Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:36 AM,
RE: चूतो का समुंदर
अकरम की आवाज़ आते ही हम दोनो सकपका गये...किसी को कोई वर्ड नही मिल रहा था...अकरम अपनी बात कहते हुए मेरे पास आया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला.....

अकरम- क्या बहुत...कोई मुझे भी बातायगा...???

जूही(संभालते हुए)- अरे भाई वो अंकित कह रहा था कि बहुत शॉपिंग कर ली...तो मैने पूछा कि बहुत क्या होता है...बस उसी को एक्सप्लेन नही कर पाया...हहहे...

मैं(मुस्कुरा कर)- हाँ..यही तो..अब बहुत को क्या बोलू...वही सोच रहा था....


अकरम- अच्छा...चल छोड़...मेरे रूम मे चलते है...और जूही...तुम लोग सब रेडी हो...??


मैं- रेडी....किस लिए...??

जूही- सर्प्राइज़....जस्ट वेट न्ड ....

और जूही अपनी गान्ड को उपेर- नीचे करती हुई सीडीयाँ चढ़ गई और मैं भी अकरम के साथ उपर उसके रूम मे निकल गये.....


हम अकरम के रूम मे बाते कर रहे थे कि उसको एक कॉल आ गया और वो बाहर निकल कर बाते करने लगा...

अंदर मैं बेड पर बैठा हुआ सोचने लगा कि कुछ टाइम पहले मेरे साथ क्या- क्या हो गया...

पहले ज़िया को चूत चुसवाते हुए देखना...फिर ना चाहते हुए अचानक से जूही के साथ इस तरह की बातें करना जिसे फ्लर्ट कहते है....

मैं(मन मे)- अकरम की दोनो सिस्टर मस्त है...अब तो इन्हे चोदने का ख्याल दिल मे उतरने लगा....पर मैं ऐसा कैसे सोच सकता हूँ...अकरम दोस्त है मेरा...पर उसमे क्या...संजू तो अकरम से खास फ्रेंड है और उसकी बहनो के साथ उसकी मोम को भी चोद दिया तो अकरम की बहने क्यो नही....

मेरे माइंड मे मतभेद थे पर लास्ट मे मेरी भूख की जीत हुई और मैने डिसाइड कर लिया कि अब मैं अकरम की बहनो को चोद कर अपनी भूख मिटाउंगा....

थोड़ी देर बाद अकरम रूम मे आ गया और मुझे नीचे चलने को कहा.....और हम नीचे जाने लगे....

मैं सीडीयाँ उतरते हुए बार-बार ज़िया के साथ हुए इन्सिडेंट के बारे मे सोच रहा था....

मुझे यही डर था कि कही ज़िया ने मुझे देख लिया तो क्या होगा....

इसी सोच के साथ मैं धड़कते दिल के साथ नीचे सबके पास पहुच गया....

जब हम नीचे पहुचे तो वहाँ अकरम की दोनो बहने थी ...साथ मे एक लड़की और खड़ी थी...जो शायद ज़िया की चूत चूसने वाली होगी...मैने उसका चेहरा नही देखा था...सिर्फ़ अंदाज़ा था...

मैने नज़रे उठा कर ज़िया को देखा पर वो नॉर्मल लग रही थी...उसको देख कर मेरी टेन्षन भी कम हो गई थी....

मैं(मन मे)- थॅंक गॉड...इसने मुझे नही देखा...नही तो बिना मतलब के पंगा हो जाता....

तभी जूही बोली...अब टाइम आ गया एक छोटे से सर्प्राइज़ का जो सिर्फ़ तुम्हारे लिए है....

मैं-मेरे लिए..पर क्यो...और क्या है ये सर्प्राइज़...??

ज़िया- अरे यार ..कुछ खास नही...1 मिनट रूको..खुद समझ जाओगे....

फिर ज़िया, जूही और वो लड़की किचेन मे गई और कुछ खाने का समान ले कर वापिस आ गई...और जैसे ही टेबल पर रखा...मेरे मुँह से वाउ निकल गया...

मैने- वाउ...बिरयानी...मुगलाई चिकन...और मीठी सिबई...ग्रेट...

जूही- पसंद आया सर्प्राइज़..??

मैं- बिल्कुल...बट ये सब...क्यो...??

ज़िया- सिर्फ़ तुम्हारे लिए...याद है ना कि उस दिन तुमने बोला था कि तुम हमारे हाथ से बना हुआ चिकन खाने आओगे...इसलिए आज हम ने खुद बनाया...

मैं- हाँ...पर आज...अचानक से क्यो..??

जूही- आक्च्युयली आज दी का बर्थ'डे है...तो हम ने सोचा कि आज ही छोटी सी पार्टी कर ली जाए...बस...

मैं- ओह..हॅपी बर्थ'डे दीदी...

ज़िया- दीदी नही..ज़िया...

मैं- ओके ..ज़िया..बॅट मैं गिफ्ट तो लाया नही...आपको बताना चाहिए था...

ज़िया- कोई बात नही...मैं अपना गिफ्ट ले लुगी..जब मेरी मर्ज़ी होगी...ओके...

मैं- ओके ...गिफ्ट उधार रहा...जब चाहे... हुकुम करना...

ज़िया- ओके..अब चलो...खाना ठंडा ना हो जाए...

फिर हम ने बिरयानी, मुगलाई चिकन एर मीठी सिबई का मज़ा लिया...साथ मे कल जाने वाले टूर की प्लॅनिंग भी करते रहे....

