RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
बाप ने नेहा को अपने बगल में लेटाया, जोर से उसको अपने सीने से चिपकाए। दोनों नंगी हालत में थे और पिता बोला- “बेटी, तुमने पापा को बहुत जबरदस्त मजा दिया आज, मैं 57 साल का हो गया हूँ और आज तक किसी भी औरत ने मेरे लण्ड को अपने मुँह में नहीं लिया था। बहुत ही मजा और अजीब सुकून मिला मुझे, मेरी दुलारी बिटिया तुमने पापा को इतना खुश किया कि समझ में नहीं आता कि मैं कैसे इजहार करूँ? शुक्रिया मेरी लाडली, बहुत-बहुत शुक्रिया... तुमने आज पापा को वो खुशी दी है जो शायद कोई नहीं दे पाता कभी..."
नेहा अपने पिता की छाती पर वहाँ के बाल पर अपनी उंगलियों को फेरते हुए पूछा- “पापा, माँ ने ऐसा कभी नहीं किया था आपके साथ?"
पापा ने जवाब दिया- “नहीं मेरी जान, तुम्हारी माँ बहुत पुराने खयालात वाली औरतों में से है, तुमको तो पता ही है। उसके साथ एक अच्छी लिप-किस करना भी मुश्किल है। मैं तो सिर्फ कल्पना करता था कि कोई औरत मेरे लण्ड को चूस रही है, तुमने आज मेरा एक सपना पूरा कर दिया मेरी नेहा बिटिया..."
नेहा ने जैसे एक बचकानी शरारती मुश्कान देते हुए अपने पापा की छाती पर किस किया, अपनी जीभ को छाती से उसके गले तक फेरा, उसके जिश्म के ऊपर चढ़ी, क्योंकी उस वक्त उसका पिता अपनी पीठ पर लेट गया था। नेहा ने अपने मुँह को बाप के मुँह से लगाया, होंठों से होंठ फिर से मिले और नेहा ने अपनी जीभ बाप के मुँह में डाला और दोनों एक दूसरे का रस पीने लगे और दोनों की जीभ एक दूसरे के मुँह में घुस गई और पूरे 5 मिनट तक वैसे ही रहे।
तब तक बाप का लण्ड फिर से खड़ा हो गया था तो उसने अपनी हथेली को नेहा की गाण्ड पर दबाया, और फेरा, उसकी दोनों टाँगों को फैलाया और अपने मोटे खड़े लण्ड को नेहा की गीली चूत पर जरा सा रगड़ा। फिर धीरे से उसकी चूत के अंदर घुसाया, बिल्कुल आराम से, धीरे से, बिना कोई जल्दी किए। और क्योंकी नेहा उनके ऊपर थी तो नेहा भी हिलने लगी, अपनी कमर की हिलाते हए और अपनी गाण्ड को उठक बैठक जैसे करते हए। अपने पंजे पर प्रेशर देते हुए नेहा ऊपर-नीचे हो रही थी अपने पापा के ऊपर, उसका पूरा नंगा जिश्म अपने पापा के जिश्म पर था, पापा का लण्ड नेहा की चूत के अंदर और नेहा का जिश्म ऊपर से नीचे बाप के जिश्म पर रगड़ रहा था, पापा की छाती पर रगड़ रही थीं और बाकी जिश्म के हिस्से भी, जाँघ, पेट, सब बाप के जिश्म पर पशीने में भीगे रगड़े जा रहे थे।
नेहा के उस तरह से ऊपर-नीचे उसके जिश्म पर रगड़ने से लण्ड उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। बाप तब तक कोई भी जोर नहीं लगा रहा था, सब नेहा ही कर रही थी अपने पापा के लिए। पापा नेहा की नंगी पीठ को सहला रहा था, तब उसने नेहा की दोनों चूचियों को अपने मजबूत हाथ में थामा, और आपना मुँह नजदीक किया। फिर चूचियों एक-एक करके चूसने लगा।
नेहा के निप्पलों को भी मुंह में लेकर चूसा उसके पिता ने, जबकि नेहा लगातार अपने जिश्म को रगड़ती जा रही थी और कसमसा रही थी सिसकारियों के साथ। नेहा अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठाकर छत को देख रही थी, अपने आक्सन को बरकरार रखते हुए। जब नेहा ने गर्दन को पीछे झटका तो उसके खुले बाल, सबके सब उसके पीठ पर फैल गये और उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा दिए, जिसको बाप निहारते जा रहा था। आज उसकी बेटी एक औरत बनकर उसको वो खुशी दे रही थी जो शायद ही कोई बेटी अपने बाप को देती हो।
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