RE: Chudai Kahani गाँव का राजा
"उफफफफफफ्फ़ मामी बस थोड़ा सा……."
"थोड़ा सा क्या……मुझे बहुत ज़ोर पेशाब लगी है……"
"वो नही मामी मैं तो बस थोड़ा छु कर……."
"ठीक है चल छु ले….पर एक बात बता चूत देख कर तेरा मन चाटने का नही करता…….."
"चाटने का…….."
"हा चूत चाटने का………देख कैसी पनिया गई है…..देख गुलाबी वाले छेद को…..ठहर जा पूरा फैला कर दिखाती हू…….देख अंदर कैसा पानी लगा है…इसको चाटने में बहुत मज़ा आता है……….चाटेगा…..चल आ जा.." और बिना कुच्छ पुच्छे उर्मिला देवी ने राजू के सिर को बालो से पकड़ कर अपनी चूत पर झुका दिया. राजू भी राज शर्मा की सेक्सी कहानियों को पढ़ कर जानता तो था ही कि चूत छाती और चूसी जाती है और इनकार करने का मतलब नही था क्या पता मामी फिर इरादा बदल दे इसलिए चुपचाप मामी के दोनो रानो पर अपने हाथो को जमा कर अपना जीभ निकाल कर चूत के गुलाबी होंठो को चाटने लगा. उर्मिला देवी उसको बता रही थी की कैसे चाटना है
"हा पूरी चूत पर उपर से नीचे तक जीभ फिरा के चाट…..हा ऐसे ही सस्स्स्स्स्स्स्सीईई ठीक इसी तरह से हाआअ उपर जो दाना जैसा दिख रहा है ना चूत की भग्नाशा है……..उसको अपनी जीभ से रगड़ते हुए हल्के हल्के चाट……सीईई शाबाश……बहनचोड़ टीट को मुँह में लीईए". राजू ने चूत के भग्नाशे को अपने होंठो के बीच ले लिया और चूसने लगा. उर्मिला देवी की चूतकी टीट चूसा वह मस्त हो कर पानी छोड़ने लगी. पहली बार चूत चाटने को मिली थी तो पूरा जोश दिखा रहा था. जंगली कुत्ते की तरह लफ़र लफ़र करता हुआ अपनी खुरदरी जीभ से मामी की चूत को घायल करते हुए चाटे जा रहा था. चूत की गुलाबी पंखुरियों पर खुरदरी जीभ का हर प्रहार उर्मिला देवी को अच्छा लग रहा था. वो अपने बदन के हर अंग को रगड़वाना चाहती थी, चाहती थी कि राजू पूरी चूत को मुँह में भर ले और स्लूर्र्ररर्प स्लूर्र्रप करते हुए चूसे. राजू के सिर को अपने चूत पर और कस के दबा कर सिस्याईीई "ठीक से चूस…..राजू बेटा……पूरा मुँह में ले कर………हा ऐसे ही…….सीईई मदारचोद्द्द्दद्ड….बहुत मज़ा दे रहा है………आआआआहााअ……सही चूस रहा है कुत्तीईई हाआअ ऐसे ही चूऊवस………..आआआअसस्स्स्सीई"
राजू भी पूरा ठर्की था. इतनी देर में समझ गया था कि उसकी मामी एक नंबर की चुदैल रंडी मदर्चोद किस्म की औरत है. साली छिनाल चूत देगी मगर तडपा तडपा कर. वैसे उसको भी मज़ा आ रहा था ऐसे नाटक करने में. उसने चूत के दोनो फांको को अपने उंगलियों से फैला कर पूरा चौड़ा दिया और जीभ को नुकीला कर के गुलाबी छेद में डाल कर घुमाने लगा. चूत एकद्ूम पासीज कर पानी छोड़ रही थी. नुकीली जीभ को चूत के गुलाबी छेद में डाल कर घुमाते हुए चूत की दीवारो से रिस रहे पानी को चाटने लगा. उर्मिला देवी मस्त हो गांद हवा में लहरा रही थी. अपने दोनो हाथो से चुचियों को दबाते हुए राजू के होंठो पर अपनी फुददी को रगड़ते हुए चिल्लाई
