RE: बाली उमर का चस्का
राज अपने हाथो से मेरे जिस्म को गरमा रहा था और मैं भी जोश में आ के तेजी से उसके लिंग पे अपने हाथ फिसला फिसला के योंन सुख ले रही थी। उधर डॉली के हाथ तेजी से जय का हस्त मैथुन कर रहे थे कि तभी जय के लिंग से सफ़ेद गाढ़ा माल पिचकारी मारता हुआ छूट गया और ललिता के हाथों को भर गया। इधर मैं जोश से भर गयी और तेजी से राज के लंड की सेवा करने लगी। कुछ पलों में राज ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी पर उसने मेरे सर को थाम के अपने लंड पे झुका लिया जिस कारण उसका माल मेरे हाथों से साथ साथ ठोड़ी और होंठो पे भी गिरा। पूरानी यादें ताज़ा हो गयी जब मेने अपने होंठो पे जीभ फेरी। वोही नमकीन सा स्वाद और चिपचिपा एहसास।
हमने अपने आप को संभाला और साफ़ सफाई करके बैठ गये। फिल्म ख़त्म हुई और हम सब बाहिर आ गये। मैं शर्म से सर झुका के चल रही थी पर डॉली के चेहरे पे कोई शर्म नही थी। वह उन दोनों लड़कों से हस हस के बातें करती चलती रही। तभी राज ने मेरा हाथ थाम लिया और पुछा क्या बात है चुप क्यूँ हो। इसपे मेने राज की आँखों में आंखें ड़ाल के कहा कि यह सब ठीक नही जो हम कर रहे हैं। राज मुस्कुराया और बोला तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बनोगी। मैं ख़ुशी से फूले नही समा रही थी और मेने झट से सर हिला के हामी भर दी। शायद मुझे विकी से प्यार हो गया था
सिनेमा के अंदर हुए अनुभव ने मुझे बोल्ड बना दिया था और अब मैं काफी खुल गयी थी। स्कूल और घर दोनों जगह राज मेरे साथ मस्ती करने का कोई मोका नही छोड़ता। राज के लिंग का हस्त-मैथुन करते करते और उस से निकले वीर्य का स्वाद लेते लेते दो हफ्ते हो गये थे। फिर एक दिन शनिवार कोहाफ-डे स्कूल छुट्टी के बाद राज मुझे अपने घर ले गया।
वहां उसने मुझे अपना आलिशान दो मंजिला बंगला दिखाया । उस समय वहां उसके नोकर के सिवा कोई ओर नही था। फिर अंत मैं जब पूरा बंगला अन्दर बाहर से देख लिया तो वह मुझे अपने मम्मी-पापा के बेडरूम ले गया। वहां उसने एक अलमारी खोली और किताबों के निचे से एक मैगज़ीन निकाली। मैं तब तक बिस्तर पे बेठ चुकी थी। राज ने वो रंगीन मैगज़ीन मेरे सामने रख के कहा यह ब्लू-मैगज़ीन हे।
मेने पहले कभी ब्लू-मैगज़ीन नही देखी थी पर देखने की इच्छा जरुर थी। मेने पहला पन्ना खोला तो दंग रह गयी। उसपे ढेर सारी तसवीरें थी जिन में अंग्रेज युगल सम्भोग की अलग अलग क्रिया में दिख रहे थे। मेने राज की और देखा और मुस्कुराते हुए पुछा कि ये गन्दी मैगज़ीन कहा से लायी तो उसने बिलकुल बेबाकी से कह दिया की मम्मी पापा की हे। मैं हैरान हो गयी और दो पल के लिए यह सोचने लगीकहीं मेरे मम्मी पापा भी तो ऐसी गन्दी मैगज़ीन नही देखते। खैर मैं वापिस मैगज़ीन में खो गयी और पन्ने पलटा पलटा के सेक्स को नये तरीके से जानने लगी।
उसमे हस्त-मैथुन तो था ही पर पहली बार गान्ड-मैथुन, मुख-मैथुन और चुनमूनियाँ-मैथुन के नज़ारे देखने को मिल रगे थे। ओर साथ ही साथ एक मर्द-दो लडकियां या एक लड़की-दो मर्द एकसाथ सेक्स करते देखने को मिले। यह सब देख देख के मेरी हालत का अंदाज़ा आप सब लगा ही सकते हो, एक तो कच्ची उम्र उपर से बॉय-फ्रेंड का साथ। मेरी चुनमूनियाँ गीली होचुकी थी और जिस्म हवस की गर्मी से लाल हो गया था। राज भी शायद इसी मकसद से मुझे अपने घर लाया था और अब मेरी हालत से उसको मेरे किले में अपना झंडा गाड़ के जीत का जशन मानाने का आसान मोका दिख रहा था मैगज़ीन देखते देखते मेरा मन बोहत विचिलित हो चूका था। मेरे हाथ पैर थरथरा रहे थे ओर सर भारी हो गया था। जेसे जेसे पन्ने पलट रही थी वेसे वेसे हवस की दासी बनती जा रही थी । अब राज ने अपनी चाल चली और मुझे पकड़ के पेट के बल लिटा दिया और खुद मेरे उपर चढ़ गया । मैं कुछ कहती उस से पहले मैगज़ीन मेरे सामने रख दी और बोला ऐसे देख। उसका 6 इंची लंड मेरे पिछवाड़े की दरार में सटा हुआ महसूस हो रहा था।
अब राज मैगज़ीन के पेजपलटा रहा था और मुझे समझा भी रहा था की यह पोज केसे लेते हैं। पर मेरा ध्यान अब उसके लिंग पे था जो मेरे पिछवाड़े को निहाल कर रहा था। मेने स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी, स्कर्ट और शर्ट। राज ने अब मुझसे कहा की वो मुझे मैगज़ीन वाला मज्जा देना चाहता हे। मेने भी व्याकुल मन सेहामी भर दी ओर उसको ग्रीन सिग्नल दिया। राज ने मेरी स्कर्ट उठाना शुरू किया। मेरी चिकनी जवानी नंगी होती जा रही थी। स्कर्ट कमर तक उठा देने के बाद राज ने मेरी पेंटी झटके से निचे खींच दी और पेरों से बाहर करके मुझे कमर के निचे पूरी नंगी करके मेरे चिकने शरीर पे अपनी हाथ फेरने लगा। अब मैं बिलकुल से हवस की गिरिफ्त में थी ओर राज की अगली चालका इंतजार करने लगी। तभी राज ने मैगज़ीन को वोह पन्ना खोला जिस पे गान्ड-मैथुन की तस्वीर थी । मैं राज का इशारा समज गयी और मन ही मन से खुद को तयार करने लगी । राज ने अब मेरे चिकने मांसल और गान्डज चुतड की दो फांको को अपने दो हाथो से चीर के अलग किया और फिर पुछा की थूक लगाऊं या तेल? मेने कोई जवाब नही दिया तो उसने थूक लगा के मेरी गांड को चिकनी करना शुरू कर दिया। अच्छी तरह से थूक लगाने के बाद उसने ऊँगली मेरी गांड में घुसा दी। मेरी हलकी सी चीख निकली पर ऊँगली अंदर घुस चुकी थी और अब राज उसको अंदर बाहर करने लगा।
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