RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
ज्योति: “मगर हमारी किस्मत थी की राजेश की वाइफ ने जुड़वा बच्चे पैदा किए. राजेश उसमे से एक बच्चा हमें देने को मान गया. लड़के को उसने खुद रखा जो अमर हैं और लड़की हमें दे दी जो तुम डॉली हो”
डॉली और जय अब एक दूसरे को मूह फाड़कर देख रहे थे. डॉली ने अपना माथा पकड़ लिया.
डॉली: “शीत! मैने अपने ही रियल ब्रदर के साथ ऐसा काम कर लिया!”
जय ने आगे बढ़कर अपनी बहन के कंधे पर हाथ रख उसको संभाल दिया.
डॉली: “सॉरी जय, मैं आज तक तुमको ताने मारती रही की तुम ड्राइवर के बेटे हो, जब की मैं खुद एक ड्राइवर की बेटी हूँ”
ज्योति: “राजेश ने अपनी वाइफ को झूठ बोल दिया की उसको एक ही ज़िंदा बच्चा हुआ हैं और डॉली को हमें सौंप दिया. राजेश को तो सच पता था इसलिए वो च्छुपकर अपनी बच्ची डॉली को देखने मेरे बेडरूम मे आता रहता था. जिसका लोगो ने ग़लत मतलब निकाला और मेरा नाजायज़ संबंध राजेश के साथ होने की अफवाह फेलाइ.”
जय: “यह सब अफवाह थी. इसका मतलब मेरे पापा सतीश ही हैं”
सतीश: “नही, कुदरत ने मुझे वो शक्ति दी ही नही की मैं बाप बन पाऊ. मुझसे शादी करके कोई लड़की कैसे खुश रहती, इसलिए मैने बहुत पहले ही ब्रहंचर्य अपना लिया था. मैने यह बात शादी के पहले ज्योति और उसके पापा को बता दी थी. ज्योति प्रेग्नेंट थी और मजबूरी मे मुझसे शादी कर ली. मैने ज्योति को छूट दे रखी थी की वो किसी के भी साथ शारीरिक सुख ले सकती हैं, और मैं उसके बच्चे को अपना लूँगा.”
जय: “तो फिर मेरे असली पापा कौन हैं?”
ज्योति: “मैने अपनी लाइफ मे सिर्फ़ 3 लोगो से चुदवाया हैं. पहला शांतनु, दूसरा तुम्हे पता ही हैं वो कमीना आरके. तीसरा आदमी वो हैं जिस से मुझे जय पैदा हुआ. वो आदमी हैं मेरे ससुर, और सतीश के पापा.”
जय: “क्या!! दादा जी! वो मेरे पापा हैं. मगर उन्होने आपके साथ…”
ज्योति ने अब अपनी स्टोरी सुनानी शुरू की, किस तरह जय पैदा हुआ था.
जब डॉली का फर्स्ट बर्त डे था और उसकी पार्टी हुई थी. पार्टी के बाद सब मेहमान जा चुके थे. ड्राइवर राजेश अपनी बच्ची डॉली से मिलना चाहता था और आशीर्वाद देना चाहता था.
मगर सबके सामने तो कुच्छ कर नही सकता था, लोगो को शक हो जाता. इसलिए पार्टी के बाद देर रात वो ज्योति के पास पहुचा. ज्योति ने उसको अपने बेडरूम मे लिया और दरवाजा बंद कर दिया.
राजेश ने एक साल की बच्ची डॉली को गोद मे लिया और प्यार किया. वो काफ़ी रोया भी जिसको ज्योति ने संबल देकर समझाया की वो डॉली का ज़्यादा अच्छे से अपनी बेटी की तरह पालेगी.
आधे घंटे बाद जब राजेश बेडरूम से बाहर निकला और ज्योति उसको दरवाजे तक छोड़ने बाहर आई तो सामने खड़े ससुर जी ने उनको देख लिया.
राजेश वहाँ से निकल गया पर ससुर जी ने ज्योति को सुनाना शुरू कर दिया
ससुर जी: “ज्योति, मैने लोगो से सुना पर कभी यकीन नही किया की तुम्हारा कॅरक्टर ऐसा होगा. एक ड्राइवर के साथ रंगरेलिया मनाते तुमको शर्म नही आई!. मेरा बेटा सतीश तुमसे अलग सोता हैं इसका फ़ायदा उठा कर तुम किसी के साथ भी मूह काला करोगी?”
ज्योति ना तो राजेश का सच बता सकती थी और ना ही सतीश का सच बता सकती थी क्यूकी उस पर उसके अहसान थे. वो चुप चाप खड़े सब इल्ज़ाम सहती रहती.
ससुर जी: “अब तुम्हारे जैसी कुलटा औरत इस घर मे नही रहेगी, तुम इस घर से निकल जाओ, अपने इस पाप को लेकर. मैं इस लड़की का डीयेने टेस्ट करवाउन्गा, और सब पता चल जाएगा की यह लड़की सतीश की नही हैं”
ज्योति: “मैं इस घर से नही जा सकती. बदनामी सिर्फ़ मेरी नही आपकी भी होगी. इसलिए ऐसा गजब मत करो”
ससुर जी: “मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ कर सकता हूँ की मैं जैसा बोलू तुम वैसा करोगी”
ज्योति: “आप जो बोलॉगे मैं वैसा करने को तैयार हूँ”
ससुर जी: “अंदर बेडरूम मे चलो”
ज्योति और ससुर जी बेडरूम मे आ गये. ससुर जी ने दरवाजा लॉक कर दिया.
ससुर जी: “ज्योति, अपने कपड़े खोलो”
ज्योति: “क्या!!”
ससुर जी: “मुझे तुम्हारी खूबसूरती शुरू से ही पसंद थी. मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मुझसे चुदवा लो, फिर मेरा मूह बंद ही रहेगा”
ज्योति को पता था की अगर डॉली का राज खुलेगा तो बाय्फ्रेंड शांतनु से प्रेग्नेंट होने का राज भी खुल जाएगा. इसलिए उसने समझौता कर लिया.
|