RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अपने नये घर पहुच कर डॉली सोच मे पड़ गयी की उसने अपनी मा के साथ जो भी किया वो ग़लत था. उसको अपनी मा को ब्लॅकमेल नही करना चाहिए था.
डॉली अपनी मा के बारे मे सोच कर थोड़ा एमोशनल भी हो गयी थी. पर हिम्मत नही हो रही थी की मा से बात करके सॉरी माँग ले.
डॉली का खुद का ईगो इतना बड़ा था जिसने उसको रोके रखा. डॉली को अपनी ज़िद के आगे रिश्ते छोटे लगने लगे.
अगले दिन आरके के बेटी सुहानी भी डॉली से मिलने आई.
सुहानी: “डॉली भाभी, प्लीज़ आप मेरे पापा को जैल से बाहर निकालने मे मदद करो”
डॉली: “मैं अब तुम्हारी भाभी नही हूँ”
सुहानी: “मेरे भय्या कौशल जो की आपके पति भी हैं, अगर वो इस दुनिया मे नही हैं तो हमारा रिश्ता ख़त्म नही हो जाएगा. मैं आपकी ननद हूँ, आपने मुझे अपनी छोटी बहन भी माना था”
डॉली: “वो शादी एक समझौता थी. आरके हमारे घर का दुश्मन हैं. मैं उसको बाहर निकालने मे कोई मदद नही कर सकती”
सुहानी:”मैं अपने पापा के सारे सपोर्टर्स को बोलकर वोट आपको दिलवा सकती हूँ, पर इसके बदले पापा को जैल से बाहर लाने मे मदद कर दो.”
डॉली: “मैने जीतने का इंतज़ाम पहले ही कर लिया हैं”
सुहानी: “आप जो बोलॉगी वो करने को तैयार हूँ”
डॉली: “आरके ने मेरी मा को बहुत परेशान किया और इज़्ज़त उछाली हैं”
सुहानी: “मैं माफी मांगती हूँ”
डॉली: “तुम्हारी माफी से क्या होगा! यह राज मेरा कुत्ता हैं. इसको बोटिया खाने का बहुत शौक हैं. इसको खुश रखना ज़रूरी हैं. तू इसको चोदने दे और खुश कर दे, फिर मैं तेरी मदद कर दूँगी”
राज को अपने आप को कुत्ता कहलवाना बुरा लगा पर सुहानी जैसी जवान लड़की को चोदने का सोच कर उसके मूह मे पानी भर आया.
सुहानी: “राज अंकल के साथ! मैं ऐसा नही कर सकती. इन्होने ही मेरे पापा को फसाया हैं”
डॉली: “तो फिर भूल जा की मैं तेरी कोई मदद करूँगी”
सुहानी: “मुझे पता हैं की आपने पापा से चुदवाया था एक कुर्सी पाने के लिए. मगर मैं आपकी तरह गिरी हुई नही हूँ. मैं अपनी इज़्ज़त नही खो सकती”
डॉली: “एक काम कर, मत चुदवा, पर कम से कम यही अपने कपड़े खोल कर नंगी खड़ी हो जा. यह तो कर सकती हैं”
सुहानी थोड़ी सोच मे पड़ गयी. फिर उसने अपना टॉप निकाल दिया. फिर अपनी जीन्स निकाल कर ब्रा और पैंटी मे आ गयी. डॉली ने राज का चेहरा देखा, जो की ज़ुबान लपलपा रहा था.
सुहानी ने अपना ब्रा और पैंटी निकाल दी और सहमी सी नंगी खड़ी रही. उसकी कच्ची जवानी के छोटे से बूब्स और पतली सी चूत देखकर राज का लंड पैंट मे खड़ा हो गया था.
डॉली: “ओये राज कुत्ते. जा चाट ले सुहानी को”
सुहानी: “नही, प्लीज़, बात सिर्फ़ कपड़े खोलने की हुई थी”
डॉली: “कपड़े खोल दिए हैं, यह सिर्फ़ ज़ुबान से बूब्स चाटेगा”
सुहानी काँपते हुए खड़ी थी और राज उसकी तरफ पलटा. फिर सुहानी के कच्चे आम जैसे बूब्स को चाटने लगा. सुहानी आँखे बंद किए शरीर को कड़ा कर खड़ी रही.
राज ने चाट चाट कर सुहानी के निपल के साथ बूब्स भी गीले कर दिए. फिर राज ने सुहानी की पतली कमर को चाटना शुरू किया.
सुहानी ने राज का सर पकड़ लिया ताकि वो चूत ना चाट पाए. राज ने सुहानी की नंगी गान्ड पकड़ ली और अपना मूह सुहानी की चूत की तरफ ले जाने लगा.
डॉली: “कुत्ते साले, चूत चाटने को नही बोला था. चल इधर आ”
राज अब डॉली को गुस्से से घूर्ने लगा.
डॉली: “हरामी, घूर क्या रहा हैं? खा जाएगा क्या. चल वहाँ खड़े रह. सुहानी मार इसको थप्पड़”
राज अब डॉली को देखने लगा. तभी एक थप्पड़ आकर उसकी गाल पर पड़ा जो सुहानी ने मारा था.
डॉली: “चल कुत्ते, अब तू बाहर जा, खूब मज़े ले लिए तूने आज”
राज अपना सा मूह लिए बाहर चला गया और सुहानी अपने कपड़े पहनने लगी.
डॉली: “थोड़ी देर पहले तू इज़्ज़त और सम्मान की बात कर रही थी और अभी तू यहा नंगी खड़ी हैं और अपना बदन चटवा रही थी. तुझे यही दिखाना था. ज़रूरत पड़ने पर कपड़े भी खोलने पड़ते हैं और चुदवाना भी. अब तू अपनी इज़्ज़त का टोकरा लेकर जा, तेरे बाप को कोई नही बचा सकता”
सुहानी रोने लग गयी और रोते रोते अपने कपड़े फिर पहनने लगी और गिड़गिडाते हुए डॉली से हेल्प को बोलती रही पर डॉली नही मानने वाली थी. सुहानी वहाँ से चली गयी.
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