RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुमन सुनील के कंधों पे सर रख रोने लगी - उसका रोना बंद ही नही हो रहा था.
जाने कितनी देर सुनील माफी माँगता रहा पर सुमन रोती रही.
शायद आधा घंटा सुमन रोती रही फिर जा के वो संभली और वाइन का ग्लास एक घूँट में ख़तम कर दिया. और फिर अपना सर सुनील के कंधे पे रख दिया.,
'अब कभी ऐसा मत सोचना बेटा --- नही तो तेरी माँ के साथ साथ पूरा परिवार मर जाएगा'
'मोम ओह मोम' सुनील सुमन के चेहरे पे चुंबन बरसाने लगा.
सुमन खुद को संभाल चुकी थी - उसने एक और पेग बनाया और सुनील को भी उसका ख़तम करने को बोला - सुनील के दिमाग़ में तो बवंडर चल रहे थे उसने खट से अपना पेग ख़तम कर लिया और दूसरा बना लिया.
सुमन : सुनील सेक्स और प्यार में फरक होता है - जितना मैं तेरे डॅड से प्यार करती हूँ किसी और से नही समर से भी करने लग गयी हूँ पर इतना नही जितना तेरे डॅड सागर से. सेक्स से सिर्फ़ जिस्म की भूख मिटती है - प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है और सेक्स प्यार का एक हिस्सा होता है.
(सुमन सॉफ सॉफ इशारा कर रही थी कि सुनील के लिए उसका डॅड सागर ही है - समर का कोई वजूद नही - अब आगे क्या होता है देखते हैं)
वाइन के ग्लास का एक और दौर चला सुनील के दिमाग़ की परतें खुलती चली गयी - जो प्यार करता है वही हक़दार होता है - जनम देने का कारण कोई भी हो - सागर से तो अब भी वो बहुत प्यार करता था इनफॅक्ट वो तो उसका आइडल था - जिंदगी में जो भी कदम उसने उठाया था उसके पीछे सागर का प्यार - उसकी देखभाल - उसका प्रोत्साहन - उसकी दूरन्देशि - ये सब ही तो था. जो पालता है - दिशा दिखाता है वही असली पिता होता है - और सागर ने कभी कोई कसर नही छोड़ी थी. आत्म ग्लानि से सुनील की आँखें भर आई - एक कड़वे सच को कितना महत्व दे दिया था उसने - अगर डॅड को पता चला कितने दुखी होंगे वो - सॉरी डॅड - वो अपने मन में ही बोला.
वाइन की बॉटल ख़तम हो गयी पर अहसास की गर्मी अभी ठंडी नही हुई थी - भावनाओं के ज्वारभाटे अब भी दोनो के दिमाग़ में चल रहे थे. सुमन ने थोड़ी ज़्यादा पी थी पर उसे देख लगता ही नही था कि वो इतनी वाइन पी चुकी थी. कहते हैं कि जब दिल इतना दुखी हो जाता है तो शराब ही सहारा बनती है चाहे वो किसी भी रूप में हो - आज कुछ ऐसा ही हो रहा था.
सुमन ने दो बॉटल्स का ऑर्डर दे दिया और एक फ्रेश रोस्टेड चिकेन का - क्यूंकी जो पहले मँगवाया था वो तो इतना ठंडा हो चुका था खाने लायक नही रहा था - अब इस हालत में कॉन ढूंढता की सूट में माइक्रोवेव कहाँ है और उठ के गरम करता.
थोड़ी देर में दो बॉटल और रोस्टेड चिकन आ गया.
नयी बॉटल खुली -
नये ग्लास में दो जाम बने.
'चियर्स टू आ न्यू बेगिनिंग' इसके साथ ही सुमन ने जो हुआ उसे इतिहास बना दिया. वो कड़वा सच इतिहास में कहीं खोने को तयार हो गया था.
'चियर्स मोम - यू आर दा बेस्ट गाइड आइ एवर गॉट - लव यू' सुनील भी उस कड़वे सच को हद से ज़यादा तयार हो ही गया था इतिहास के पन्नो में छुपाने के लिए - बाकी वक़्त तो हर गम का मरहम बन ही जाता है.
सुमन : सुनील जब स्वापिंग शुरू हुई थी - मैं मजबूर थी - क्यूंकी तेरे डॅड आगे बढ़ गये थे और मुझे हिस्सा बनना ही पड़ा क्यूंकी सागर के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ - कुछ भी. लेकिन जब मैं पहली बार ना चाहते हुए भी समर के साथ हमबिस्तर हुई तब मुझे पता चला सेक्स के कितने रूप हैं - सागर मुझे एक फूल की तरहा हॅंडल करता है - कहीं कोई चोट ना आजाए - उसका सेक्स करने का तरीका औरत को सुगंध की वादियों में ले जाता है. पर समर बिल्कुल जंगली बन के सेक्स करता है, मुझे नही पता था कि मेरे अंदर एक और औरत भी छुपी हुई है - जो चाहती थी कि उसपे ज़ोर आजमाया जाए - उसे भूखे भेड़िए की तरहा नोचा खसोटा जाए - पहली बार समर ने ये ही किया था - तब मुझे अपने अंदर छुपी उस औरत का पता चला था जो चाहती है कि उसका मर्द उसे कभी फूल की तरहा सूँघे तो कभी जंगली बन के उसे रोन्द डाले. दोनो का अपना ही मज़ा होता है. सेक्स एक ऐसी भूख है जिस्म की जो एक टाइप से पूरी नही होती. जैसे हम एक ही सब्ज़ी रोज नही खा सकते उसी तरहा सेक्स है - वो भी वेराइटी माँगता है.
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