RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
गतान्क से आगे.......
थोरी देर के बाद तुमको बहुत मज़ा मिलेगा." अपनी बेटी की
बात सुन कर रजनी जी चुप हो गयी लेकिन फिर भी उसकी मुँह से तरह
तरह की आवाज़ निकल रही थी. ये….. लंड बहुत मोटा और लंबा है.
है! मैं मरी धीरे…ज़रा धीरे पेलो मैं मरी जा रही हूँ. अरे बेटी,
अपने पति से बोल ना कि वो ज़रा मेरी गंद मे अपना लंड धीरे धीरे
पेले. मुझे तो लग रहा है कि मेरी चूत और गंद दोनो एक हो जाएँगे."
थोरी देर के बाद रमेश अपना हाथ अपने सास के सामने ले जाकर उनकी
चूत को सहलाने लगा और फिर अपनी उंगलियो से उनकी चूत की घुंडी
को पाकर कर मसल्ने लगा. अपनी चूत पर रमेश का हाथ पड़ते ही
रजनी जी बिलबिला उठी और अपनी कमर हिला हिला कर रमेश के लंड
पर ठोकर मारने लगी.ये देख कर रमेश ने करिश्मा से कहा,
"देख तेरी रंडी मा कैसे अपनी कमर कमर चला कर मेरे लंड को
अपनी गंद मे पिलवा रही है. क्या तुम्हारी यही मा अभी थोरी देर
पहले अपनी गंद मरवाने पर चिल्ला रही थी?" यह सुन कर
करिश्मा बोली, "ओह्ह रमेश! क्या बात है! देखो मेरी मा क्या
मज़े से अपनी गंद से तुम्हारा लंड खा रही है. देखो मेरी मा
कैसे गंद मरवा रही है. मारो, मारो रमेश, मेरी मा की गंद
मे अपना लंड खूब ज़ोर ज़ोर से पेलो. इसकी पूरे बदन मे लंड के लिए
खुजली भरी पड़ी है. चोदो रमेश साली की गंद मारो बड़ी
खुजला रही थी!" रजनी जी अपनी गंद मे दामाद का लंड पिलवा कर
सातवे आसमान पर थी और बड़बड़ा रही थी, "ओह्ह्ह्ह! देखो
करिश्मा मेरी बेटी! तुम्हारी मा गंद मे लंड लेकर चुदवा रही
है! तुम आख़िर अपने मर्द से मेरी चूत, गंद चूदवा ही ली! देखो
साला रमेश कैसे चोद रहा है! साला सच्चा मर्द है! डाल औट डाल
रे! चोद ! मेरी गांद मार! मेरे बेटी को दिखा! आहह ऊहह
चोद चोद चोद आईईइ!" रमेश अपनी बीवी और अपनी सास की बात सुनते
रहा और अपना कमर चला चला कर अपनी सास की गंद मे अपना लंड
पेलता रहा. थोरी देर तक रजनी जी की गंद मारने के बाद रमेश एक
बार ज़ोर से अपना पूरा का पूरा लंड रजनी जी की गंद घुसेड दिया और
रजनी जी को ज़ोर से अपने हाथों से जाकड़ कर अपना लंड का पानी अपने
सास की गंद ने छोड़ दिया. झदने के बाद रमेश ने अपना लंड अपने
सास की गंद से खींच कर निकाल लिया और लंड को बाहर निकलते ही
रजनी जी एकाएक उठ कर बैठ गयी और अपने दामाद का लंड को अपने
मुँह मे भर कर चूसने लगी. थोरी देर तक चूसने के बाद
रमेश का लंड बिल्कुल साफ हो गया और फिर से खड़ा भी हो गया .
तब रमेश ने अपना खड़ा लंड अपने बीवी, करिश्मा, की चूत मे पेल
कर खड़े खड़े चोदना चालू कर दिया और थोरी देर तक करिश्मा को
चोद कर फिर से करिश्मा की चूत मे झर गया .थोरी देर के बाद
तीनो की साँस फिर से शांत हो गयी और करिश्मा उठ कर बिना कोई
कपड़े पहने हुए किचन मे जाकर चाइ बनाना लगी. किचेन मे
जाते वक़्त करिश्मा अपनी मा की पीशब से आधी भारी जग भी उठा
कर ले गयी. जब करिश्मा चाइ बना कर नंगी ही फिर से कमरे
मे दाखिल हुई तो देखा उसकी मा नंगी ही अपने दामाद की गोदी मे
बैठी हुई है और रमेश उनकी एक चूंची की निपल अपने मुँह
मे लेकर चूस रहा है और दूसरे हाथ से रजनी जी की चूत मे
उंगली कर रहा है और रजनी जी अपने दामाद के लंड को अपने
हाथों से पकड़ कर सहला रही है. चाइ आते ही रजनी जी और
रमेश दोनो अलग अलग बैठ गये और तीनो मे नंगे रह कर ही
चाइ पीते रहे. चाइ पीते वक़्त रमेश ने करिश्मा से पूछा, "चाइ
तो आज बहुत अच्छी है, इसमे क्या डाला है?" तो करिश्मा अपनी मा
को आँख मार कर बोली, "आज चाइ तुमको इसलिए अच्छी लग रही है,
क्योंकी आज चाइ मे पानी नही है, ये चाइ तुम्हारी सास के मूत
से बनी हुए है." रजनी जी अपनी बेटी की बात सुन हंस पड़ी और
रमेश से बोली, "लो, आज तुमने मेरी चूत और गंद मारी और मेरी बेटी
ने तुमको मेरा मूत पीला दिया. कोई बात नही मैं भी कभी तुम्हारा
मूत पी लूँगी और हुमलोगों का हिसाब बराबर हो जाएगा." इस तरह
से मा, बेटी और बेटी का पति तीनो नेमिल कर जम कर चुदाई का आनंद
उठाया और एक दूसरे को दिया.
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