"ओह राजू…… मेरा बेटेयाआया…….बहुत मज़ा आ रहा है रे…..ऐसे ही चाट…पूरी चूत चाट ले……..तूने तो फिर से चुदास से भर दिया…….हरामी ठीक से पूरा मुँह लगा कर चाट नही तो मुँह में मूत दुन्गीईईइ……..अच्छी तरह से चाट टत्तत्ट……"
ये अब एकद्ूम नये किस्म की धमकी थी. राजू एक दम असचर्यचकित रह गया. अजीब कंजरफ, कमिनि औरत थी. राजू जहा सोचता अब मामला पटरी पर आ गया है, ठीक उसी समय कुच्छ नया शगूफा छोड़ देती. चूत पर से मुँह हटा दिया और बोला "ओह मामी……..तुमको पेशाब लगी है तो जाओ कर आओ…" चूत से मुँह हटा ते ही उर्मिला देवी का मज़ा किरकिरा हुआ तो उसने राजू केबालो को पकड़ लिया और गुस्से से भनभनाते हुई उसको ज़ोर से बिस्तर पर पटक दिया और छाती पर चढ़ कर बोली "चुप मादर्चोद…….अभी चाट ठीक से…….अब तो तेरे मुँह में ही मुतुँगी….पेशाब करने जा रही थी तब क्यों रोका…….."कहते हुए अपनी चूत को राजू के मुँह पर रख कर ज़ोर से दबा दिया. इतनी ज़ोर से दबा रही थी की राजू को लग रहा था की उसका दम घूट जाएगा. दोनो चूतर के नीचे हाथ लगा कर किसी तरह से उसने चूत के दबाब को अपने मुँह पर से कम किया मगर उर्मिला देवी तो मान ही नही रही थी. चूत फैला कर ठीक पेशाब वाले छेद को राजू के होंठो पर दबा दिया और रगड़ते हुए बोली "चाट ना…चाट ज़रा मेरी पेशाब वाले छेद को….नही तो अभी मूत दूँगी तेरे मुँह पर…….हरामी……कभी किसी औरत को मूत ते हुए नही देखा है ना….अभी दिखाती हू तुझे" और सच में एक बूँद पेशाब टपका दिया…….अब तो राजू की समझ में नही आ रहा था की क्या करे कुच्छ बोला भी नही जा रहा था. राजू ने सोचा साली ने अभी तो एक बूँद ही मूत पिलाया है पर कही अगर कुतिया ने सच में पेशाब कर दिया तो क्या करूँगा चुप-चाप चाटने में ही भलाई है, ऐसे भी पूरी चूत तो चटवा ही रही है. पेशाब वाले छेद को मुँह में भर कर चाटने लगा. चूत के भग्नाशे को भी अपनी जीभ से छेड़ते हुए चाट रहा था. पहले तो थोड़ा घिंन सा लगा था मगर फिर राजू को भी मज़ा आने लगा. अब वो बड़े आराम से पूरी फुददी को चाट रहा था. दोनो हाथो से गुदाज चूतरों को मसलते हुए चूत का रस चख रहा था. उर्मिला देवी अब चुदास से भर चुकी थी "उफफफफफफफफफ्फ़…सीई बहुत…मज़ा…..हाई रीईईई तूने तो खुजली बढ़ा दी कंजरे…….अब तो फिर चुदवाना ही पड़ेगा…..भोसड़ी के लंड खड़ा है कि……." राजू जल्दी से चूत पर से मुँह हटा कर बोला "ख खड़ा है मामी……एकद्ूम खड़ा हाईईईईईईईई"
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