RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण
वसीम फुल स्पीड में मूठ मार रहा था और शीतल वीर्य के बाहर आने का इंतजार कर रही थी। उसे डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। वसीम के लण्ड ने पिचकारी की तरह तेज धार के साथ सफेद गादा वीर्य छोड़ दिया, जिसे बसौम ने ब्रा के दोनों कप में भर दिया और फिर तुरंत ही पैटी को लण्ड में दबाकर उसे भिगोने लगा। जब उसका लण्ड शांत हो गया तो उसने हमेशा की तरह शीतल की पैंटी ब्रा को उसकी जगह पे टांग दिया और रूम बंद करता हआ अंदर चला गया।
शीतल के लिए अब एक लम्हा भी गुजारना मुश्किल हो रहा था। वो सोची की वसीम चाचा तो अंदर चले गये
और अब 3:00 बजे बाहर आएंगे और दुकान जाएंगे। मैं कपड़े अभी ले जाऊँ या आधे घंटे बाद क्या फर्क पड़ता है? पशीनं सं तर बतर हो चुकी थी शीतल। किसी तरह उसने 5 मिनट गुजारे और फिर स्टाररूम से बाहर आकर ऐसे छत पे आई जैसे नामली नीचे से अपने कपड़े ले जाने के लिए आई हो। शीतल चुपचाप धीरे-धीरे करके अपने कपड़े उठाई और नीचे भागी।
वसीम खान रूम के अंदर से उसे कपड़े उठाते और नीचे ले जाते हए देख रहा था और उसके चेहरे पे मुश्कान फैल गई। ऐसी शातिर मश्कान जो शिकारी को तब होती है जब उसका शिकार चारा खाने लगता है।
शीतल दौड़ती हुई नीचे आई और बाकी सारे कपड़े को टेबल पे फेंकी और पैंटी बा को देखने लगी। पैंटी अलग अलग जगह में भीगी हुई थी, लेकिन ब्रा के दोनों कप वीर्य में चिप-चिप कर रहे थे। शीतल वीर्य को सूंघने लगी और तुरंत ही नंगी हो गई। उसने बीर्य से भरे ब्रा को अपने चूची से चिपका लिया। शीतल सोफे पे सीधा लेट गई और पैटी को सूंघने चाटने लगी और फिर उसी पैंटी को पहन ली। फिर उसने ब्रा का चूचियों से अलग किया। शीतल की गोरी गोरी गोल मुलायम चचियां वीर्य लगने की वजह से चमक रही थीं। शीतल ब्रा को अपने चेहरे में रख ली और पैंटी को नीचे करके चूत में उंगली करने लगी।
शीतल पागलों की तरह कर रही थी। वो उठकर बैठ गई और पैटी को उतार दी और ब्रा को पहन ली। फिर वो वा के ऊपर से चूची मसलती हई चूत में उंगली करने लगी। चूत में पानी छोड़ दिया और शीतल शांत हुई।
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दौड़कर नीचे आने और पैटी ब्रा पे लगे वीर्य को सघने चाटने की हड़बड़ी के चक्कर में शीतल अपने घर का दरवाजा बंद करना भूल गई थी।
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शीतल के नीचे आने के दो मिनट बाद वसीम खान अपने कपड़े पहनकर चुपचाप नीचे आ गया और छुप कर शीतल को देखने लगा। वैसे तो उसे शीतल को देखने के लिए मेहनत करना पड़ता लेकिन दरवाजा खुला होने की वजह से वो पर्दै की आड़ में सब कुछ लाइव देख रहा था। शीतल के देर होने के बाद बसीम खान मुश्कुराता हुआ अपने रूम में चला गया। शिकार दाना चग चुका था और अब बस शिकार करने की देरी थी।
अपने रूम में आकर वसीम खान नंगा हो गया और बैंड पें लेटकर शीतल के हसीन जिम के सपने देखने लगा की कितना मजा आएगा इस कमसिन काली को चोदने में? कितना मजा आएगा जब ये अपनी टाँगें फैलाकर मेरा मसल लण्ड अपनी टाइट चूत में लेगी? आह्ह... कितना मजा आएगा जब में कुतिया बनाकर इसकी गाण्ड मारेगा? बहुत दिनों तक सस्ती रडियों को चोदकर लण्ड को शांत किया है, अब वक़्त आ गया है की मेरे इस लण्ड को मस्त माल मिले। मुझे शीतल शर्मा को अपनी रडी बनाना है और इसे दिन रात चोदते रहना है।
रंडी को क्या लगता है मुझे पता नहीं की वो स्टाररूम में छिपकर मुझे देख रही थी। इसलिए तो पूरा लण्ड उसके सामने कर दिया था मैंने। मजा तो तब आएगा मेरी रंडी शीतल, जब मेरा लण्ड तेरे हाथ में होगा और त उसे चूसकर उसका वीर्य सीधा अपने मुँह में लेगी।
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