RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
जब सोनल और रमण छोटे थे तब से ये दोनो बहने आपस में स्वापिंग करने लग गये थे क्यूंकी दोनो भी अपना टेस्ट बदलना चाहते थे और इनके पति तो अपनी साली पे लार टपकाया ही करते थे.
एक बार स्वापिंग का मामला कुछ लंबा ही हो गया था. यानी सविता एक महीने के लिए सागर के साथ उसकी पत्नी बन के रही और सुमन समर के साथ.
जिस्मो की ख्वाहिश पूरी करते हुए चारों एक ज़रूरी बात को ध्यान में ना रख पाए और नतीजा ये निकला कि महीने बाद सुमन और सविता दोनो ही प्रेग्नेंट हो चुकी थी.
चारों देखा जाए तो चार जिस्म और एक जान बन चुके थे इस लिए दोनो ने ही अपनी पत्नी को प्रेग्नेन्सी टर्मिनेट नही करने दी.
नतीजा ये हुआ कि सुनील का असली पिता था समर और रूबी का असली पिता था सागर. ये बात सिर्फ़ ये 4 ही जानते थे.
यानी सोनल और सुनील सगे भाई बहन नही थे और यही हाल रमण और रूबी का था. पर बचपन से ही ये बिल्कुल सगे भाई बहन की तरहा ही रहे और इनका प्रेम भी बिल्कुल ऐसा ही था.
जैसे जैसे बच्चे बड़े होते गये ये लोंग जो पहले हर महीने मिला करते थे वो उसमे लंबे ब्रेक आने लगे और अब हाल ये हो चुका था कि साल में एक बार छुट्टी के बहाने ही मिल पाते थे. और ये छुट्टी वो हमेशा किसी बीच पे ही मनाते थे – जहाँ ये चारों भूल जाते थे कि इनका आपस में क्या रिश्ता है – बस 4 जिस्म की क्रियाओं में लिप्त हो जाया करते थे.
कल ये चारों गोआ में मिलने वाले थे और इस बार का सारा खर्चा समर उठा रहा था, उसने ही सारे अरेंज्मेंट्स किए थे.
रात को सोनल को सुनील के खाने पीने का ध्यान रखने को कह सुमन और सागर अपने कमरे में जा के सो गये – सुबह 10 बजे इनकी फ्लाइट थी गोआ के लिए जो मुंबई हो कर जानी थी जहाँ समर और सविता ने भी बोर्ड करना था.
अगले दिन सुनील - सुमन और सागर को एरपोर्ट छोड़ने के लिए चला गया.
जब वो वापस आया तो उसने काफ़ी बेल बजाई पर किसी ने दरवाजा ना खोला. हार कर उसने अपनी चाबी से दरवाजा खोला और सीधा अपने मोम दाद के रूम में गया कुछ समान रखने.
जैसे ही वो रूम में दाखिल हुआ उसी वक़्त सोनल बाथरूम से बाहर निकली जिसने बाथ टवल लपेटा हुआ था.
सोनल की नज़र सुनील पे नही पड़ी . लेकिन सुनील की आँखें सोनल को इस रूप में देख चोंधिया गयी.
सोनल सीधा ड्रेसिंग टेबल पे गयी और अंगड़ाई लेते हुए कुछ सोचने लगी. सोनल की आँखें उस वक़्त बंद थी.
इससे पहले की कोई ग़लत ख़याल सुनील के दिमाग़ में आते वो सर झटक रूम से बाहर चला गया और हॉल में जा के बैठ गया - खुद को बिज़ी करने के लिए उसने टीवी चला लिया
उधर......................
जब फ्लाइट मुंबई लंड करी तो समर और सविता भी फ्लाइट में चढ़ गये. जैसे ही वो बिज़्नेस क्लास कॅबिन में पहुँचे अदला बॅड्ली वहीं शुरू हो गयी – सुमन अपनी जगह से उठी और सविता के गले मिली फिर वो समर के साथ बैठ गयी और सविता सुमन की जगह पे बैठ गयी.
समर तो जैसे सुमन के लिए पागल हुआ पड़ा था. जैसे ही वो बैठी – समर ने उसे अपनी बाँहों में समेट लिया और किसी की परवाह ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. कुछ ऐसा ही हाल सागर और सविता के बीच था.
दोनो औरतों ने मुश्किल से खुद को छुड़ाया और अपने चेहरे पे हाथ रख बैठी रही – दोनो को ही यूँ खुले में चुम्मि देने मे बड़ी शर्म आई थी.
उधर सोनल तयार हो कर हॉल में आ गयी और सुनील के सामने बैठ गयी. सफेद टाइट टॉप और नीली जीन्स जिसमे से उसकी पैंटी का टॉप झाँक रहा था.
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