मैं- अरे जूही..ये कौन है..मैने पहचाना नही...??

जूही- कैसे पहचानोगे..ये कल ही आई है...हमारे मामू की बेटी...गुलनार...प्यार से गुल कहते है

मैं- ओह...हाई गुलनार...

गुल- आप भी गुल ही कहिए...ओके

मैं- ओके..

जूही- बाते बाद मे...पहले खाना...ओके...

मैं- ओके

फिर सब खाने मे बिज़ी हो गये...खाना खाने के बाद हम सब बैठे ही थे की अकरम ने सबको एक न्यूज़ दे दी......

अकरम- हे गाइस...अब डॅड भी टूर पर साथ होंगे....वो वापिस आ रहे है...

ज़िया- पर डॅड तो..

अकरम- अरे..उनका काम 1 वीक डिले हो गया तो रास्ते से वापिस आ रहे है...

जूही- तुझे कैसे पता...??

अकरम- अरे मैने कॉल किया था...ये बताने कि अंकित भी हमारे साथ आ रहा है....तो वो बोले कि वो भी टूर मे आएगे.....अब वो भी साथ मे होंगे...

अकरम की बात से सब खुश थे...खास कर उनकी बेटियाँ....

अकरम- पर अब हम कल नही जाएगे...परसो निकलना पड़ेगा....

जूही- क्यो...??

अकरम- आक्च्युयली...डॅड कल शाम तक ही आ पाएगे ..

ज़िया- तो क्या हुआ...हम परसो चलेगे...तू एक काम कर...डॅड के फ्रेंड को भी बोल दे...ओके...

अकरम- ओके..बोल देता हू..

अकरम ने कॉल करके डॅड के फ्रेंड को चेंज के बारे मे बोल दिया और फिर थोड़ी देर तक हम ने गप्पे की और फिर मैं परसो आने का बोलकर संजू के घर निकल गया.....


संजू के घर जाते हुए मैं मन मे बहुत खुश था...एक तो मन पसंद खाना खा कर और दूसरा ज़िया और जूही के बारे मे सोच कर....

वैसे गुलनार भी कम नही थी...वो भी ज़िया और जूही की तरह मस्त बॉडी की मालकिन थी...

पर अभी मैं गुल को साइड मे रख कर सिर्फ़ ज़िया और जूही के बारे मे सोच रहा था...

आज पूरे वक़्त ज़िया तो नॉर्मल थी पर जूही मुझे चोर नज़रों से देखती रही थी...

मैं सोचने लगा कि पहला ट्राइ किस पर मारु...एक तरफ लग रहा था कि जूही मुझे पसंद करती है तो उसे पटाना ईज़ी होगा ...

पर दूसरी तरफ ज़िया की बॉडी मुझे अपनी तरफ खीच रही थी....

फाइनली मैने डिसिशन टाइम पर छोड़ दिया..कि जो पहले मिलेगी वही सही...लेकिन चोदुन्गा तो दोनो को...

मैं मन मे ज़िया और जूही को चोदने का सोच कर आगे जा रहा था कि मेरे आदमी का कॉल आ गया.....मैने कार साइड की और कॉल पिक की.....

(कॉल पर)

मैं- हाँ...बोलो क्या हुआ...??

स- ह्म्म..एक गुड न्यूज़ है...पर ये तुम्हारे दुश्मनो के बारे मे नही है....

मैं- अच्छा...फिर किसके बारे मे...??

स- तुमने कहा था ना कि तुम्हारे फ्रेंड की मोम पर नज़र रखवाऊ...वो अकरम की मोम पर...

मैं- हाँ...कहा था...तो क्या पता चला...???

स- इतना पता चला कि वो वीक मे दो बार मसाज पार्लार जाती है...

मैं- तो इसमे क्या खास है...

स- खास ये है कि ये पार्लार कोई आम पारलुर नही...उसकी असलियत कुछ और ही है...

मैं- मतलब...???

स- मतलब ये कि इस पार्लार मे सेक्षुयल आक्टिविटीस होती है...

मैं- और किस तरह की आक्टिविटी होती है...आइ मीन कोई लिमिट या...

स- कोई लिमिट नही...कस्टमर जो चाहे वो...मैसेज से सेटिस्फॅक्षन...बॉडी से भी....मर्द के लिए औरत और औरत के लिए मर्द प्रवाइड करते है यहाँ...

मैं- तो इसमे मेरे लिए क्या खास है...मुझे तो अकरम की मोम को उसके साथ पकड़ना है..जिसके साथ उनका अफेर है...हो सकता है वो सिर्फ़ मसाज करती हो वहाँ...फिगर मैनटैने करने..यू नो...

स- आइ नो...बट यहा ऐसा इंतज़ाम भी है कि अपने पार्ट्नर के साथ आओ और ऐश करो...और यही बात तुम्हारे काम की है...और हाँ कोई भी सिंपल मसाज के लिए रात को 8 बजे नही जाता...हमेशा तो नही...

मैं- ओह्ह ..तो तुम्हे लगता है कि वो दोनो साथ मे...अच्छा...तो अब कब जा रहे है ..

स- आज रात...अपाय्नमेंट है पहले से...

मैं- ओके..मैं देखता हूँ...तुम टाइम पर मिलना...

स- मैं पहुच जाउन्गा...वाहा अपनी सेट्टिंग भी है..न्यूज़ पक्की है...

मैं- ओके...फिर मिलते है...बाइ

स- ओके..बब्यए
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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-06-2017, 10:36 AM

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