RE: Sex Kahani कलयुग की द्रौपदी
जग्गा नेहँसते हुए बोला – रुक साली! जाने के पहले ज़रा मेरा लॉडा तो चूस थोड़ा बहुत टनटना गया है!
माला ने आग्या का पालन किया और घुटनों के बल बैठ कर जग्गा की लूँगी उपर की. ऐसा करते ही अचानक लंड फंफना कर उसके होठों पे लगा.
माला चुटकी लेते हुए बोली – सरकार, इसको तो सह में खाली करना होगा नही तो आपकी नाज़ुक लुगाई तो आसमान में उड़ते हुए परलोक पहुँच जाएगी.
ये कहते हुए उसने अपने होंठ उसके लंड पर रख दिए. लंड में तो जैसे आग लगी थी. उसकी चटख से एक बार तो माला ने लंड पे से मूह हटा लिया पर फिर उसे धीरे-धीरे मूह में लेकर चुसकने लगी. गरम होंठों की गर्मी और जीभ की सरसराहट से जग्गा पागल हुआ जा रहा था. उसने माला का सर पीछे से दोनो हाथों से थाम लिया और ज़ोर ज़ोर से उसे आगे पीछे करने लगा. उसका 10” लंबा लंड माला के गले तक चोट कर रहा था और उसकी आँखें बाहर की तरफ उबलने लगी थी. वासना में पागल जग्गा पूरा हैवान नज़र आ रहा था. उसका चेहरा तमतमा कर लाल हो गया था और उसके कानों के उधर आग लगी हुई थी. माला के आँखों से आँसू निकल गये और उसके गले से गो-गो की भरराई आवाज़ आने लगी. 2 मिनिट में ही जग्गा के लंड से गरमा गरम वीर्य निकला जो माला के मूह में ऐसा लगा जैसे किसीने गरम लावा पिचकारी में भरके मारा हो. 15 सेकेंड तक जग्गा ने अपना बीज माला के मूह में गिराया और फिर अपना लॉडा बाहर निकालके माला का मूह बंद कर दिया और बोला – पूरा पी ले कुतिया, कुछ भी गिरना नही चाहिए!
माला का चेहरा भयानक लग रहा था. आँखें लाल, होंठो की लिपस्टिक आस-पास फैल गयी थी, आँसू की वजह से काजल चेहरे पर फैल गया था.
उसने पूरा वीर्य पी लिया और सहम्ते हुए बोली – सरकार, आपको पक्का यकीन है ना की ये लड़की आपकी गर्मी से मरेगी नही??
“तू डर मत कुतिया”, खुद से चुदने को जो तैयार हो जाए उसे हम गुड़िया जैसा चोद्ते और रखते है. हमारी प्यारी चिड़िया बनेगी पर पिंजरे की और उसको जब हम मसलेंगे तो उसको भी बहुत मज़ा आएगा. कुच्छ दीनो में जब रति-क्रीड़ा के बारे में सब सीख जाएगी तो वो खुद ही चुदवाने के लिए तड़प्ती रहेगी. तू देखती जा. – रंगा बोला.
माला के जाने के बाद दोनो उपर कमरे में आ गये.
अंदर घुसते ही रंगा ने दरवाजे की कुण्डी लगा दी. दोनो बिस्तर के तरफ बढ़ने लगे.
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घूँघट में से रानी ने देखा की दोनो पलंग के दोनो साइड पर खड़े हैं तो वो अपने आप में और सिमट गयी.
इस पल के बारे में माला ने उसे अच्छी तरह से समझा दिया था इसलिए वो अंदर से बहुत सहमी हुई थी. रंगा ने एक साइड से उसके हाथ लगाकर घूँघट को धीरे से उठना चाहा तो रानी मारे शरम के अपने हाथेलियो से चेहरा ढक लिया.
दूसरी तरफ से जग्गा बिस्तर पे चढ़ आया और रानी के बाजू में बैठता हुआ उसकी एक नाज़ुक हथेली अपने तगड़े हाथ से पकड़कर हौले से खीचते हुए बोला – गुड़िया रानी! अपने भगवान से शर्मा रही हो. अभी तो खाली घुघाट उतरा है, आगे और क्या कया उतरेगा मालूम है??
हालाकी उन दोनो को रानी के शरमाने से कोई एतराज़ नही था क्यूंकी ये उनकी प्यास और बढ़ा रहा था पर साथ ही वो उसके कमसिन, भोले, और सजे-धजे मुख का दीदार भी करना चाहते थे.
दूसरे तरफ से रंगा भी रानी के बाजू बैठ गया और हौले से अपने होठ उसके कान के करीब लाकर लवो को चुभलने लगा. इस अप्रत्याशित क्रीड़ा से रानी के हथेली अनायास ही अपने चेहरे से हट गयी और वो बच्चों जैसे हँसने लगी.
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