RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
समर ने तेरे डॅड को स्वापिंग के लिए तयार कर लिया. तेरे डॅड को भी तेरी मासी में इंटेरेस्ट हो गया. मैने बहुत मना किया पर समर ने तेरी मासी को भी राज़ी कर लिया.
एक दिन मैं हॉस्पिटल से घर पहुँची तो देखा तेरे डॅड तेरी मासी के साथ बिस्तर पे लगे हुए थे.
मेरे हाथ पैर फूल गये क्यूंकी अब मेरे लिए सारे रास्ते बंद हो चुके थे – मुझे मजबूरन समर की बाँहों में जाना पड़ा.
लेकिन मुझे समर के साथ बहुत मज़ा आया उसका स्टाइल तेरे डॅड के स्टाइल से बहुत अलग है. फिर ये सिलसिला चल पड़ा और महीने में एक बार हम स्वापिंग करने लगे.
सुनील मेरी बात समझने के लिए सेक्स को समझना बहुत ज़रूरी है. क्या जानते हो तुम सेक्स के बारे में?
सुनील की हालत खराब होने लगी. उसकी माँ उससे ये सवाल भी पूछेगी. एक बार तो उसे यूँ लगा कि उसके कान खराब हो गये हैं - वातावरण में ठहरी हुई कोई ध्वनि उसे सुनाई दे गयी है. उसकी आँखें तक फट पड़ी और सुमन उसकी हालत देख हँसने लगी. हँसते हुए सुमन बोल पड़ी
'ऐसे क्या आँखें फाडे देख रहा है. माँ बाप बच्चों को सब कुछ सीखाते हैं - तो सेक्स क्या है ये भी तो माँ बाप की ज़िम्मेदारी होती है बताना.'
सुनील के चेहरे के रंग बदलते जा रहे थे. शर्म के मारे उसका चेहरा लाल सुर्ख हो गया जैसे जिस्म का सारा खून उसके चेहरे पे आ गया हो. उसका दिल कर रहा था उठ के भाग जाए. पर वो सुमन का दिल भी नही तोड़ना चाहता था.
सुमन गौर से उसके चेहरे के बदलते रंगो को देख रही थी. फिर बड़े प्यार से उसके निपल को सहलाते हुए बोली.
'देखो तो मेरा जवान बेटा कैसे शर्मा रहा है'
सुनील ने एक बार कहीं पढ़ा था कि जापान में बेटों को सेक्स माँ ही सीखाया करती थी - पढ़ के उसे हँसी आई - लेकिन आज जो उसके साथ हो रहा था उसे वो बात ठीक लगने लगी - ज़रूर ऐसा होता होगा - तभी तो उसकी माँ..... फिर उसे समर की बात जो फोन पे हुई थी याद आई - कैसे उसने माँ को कन्विन्स किया था - मुझे ट्रेन करने के लिए - तो क्या माँ सब कुछ करेगी मेरे साथ - नही नही ये कैसे हो सकता है - वो तो बस अपने दिल का गुबार निकाल रही है.
सोचते सोचते सुनील अपनी आँखें बंद कर लेता है. उसे सुमन से नज़रें मिलाने में अब तकलीफ़ होने लगी थी.
सुनील के चेहरे को देखते हुए सुमन को समर की याद आने लगी - सुनील की कद काठी बिल्कुल समर पे गयी थी - सुमन के जिस्म में उत्तेजना का संचार होने लगा . पर खुद को संभाल के वो कुछ और सोचने लगी - सुनील के अंदर की शर्म को ख़तम करने का उपाय उसके दिमाग़ में आ गया.
'नींद आ रही है क्या"
'मोम आधी रात से ज़यादा का वक़्त हो गया है सुबह कॉलेज भी जाना है'
'नही तुम 4 दिन कॉलेज नही जाओगे - हम दोनो कल बाहर जा रहे हैं- चलो अब सो जाओ कल बात करते हैं'
सुनील के माथे को चूम के सुमन सागर के पास चली गयी.
दूसरे कमरे में सोनल अभी तक जाग रही थी. उसकी आँखों से नींद उड़ चुकी थी - बार बार अपने आप से सवाल करती कि क्या वो सच में सुनील से प्यार करने लगी है. हर बार खुद को यही जवाब देती - हां.
अपने मम्मो पे सुनील की सख़्त छाती के दवाब का उसे अब भी अहसास हो रहा था - वो खुद अपने मम्मे मसल्ने लगी और बंद आँखों से सुनील का तस्सवुर लेने लगी
'ओह सुनील - लव मी जान
अपने आप से खेलते हुए वो बार बार यही बड़बड़ा रही थी.
अहह सुनील - सिसकते हुए सोनल ने अपने मम्मे ज़ोर से मसल डाले. रात भर वो सो नही पाई.
समर और सविता भी अपने घर पहुँच गये. दोनो का ही मूड ऑफ था क्यूंकी मस्ती अधूरी रह गयी थी.
समर सुनील को ले कर भी परेशान था. उसने अगले दिन सुमन से बात करने का सोचा ताकि सुनील की हालत के बारे मे पता चल सके.
यहाँ सुमन के जाने के बाद - सुनील ने एक ठंडी सांस भरी - नींद तो आ नही रही थी - उठ के कुर्सी पे बैठ गया और आज जो कुछ भी उसके साथ हुआ उसके बारे में सोचने लगा.
उसे समर पे गुस्सा आने लगा - उसकी वजह से ही मोम उसके साथ सेक्स के उपर बात करने लगी है. दिल कर रहा था जा के उसका जबड़ा तोड़ दे. पता नही क्या जादू कर रखा था मोम पे - जो मोम उसकी बातों पे अमल करने लगी है.
सुमन सागर के साथ चिपक के लेट गयी- पर वो गहरी नींद में था उसने कोई हरकत नही करी. सुनील को अपनी दास्तान सुनाते हुए वो काफ़ी गरम हो गयी थी और उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी - दिल कर रहा था कि सागर अभी उठे और उसे चोद डाले. सागर की तरफ से कोई प्रक्रिया ना पा के वो उस से अलग हो गयी . अपनी नाइटी कमर तक उँची कर वो अपनी चूत सहलाने लगी. आँखें बंद करी तो सुनील का चेहरा नज़र आया - अहह सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल सिसकते हुए अपनी चूत में उंगलियाँ घुसा डाली और अपनी चूत की कुटाई करने लगी.
उम्म्म्ममममम सुनीिीईईईईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल उसे बहुत ज़ोर का ओर्गसम हुआ वो भी बहुत जल्द शायद ये सुनील को अपने ख़यालों में रखने का असर था.
कुछ ही देर में वो सो गयी.
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