही हूँ पर दीदी यहाँ नहीं आईं?

मैं: अच्छा? ok ....

अनिल: क्या दीदी न कहा था ई वो आएँगी?

मैं; नहीं..नहीं...शायद ....मतलब मुझे ऐसा लगा| खेर..मैं बाद में बात करता हूँ| बाय!

अनिल: बाय जीजा जी|

अब तो मुझे बहुत चिंता होने लगी थी| मैंने सोहा की चलो एक बार और अजय भैया का नंबर मिला के देखूं| किस्मत से नंबर मिल गया और पहली घंटी बजते ही भौजी की आवाज सुनाई दी;

भौजी: हेल्लो....

मैं: हेल्लो (मेरी आवाज में चिंता झलक रही थी)

भौजी: जानू....जानू...आप कैसे हो? आपकी आवाज सुनने को तरस गई थी|

मैं: ठीक हूँ... कल रात से छत्तीस बार नंबर मिला चूका हूँ ...पर फोन switch off जा रहा था|

भौजी: हाँ फोन की बैटरी खत्म हो गई थी...अभी-अभी अजय भैया फ़ोन चार्ज करा के लाये और मुझे दे दिया| सारी रात सो नहीं पाई.... करवटें बदलती रही.... आपकी आवाज ने सोने नहीं दिया|

मैं: चिंता से मेरी जान जा रही थी... और ये बताओ की आप अब तक यहीं हो?

भौजी: जी....वो..... फोन तो किया था अनिल को...पर वो आया नहीं!

मैं: जूठ बोल रहे हो ना?

भौजी: जी ....वो.....

मैं; मेरी अभी बात हुई थी अनिल से...उसेन बताया की आपने आने का कोई संदेसा ही नहीं भिजवाया तो वो आता कैसे आपको लेने?

भौजी: सॉरी जानू...मुझे याद नहीं रहा...कल आप चले गए और आज मैं चली जाती तो.... घर कौन संभालता?

मैं: घर संभालने के लिए "वो" (रसिका) है ना... आप कल मुझे अपने मायके में मिलने चाहिए? वरना कल रात की गाडी पकड़ के आ रहा हूँ!

भौजी: तो आ जाओ ना....

मैं: सच?

भौजी: नहीं बाबा.... मैं कल चली जाऊँगी| और वहाँ पहुँचते ही आपको फोन करुँगी|

मैं: जब तक आप फोन नहीं करोगे मैं कुछ नहीं खाऊँगा...

भौजी: नहीं..नहीं.. ऐसा मत कहो!

मैं: नहीं मैं कुछ नहीं जानता...कल आप अगर अपने मायके नहीं पहुंचे तो?

भौजी: ठीक है बाबा...

मैं: और हाँ....इसी तरह मुस्कुराते रहना| I Love You !

भौजी: I Love You Too !

मैंने फोन रखा और दिल को अब थोड़ा सकून मिला|

मैंने अपने दोस्तों को फ़ोन मिलाया और उन्हें अपने आने की सुचना दी| अब तो मेरे सामने Holiday Homework का पहाड़ पड़ा हुआ था| डेढ़ महीना मैंने ऐसे ही गुजार दिया...पर हाँ ये डेढ़ महीना वो समय था जिसने मेरी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया था| इन डेढ़ महीनों में मुझे एक पत्नी...एक अच्छी दोस्त, एक प्यारी सी बेटी और एक आने वाले नए मेहमान के आने की ख़ुशी दी थी| इतनी खुशिया वो भी डेढ़ महीने में? कौन यकीन करेगा?

मैंने इस बात को अपने दोस्तों से राज रखने का सोचा, सिवाय एक के ... मेरा सच्चा दोस्त...जिसके बारे में मैंने कहानी में बताया था जब मैंने भौजी को भगा ले जाने का फैसला किया था| अगले दिन हम पार्क में मिले और मैंने उसे सब सच बता दिया| मतलब हमारे सम्भोग के बारे में इतना डिटेल में नहीं बताया जितना आप लोगों को बताया है| उसका कहना था की भाई इस रिलेशन का कोई नाम या अंत नहीं है...ये ऐसा रिलेशन है जो शादी के बाद भी जारी रह सकता है पर उसे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कहते हैं| चूँकि ये सुनने में बहुत बुरा लगता है तो तू जैसे अभी चलरहा है वैसे चलने दे, जबतक तेरी शादी नहीं होती| शादी के बाद तू इस रिश्ते को खत्म कर दियो! उसका कहना बिलकुल सही था...पर अगर ये रिश्ता इतनी आसानी से टूट जाता तो बात ही क्या थी| खेर अभी मैंने Holiday Homework पे फोकस कर रहा था, वरना स्कूल में टीचर मेरी वाट लगा देते| और वैसे भी मैं जितना भौजी से प्यार करता था, उतना ही मैं पढ़ाई से भी करता था| मैं नहीं चाहता था की पढ़ाई को लेके भौजी चिंता करें| इसलिए मैंने उस दिन से खुद को पढ़ाई में झोंक दिया| दिन में एक घंटा फ्री रखता था ताकि भौजी से फोन पे बात कर सकूँ! पर उसमें भी दिक्कत थी, मेरे पास खुद का फोन नहीं था, हमेशा पिताजी के आने का इन्तेजार करता था| खेर उसका भी रास्ता मैंने निकाल लिया, मैंने सुबह-सुबह पार्क में पिताजी का फोन चुरा के ले जाता और यहां से भौजी को फोन करता था| पर उस समय STD कॉल दो रुपये प्रति मिनट की होती थी, इसलिए पिताजी से पॉलकेत मनी जो मिलती थी, उसका रिचार्ज करवाता था| पैसे कम पड़े तो अपने जिगरी दोस्त से ले लेता था|

