RE: Sex Kahani कलयुग की द्रौपदी
उनके खाने के बाद रानी ने भी थोड़ा खा लिया और सॉफ-सफाई के लिए किचन में चली गयी.
तीनो उपर आ गये और बेड पे सोती हुई बिंदिया को देखने लगे. उस मदमस्त जवानी को देख उनके मूह से लार टपकने लगा.
राका बेड के करीब आया और झींझोर कर बिंदिया को उठाने लगा. रंगा ने इतने में 1 ग्लास पानी उठाकर बिंदिया के मूह पर दे मारा. बिंदिया हड़बड़ा कर उठ बैठी. तीन दानवों को अपने इर्द-गिर्द देख अनायास ही उसके मूह से चीख निकल पड़ी. राका की शकल पहचान उसे सारा वाक़या याद आया और व्हो बकरी की तरह मिन्मीनाते हुए राका को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी – प्लीज़ हुमको जाने दीजिए,…….उउउउ….मा-बाबूजी के पास जाना है…….उ लोग हमारा इंतेजार करते होंगे……….आपको हुम्से क्या मिलेगा……..हम बाबूजी को बोलेंगे, वो आपको खूब पैसा देंगे. हुमको जाने दो प्लीएzzzzzz!
उसके आँसू भारी आँखें और दर्द भारी गिड़गिडाहट का राका पर कोई असर ना हुआ और वो हस्ते हुए बोला – अरे तोहार बाप को पैसा ही देना होता तो उ गाओं छ्चोड़ के भागता थोड़े. और शाम को तो हम उसका सारा धन लूट ही लिए तो अब पैसा का कौनो चिंता नही. अब तो जसन मनाने की घड़ी है. और उ जसन में तुमको तो शामिल होना ही पड़ेगा!!!!
राका के इरादों को भाप बिंदिया सर-से-पाव तक सिहर गयी. उन दानव का आकर-विकार और बदनीयती का अंजाम उसे दिखाई देने लगा. शहम्ते और रोते हुए उसने पूछा – ह.ह..हुमरे साथ कककाअ करोगे आपलोग. ज्ज्ज्ज्ज्जने दीजीएना. हहूम तो आआअपके बेटी जैसे हैं???
तीनों एक साथ हस्ने लगे और जग्गा बोला – सच बोली तू, और हम सब हैं बेटीचोड़!!!!
ये कहके तीनों फिर से अट्टहास करने लगे.
बिंदिया इस वक़्त एक पीले कलर के सलवार कुर्ते में थी. बॉल बिखरे हुए और चेहरा सफेद फक़्क़ पड़ा हुआ था.
राका लपक कर बिंदिया के बाजू में बैठ गया और उसके इर्द-गिर्द अपनी बाहें डालने लगा. बिंदिया छटपटा उठी. दूसरे तरफ से रंगा ने हुम्ला किया और उसे बिस्तर पे लिटा दिया और अपने एक पैर से बिंदिया को जाट दिया.
बिंदिया उनके चंगुल में सिर्फ़ चीख और छॅट्पाटा ही पा रही थी.
जग्गा दूर खड़ा अपनी धोती ढीली कर रहा था. बिस्तर के करीब आते तक उसके बदन पर कपड़े का एक भी रेशा ना था. बिंदिया कसमसाते हुए जब कनखियों से जग्गा को देखा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी. भालू जैसे बॉल भरे विशालकाय नंगे बदन पे मोटे सोट जैसा लंड ने बिंदिया के होश उड़ा दिए.
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