Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:02 PM,
#9
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
कुछ दूर चलने के बाद बारिश शुरू हो गई.. तो मैंने जानबूझ कर जंगल वाला रास्ता चुना कि बारिश में फंसे तो जंगल में ही तो कुछ करने का ज्यादा चान्स मिलेगा और शायद मेरी किस्मत को भी यही मंजूर था। अभी हम लोग आधे जंगल ही पहुँचे होंगे कि बारिश तेज होने लगी। सो हम एक पेड़ के नीचे रुकने के लिए भागे.. लेकिन तब तक हम भीग चुके थे और भीगने के कारण कपड़े उसके बदन से चिपक गए थे.. जिससे वो और भी सेक्सी लग रही थी।
आप लोगों ने भी किसी को भीगे कपड़ों में देखा होगा… सो अंदाज़ा तो लगा ही सकते हैं कि वो कितनी सेक्सी लग रही होगी। मेरा लंड तन कर पैन्ट फाड़ने को रेडी था कि तभी ज़ोर से बिजली कड़की और वो मेरे गले से लग गई।
मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसको अपने से चिपका लिया। पहली बार उसके पूरे बदन को मैं महसूस कर रहा था.. तो मैंने सोचा इतना अच्छा मौका है तो उसका फ़ायदा तो उठाना ही चाहिए। मैंने उसकी गर्दन कर हल्का सा किस कर दिया और किसी भी लड़की को अगर गर्दन पर किस किया जाए तो वो अन्दर से हिल जाती है.. सो वो भी सिहर उठी और मुझे और भी ज़ोर से पकड़ लिया।
मैं समझ गया कि ये गरम हो रही है.. सो मैं उसके नंगे बदन पर हल्के से हाथ फेरने लगा.. जिससे वो और एग्ज़ाइटेड हो रही थी। अभी आगे कुछ और होता उससे पहले मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और लिप किस करने लगा। तब तक मेरा हाथ कैसे शांत बैठा रहता.. सो मेरा हाथ भी उसके बुरड़ों तक पहुँच गया और उसको दबाने लगा।
उम्मीद से ज्यादा मुलायम बुरड़ थे.. उसके बुरड़ों को कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं नीचे बढ़ने लगा। उसकी गर्दन पर किस करते हुए चूचियों के पास पहुँचा और ऊपर से ही चूसने लगा। फिर और नीचे को बढ़ा.. पेट पर किस करने लगा.. तो वो चहकने लगी.. उसके मुँह से निकलने वाली सीत्कार मुझे बहुत ही मीठी लग रही थीं।
कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं फिर ऊपर चूचियों की तरफ़ बढ़ने लगा और ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को काटने-खाने लगा। फिर मैंने हाथ को पीछे किया और ब्लाउज की डोर को खोलने ही वाला था कि उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
दीप्ति- नहीं.. रूको.. ये सब ग़लत हो रहा है।
मैं- कुछ ग़लत नहीं हो रहा है मेरी जान.. मैं तुम से प्यार करता हूँ।
दीप्ति- और तुम ये सब कर रहे थे.. पता नहीं मुझे क्या हो गया था.. मैं तुमको नहीं रोका.. सॉरी..
मैं उसको खींच कर अपने से चिपका कर बोला- मेरी जान.. शायद तुम भी मुझसे प्यार करती हो.. तब तो इतना कुछ हुआ.. लेकिन नहीं रोका तो अब किस बात का डर है?
दीप्ति- हाँ मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ लेकिन तुम मुझसे छोटे हो और मेरे भाई के दोस्त हो.. जय को पता चलेगा तो उसको कितना बुरा लगेगा उसने भरोसा करके मुझे तुम्हारे साथ भेजा।
मैं- उसे पता चलेगा तब ना.. और जब ज़रूरत पड़ेगी तो मैं उसको बता दूँगा।
दीप्ति- मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.. अब घर वापस चलो।
मैं - ओके लेकिन तुम पूरी भीग गई हो सो मैंने उसको बाइक की डिक्की में से रेनकोट निकाल कर दिया और बोला- लो इसको पहन लो.. तो उसको पहन लिया और हम घर आ गए।
जब मैं अन्दर गया तो देखा जय फोन पर बात कर रहा था, मैं समझ गया कि कांता से बात कर रहा होगा।
खैर.. दीप्ति अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गई और मैंने भी जय के कपड़े लेकर पहन लिए और उसके कमरे में चला गया।
दीप्ति- तुम यहाँ क्या कर रहे हो.. भाई यहीं है।
मैं- नहीं है.. कुछ खाने का सामन लाने गया है।
दीप्ति- क्या हुआ बोलो?
मैं- सॉरी बोलने आया हूँ।
दीप्ति- किस बात का?
मैं- कुछ देर पहले जो हुआ उस बात के लिए.. मुझे लगा तुम भी मुझसे प्यार करती हो.. सो.. लेकिन शायद मुझे अभी भी लग रहा है कि तुम मुझसे प्यार करती हो। आज रात मैं यही रुक रहा हूँ तुमने कहा था ना.. तुम्हारा फॉर्म भरने के लिए। तुम मुझे रात को जगा देना.. 12-1 बजे के बाद.. तब मैं भर दूँगा और हाँ मुझे अभी भी लगता है कि तुम मुझसे प्यार करती हो। अगर तुम्हारे मन में मेरे लिए थोड़ी सी भी फीलिंग हो.. तो रात को मेरा दिया हुआ ड्रेस पहन कर आना.. अगर तुम वो ड्रेस पहन कर आओगी.. तो मैं ‘हाँ’ समझूँगा.. नहीं तो मैं फिर तुमको कभी भी परेशान नहीं करूँगा।
इतना बोल कर मैं वापस लौट आया और मन में सोचा कि लगता है अब इस तरह एमोशनल ब्लैकमेल करके काम बन जाएगा..
रात का खाना बन गया था.. सब खा रहे थे.. तभी।
मैं- मैं कहाँ सोऊँगा?
दीप्ति- जय के साथ..
जय- नहीं मैं बिस्तर शेयर नहीं करने वाला हूँ.. एक काम कर तू पापा के कमरे में सो जा.. वैसे भी तू रात को उसका फॉर्म भरने उठेगा। मुझे अपनी नींद नहीं खराब करनी है। पापा का कमरे दीदी के कमरे के पास ही है.. वो तुमको आसानी से उठा देगी।
मैं- ओके.. ठीक है वहीं सो जाऊँगा।
जय- ओके भाई.. गुड नाइट मैं चला सोने.. मुझे बहुत ज़ोर से नींद आ रही है।
फिर मेरे कान में सट कर बोला- बेटा आज मत चूकना.. मैं तेरी बहन का अब और इंतज़ार नहीं कर सकता।
मैं- टेन्शन मत ले.. कल तू चले जाना मेरे घर..
जय- ओके थैंक्स!
अब हम लोग अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए। नींद तो मुझे आ नहीं रही थी.. लेकिन लेटा था इस इंतज़ार में.. कि जवाब ‘हाँ’ आए.. पता नहीं कब आँख लग गई.. तभी मेरे कान में प्यारी सी आवाज़ गूँजी। तब जाकर मेरी आँख खुली तो देखा दीप्ति थी।
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ - by desiaks - 02-23-2021, 12:02 PM

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