अगले दिन जब सुबह०सुबह मैंने फोन किया तो भौजी अपने मायके पहुँच गईं थीं पर फोन उनके पास नहीं बल्कि अनिल के पास था| उसने बताया की वो दोपहर तक पहुंचेगा| अब फिर से मन बेसब्र हो गया और उनकी आवाज सुनने को तड़पने लगा| | खेर दोपहर में जब पिताजी भोजन करने घर आये तो मैंने उनका फोन चुराया और भौजी को मिलाया|

किस्मत से इस बार बात हो गई;

मैं: हेल्लो ...

भौजी: हेल्लो जानू.....

मैं: कैसे हो?

भौजी: आपके बिना....बस समय काट रही हूँ! कब आ रहे हो आप?

मैं: यार जैसे ही स्कूल खुलेंगे मैं जुगाड़ लगा के पता करता हूँ की दशेरे की छुटियाँ कब हैं, फिर तुरंत टिकट बुक करवा लूंगा|

भौजी: और प्लीज ... इस बार कोई सरप्राइज प्लान मत करना!

मैं: जानता हूँ...उस दिन जब आपको सरप्राइज दिया था तो आपकी क्या हालत थी....जानता हूँ|

भौजी: अच्छा ये बताओ, आपने खाना खाया?

मैं: अभी नहीं...

भौजी: तो पहले खाओ ...पता नहीं सुबह से कुछ खाया भी है या नहीं! फिर बाद में बात करते हैं|

मैं: यार, पिताजी अभी खाना खाने आये हैं और फिर चले जायेंगे.... तो बात कब होगी? रात में वो देर से आते हैं.... तो फिर कल सुबह तक कौन इन्तेजार करे|

भौजी: सच कहूँ तो मेरा मन करता है की भाग के आपके पास आ जाऊँ!

मैं: Hey ....मैं आ रहा हूँ ना...तो आपको भागने की क्या जर्रूरत है?

मैं: अच्छा...नेहा से तो बात कराओ?

भौजी: हाँ, अभी बुलाती हूँ.... कल से सौ बार पूछ चुकी है की पापा कब आएंगे...?

भौजी ने नेहा को आवाज लगाईं और अगली आवाज उसकी थी;

नेहा: हेल्लो

मैं: Awww मेरा बच्चा कैसा है?

नेहा: पापा ... I Love You So Much !

मैं: Awwww मेरा बच्चा ... किसने सिखाया ये? मम्मी ने?

नेहा: हाँ जी|

मैं: I Love You Too बेटा! कैसा है मेरा बच्चा?

नेहा: ठीक हूँ पापा...आप कब आ रहे हो?

मैं: बहुत जल्द बेटा...बहुत जल्द....और आपके लिए गिफ्ट भी लाऊँगा...

नेहा: सच पापा?

मैं: हाँ बेटा.... अब मम्मी को फोन दो!

भौजी: हाँ जी बोलिए जानू....

मैं: बहुत कुछ सीखा रहे हो मेरी बेटी को?

भौजी: हाँ...उसने ही पूछा था की I Love You का मतलब क्या होता है? तो मैंने बता दिया|

मैं: अच्छा जी?...उसने ये I Love You शब्द कहाँ सुन लिया?

भौजी: कितनी ही बार तो आप मुझे कहते थे...और मैं भी तो.....

बस इतनी ही बात हो पाई की पिताजी ने मुझे भोजन करने के लिए बुला लिया|

मैं: अच्छा मैं चलता हूँ...कल सुबह फोन करूँगा| बाय!

भौजी: ना...ऐसे नहीं... I Love यू कहो?

मैं: I Love You जान!

भौजी: I Love You Too जानू!

इसी तरह दिन बीतने लगे..और मैं रोज सुबह- शाम उन्हें फोन करने लगा| अब चूँकि मैं दशेरे पे उनसे मिलने जाने को उत्सुक था तो मैंने दोस्तों से बातों-ब्बातों में पूछा की दशेरे की छुटियाँ कब से हैं| तो वो लोग हँसने आगे... कहते, बेटा अभी तो गर्मियों की छुटियाँ खत्म हुई नहीं की तू दशेरे की सोच रहा है! गाँव में कोई बंदी बना ली है क्या, जिससे मिलने को इतना उत्सुक है? मैंने उनकी बात हँसी में टाल दी, अब ये तो सिर्फ मैं और मेरा जिगरी दोस्त जानता था की असल बात क्या है! खेर पर किस्मत को कुछ और मंजूर था..... स्कूल खुल गए और अब मैं उन्हें सुबह तो फोन कर नहीं पाटा केवल दोपहर में, स्कूल से आने पर ही फोन करता था| फिर एक दिन मैंने स्कूल में जुगाड़ लगाया और चपरासी से बातों-बातों में पूछा की दशेरे की छुटियाँ कब हैं तो उसने बताया की दस अक्टूबर से हैं| मैं तो ख़ुशी में उड़ने लगा और घर आते ही सोचा की ये खुश खबरी भौजी को दूँ! 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hot Sex stories एक अनोखा बंधन - by sexstories - 07-16-2017, 10:21 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,650,880 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 562,072 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,297,428 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 980,868 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,739,359 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,151,875 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,074,972 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,482,636 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,168,219 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 299,261 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)